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अवैध शराब के हादसे पर नपेंगे आबकारी निरीक्षक, अब बार के लिए शॉर्ट टर्म लाइसेंस की सुविधा

- अयोध्या में कुर्की का रास्ता साफ, नागौर आबकारी विभाग के हक में फैसला, जल्द होगी कुर्की शुरू-नई आबकारी नीति के चलते अंग्रेजी शराब होगी सस्ती तो देसी मदिरा के बढ़ेंगे दाम

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अवैध शराब

नई आबकारी नीति में यह बदलाव करते हुए बार संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ ठेकेदारों को भी राहत देने की कोशिश की गई है। अंग्रेजी शराब सस्ती तो देसी मदिरा को महंगी करने का भी इंतजाम किया गया है।

नागौर. अवैध शराब के सेवन पर किसी भी तरह के हादसे के लिए अब क्षेत्र का आबकारी निरीक्षक भी जिम्मेदार होगा। नई आबकारी नीति में यह बदलाव करते हुए बार संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ ठेकेदारों को भी राहत देने की कोशिश की गई है। अंग्रेजी शराब सस्ती तो देसी मदिरा को महंगी करने का भी इंतजाम किया गया है। इधर, वसूली के बरसों से अयोध्या में चल रहे केस पर नागौर आबकारी विभाग को जीत हासिल हुई है, जिससे कुर्की का रास्ता साफ हो गया।

सूत्रो के अनुसार नागौर जिले में करीब शराब की 277 अधिकृत दुकान हैं। नए वित्तीय वर्ष के लिए आबकारी नीति में सरकार ने कई फेरबदल किए हैं। जिनको लेकर कहीं ठेकेदार खुश हैं तो कहीं नाराज भी। आबकारी नीति में इस बार आंशिक संशोधन किया गया है। दुकानदारों पर पड़ने वाला गारंटी राशि का दबाव कम होगा। निर्धारित आबकारी ड्यूटी की राशि से अधिक राशि की देसी मदिरा उठाई तो उसकी गणना वार्षिक गारंटी राशि में की जा सकेगी। न्यूनतम रिजर्व प्राइस में जितने प्रतिशत बढ़ोतरी की गई, उसमें देसी मदिरा का भाग बढ़ाने की आवश्यकता नहीं रहेगी, बल्कि उसकी पूर्ति बीयर-वाइन से की जा सकेगी।

सूत्रों का कहना है कि जिलेभर में चल रही अधिकृत दुकानें यदि ठेका लेना चाहें तो 25 अप्रेल से पहले लेने वालों को पंद्रह फीसदी और इसके बाद लेने वालों को बीस फीसदी की गारंटी अधिक देनी होगी। मदिरा दुकान की वार्षिक गारंटी राशि में देसी मदिरा की निर्धारित आबकारी ड्यूटी की राशि से अधिक की देसी मदिरा उठाने पर गणना वार्षिक गारंटी राशि की पूर्ति में की जाएगी। काफी समय से ठेकेदारों को यह समस्या थी कि किसी दुकान पर अंग्रेजी शराब तो किसी पर देशी शराब की खपत ज्यादा थी। इसके चलते बिक्री वाली शराब का पैसा ठेकेदार को नकद जमा करवाना पड़ता था। अब राज्य सरकार के इस फैसले से ठेकेदारों को राहत मिलेगी। उक्त संशोधन के अलावा एक ओर संशोधन आबकारी नीति में किया। जिसके तहत जिस ठेकेदार का विभाग में पैसा जमा है, यदि वह इस वर्ष के लिए नई दुकान लेता है तो जमा रकम को नई दुकान के लिए समायोजित करवा सकता है।

अब बार के लिए शॉर्ट टर्म लाइसेंस

सूत्र बताते हैं कि नई नीति में अब बार लाइसेंस के लिए भी राहत दी गई है, पहले साल के किसी महीने में लाइसेंस लो, फीस पूरी बारह महीने की देनी होती थी। अब ऐसा नहीं है, जुलाई में लो तो अप्रेल मई और जून की फीस नहीं देनी होगी। बार लाइसेंस तीन महीने के लिए जारी होगा, इसे शॉर्ट टर्म लाइसेंस नाम दिया गया है। मतलब पूरे साल की फीस से राहत देते हुए बार संचालकों को अलग-अलग समय के हिसाब से शराब बेचने की सुविधा दी गई है। अब अगर बार शुरू करने के तीन महीने तक रेवेन्यू नहीं आता है तो उसका मालिक लाइसेंस रिन्यू नहीं कराने का फैसला भी ले सकता है।

अंग्रेजी शराब पर विशेष ध्यान

राज्य सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत देश में बनने वाली अंग्रेजी शराब पर लगने वाले अतिरिक्त आबकारी शुल्क को खत्म करने का फैसला किया गया है। वहीं, दूसरी तरह देसी शराब की कीमत बढ़ाई हैं।

एक अप्रेल से यह होगा हाल

एक अप्रेल से राजस्थान निर्मित और देसी शराब के पव्वे पर 2 रुपए का इजाफा होगा। वहीं, देश में बनने वाली अंग्रेजी शराब 20 रुपए तक सस्ती मिलेगी। इसी तरह बियर के दाम में भी कटौती की गई है।

अयोध्या में मिली नागौर को राहत

शराब के करीब 23 साल पुराने नागौर आबकारी कार्यालय के अटके 25 करोड़ की वसूली का मार्ग प्रशस्त हो गया है। अयोध्या में बकायादार राजेश निगम के अलका टॉवर/होटल एक हिस्सेदार ने अदालत में यह कहकर याचिका लगा दी कि इस पूरी जमीन में एक चौथाई हिस्सा राजेश निगम का है, ऐसे में अब तो टॉवर को कैसे नीलाम किया जा सकता है? 24 जनवरी इसकी सुनवाई में नागौर आबकारी विभाग के हक में फैसला आ गया। अब इस वसूली के लिए कुर्की शुरू होगी। राजेश निगम का बकाया मय जुर्माना सौ करोड़ से अधिक हो गया। एमनेस्टी योजना के तहत 25 करोड़ में इस प्रकरण को खत्म करने के प्रयास भी काफी समय से चल रहे थे।

27 करोड़ का बकाया

करीब दस महीनों की दौड़-धूप के बाद भी आबकारी विभाग को अब तक बकाया नहीं मिल पाया है। करीब 27 करोड़ का बकाया है। 47 बकायादारों से वसूली में फिसड्डी रह गए। फिलहाल इनसे वसूली भी धीमी पड़ गई है।

इनका कहना...

पुराने दुकानदारों को रिन्यू का मौका दिया गया है। बार लाइसेंस में अब सालाना के बजाय तिमाही शुल्क का प्रावधान किया गया है। अयोध्या का फैसला नागौर के हक में हुआ है, जल्द टॉवर की कुर्की होगी। यहां के शेष बकायादारों से वसूली करेंगे।

-मनोज बिस्सा जिला आबकारी अधिकारी, नागौर