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VIDEO…प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए सडक़ों पर बिना ड्रेस कोड के चालक चला रहे व्यवसायिक वाहन

- बिना ड्रेस कोड के वाहन चलाने वाले चालकों पर कोई कार्रवाई नहीं होने से स्थिति बिगड़ी

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Nagaur news

Drivers driving commercial vehicles without dress code on roads in violation of provisions

-परिवहन विभाग की ओर से गत पांच सालों में बिना ड्रेस कोड वाहन चलाने वाले चालकों पर कार्रवाई का आंकड़ा जीरो रहा
-प्रावधानो के अनुसार बिना ड्रेस कोड नहीं चल सकते है व्यवसायिक वाहन
-रोडवेज से लेकर ऑटो व टैक्सिंया व ट्रक तक चालक बिना वर्दी के चला रहे
नागौर. सडक़ों पर बिना ड्रेस कोड के चालक व्यवसायिक वाहनों का संचालन करने में लगे हैं। यह बरसों से यूं ही बिना किसी वर्दी को पहने सडक़ों पर धड़ल्ले से व्यवसायिक वाहनों का चालन बेखौंफ कर रहे हैं। इसके बाद भी इनके खिलाफ कार्रवाई के नाम पर आंकड़ों की संख्या दहाई भी नहीं है। यह स्थिति एक एक साल से नहीं, बल्कि कई सालों से बनी हुई है। हालांकि कार्रवाई के नाम व्हीकल एक्ट के तहत चालकों के खिलाफ जुर्माना आदि कई बार लगाया गया, लेकिन बिना वर्दी व्यवसायिक वाहन का संचालन करते पाए जाने पर भी अब तक एक भी चालक के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है।
पड़ताल में बिना ड्रेस कोड वाहन चलाते मिले चालक
अकेले नागौर शहर में स्टेशन रोड, कलक्ट्रेट मार्ग, नकासगेट, गांधी चौक, सदर बाजार, दिल्ली गेट, केन्द्रीय बस स्टैंड, मूण्डवा चौराहा, मानासर चौराहा एवं सुगनसिंह सर्किल आदि क्षेत्रों में करीब तीन से चार घंटे तक पड़ताल के दौरान इन सभी प्रमुख स्थानों पर खाक छानी गई तो ऑटो चालक से लेकर बस व ट्रक चालक तक ड्रेस कोड के प्रावधानों को अंगूठा दिखाते हुए वाहन चलाते नजर आए। स्थिति यह रही कि मंगलवार को विजयबल्लभ चौराहा से केवल एक घ्ंाटे में ही 56 व्यवसायिक वाहन निकल गए। इसी तरह से कलक्ट्रेट चौराहे पर एक घंटे में 37, सुगन सिंह सर्किल 79, गांधी चौक से 93, मानासर चौराहा से 176 व मूण्डवा चौराहा से 149 वाहन निकले। इनमें से एक ने भी वर्दी नहीं पहनी थी।इसमें यात्री वाहन, भार वाहन, ऑटो, जीप आदि शामिल थे।
जिलों में कार्रवाई का आंकड़ा औसत भी नहीं
इस संबंध में प्रदेश के विभिन्न जिलों में पड़ताल कराई गई तो पता चला कि अधिनियम बनने के 20 साल बाद भी प्रदेश के कुल 33 जिलों में से एक भी जिले में इस पर आज तक वाहन का चालान तक नहीं किया जा सका है। यह स्थिति केवल नागौर की नहीं, बल्कि पाली, राजसमंद, श्रीगंगानगर, कोटा, करौली, प्रतापगढ़, सीकर, झुंझनू, सिरोही, जालोर सहित राजधानी जयपुर की भी रही है। इन जिलों में गत पांच वर्षों के दौरान ड्रेस कोड के तहत कार्रवाई के एक भी प्रकरण कार्रवाई के नहीं मिले।
क्या कहता है अधिनियम
मोटर वाहन अधिनियम के तहत व्यवसायिक वाहनों में आटो, टेक्सी, कार, जीप, टै्रक्टर आदि वाहन के चालकों को डे्रस कोड पहनना पड़ेगा। बिना ड्रेस कोड व्यवसायिक वाहनों का चालन नहीं किया जा सकता है। मसलन रोडवेज चालक होगा तो फिर उसे विभाग की ओर से निर्धारित ड्रेस कोड पहनना होगा। इसी तरह व्यवसायिक श्रेणी में आने वाले अन्य वाहन चालकों को भी ड्रेस कोड की पालना करनी अनिवार्य होती है। प्रावधान की पालना नहीं किए जाने पर जुर्माने का प्रावधान है।
इनका कहना है...
व्यवसायिक वाहनों का चालन बिना ड्रेस कोड नहीं किया जा सकता है। इस संबंध में परिवहन विभाग की ओर से वाहन जांच के दौरान चालकों को हिदायत दिए जाने के साथ इसके बारे में समझाए जाने का कार्य किया जाता है। हालांकि कार्रवाई परिवहन अधिनियम के तहत की जाती है, लेकिन ड्रेस कोड के बारे में फिलहाल लोगों को जागरुक करने का प्रयास है। इस बाबत भी प्रावधान के अनुसार विभाग की ओर से यथोचित कदम उठाए जाएंगे।
सुप्रिया बिश्नोई, जिला परिवहन अधिकारी नागौर