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वीडियो…उड़ गई हर फिक्र जब गूंजे रफी के गीत, खुले मंच पर बरसी ‘स्वर-साधना’

रफी के दीवानों ने बांधा समां, जी उठे रफी

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nagaur hindi news

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नागौर. आसमान के नीचे जब सुरीले फनकारों ने अपने पसंदीदा गायक मोहम्मद रफी को स्वरांजलि दी तो खचाखच भरे नागौर क्लब में बैठा हर शख्स सुरों में डूबता चला गया। रफी की पुण्यतिथि पर महज उन्हें याद नहीं किया गया, बल्कि स्वर-साधना के फनकारों ने उनके गाए गानों की संगीतमय प्रस्तुति देकर उन्हें ‘जीया’।
जब रफी के बेहद लोकप्रिय गीत की स्वरलहरियां ‘हर फिक्र को धुएं में उड़ाता चला गया...’ गूंजी तो श्रोताओं ने उस मस्ती को तालियों की गडगड़़ाहट से दर्शाया। वहीं जब रफी का गाया नशीला गीत ‘गुलाबी आंखें, जो तेरी देखी, शराबी ये दिल हो गया...’ सुनकर हर कोई शरारती-सा हो गया। वहीं जब राग मालकोस पर आधारित रफी के गाए भजन ‘मन तड़पत हरि दर्शन को आज...’ की प्रस्तुति हुई तो मानो स्वरों के सच्चे भक्तों ने उन्हें आकण्ठ संगीत में डूबकर याद किया हो। मौका था राजस्थान पत्रिका के स्वर-साधना कार्यक्रम के तहत मंगलवार को नागौर क्लब में आयोजित मोहम्मद रफी नाइट का।
अद्भुत और यादगार कार्यक्रम
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि साबिर हुसैन ने कहा कि पत्रिका ने हमेशा सामाजिक सरोकार से जुड़े अद्भुत कार्य किए हैं। पत्रिका की भावना शहर के फनकारों को मंच उपलब्ध कराना था, जो उन्होंने बखूबी करके दिखाया। मुख्य अतिथि हुसैन ने सभी कलाकारों और पत्रिका परिवार के सदस्यों की प्रशंसा की। पत्रिका परिवार की ओर से मुख्य अतिथि हुसैन, विशिष्ट अतिथि राजेश रावल तथा शास्त्रीय संगीत शिक्षक भूराराम शर्मा का साफा व माला पहनाकर स्वागत किया। संपादकीय प्रभारी रूद्रेश शर्मा ने सभी आगन्तुकों व कार्यक्रम में सहयोग करने वालों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस दौरान डॉ. संगीता बारूपाल, प्रवीण बांठिया, महावीर इंटरनेशनल के अध्यक्ष नरेन्द्र संखलेचा, देवेन्द्र त्रिवेदी, तनसुखराज बारूपाल, गणेश त्रिवेदी, श्याम अटल, संस्था के सचिव जे.के. जैन, भामाशाह गोविंद कड़ेल, डॉ. एल.के. झा, रामप्रकाश बिशु सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
इन्होंने दी स्वरांजलि...
कार्यक्रम में लक्ष्मीनारायण सोनी, डिम्पल सिखवाल, पूजा बजाज, मुन्ना स्वर्णकार, पप्सा मड़ी, नरेन्द्र जोशी ‘प्रेमी’, कैलाश गौड़, धर्मपाल मड़ी, मोहम्मद युसूफ बक्षी, जैन समाज के जाने माने गायक श्रेयांस सिंघवी, लोक गायक दिनेश माली, गुलाम अंसारी, कैलाश माकड़, रिफाकत अली, शराफत अली, विनय वैष्णव, अमितसिंह परिहार, खुशवंत परिहार, प्रीतम भट्ट, एस.के. गौरी, व नरेन्द्र पारीक ने एक से बढकऱ एक प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम का संचालन गणेश जोशी ने किया। कार्यक्रम को संगीतकार कुंदन परिहार के सुरीले मार्गदर्शन ने शानदार बनाया दिया। इस मौके पर तबले पर राकेश गोरमात,ऑर्गन पर छीनू सिसोदिया, ढोलक पर कैलाश गोरमात, ऑक्टोपेड पर मुकेश गोरमात, प्रिंस तथा गिटार पर जोधपुर के हितेश परिहार ने संगत की।