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नागौर शहर में सजी पटाखों की दुकानें, उड़ रही नियमों की धज्जियां

नागौर शहर में करीब 75 जनों को मिला अस्थाई लाइसेंस, सडक़ों पर सजा दी पटाखों की दुकानें, नियम विरुद्ध दुकान के बाहर पटाखे बेचने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई

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नियम विरुद्ध दुकान के बाहर पटाखे बेच रहे

नागौर. दीपावली के त्योहार पर पटाखे चलाने के लिए बच्चों से लेकर बड़े तक सब तैयार हैं। उपखंड प्रशासन से अस्थाई दुकानों के लाइसेंस जारी होने के बाद शहर के बाजारों के साथ गली-मोहल्लों में पटाखों की दुकानें भी सज गई हैं, जहां पटाखे बेचे जा रहे हैं। प्रशासन ने जिन शर्तों व नियमों के तहत पटाखे बेचने की अनुमति दी है, उनकी शहर सहित जिलेभर में धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

नागौर में पटाखे कब और कितने बजे तक चलाए जाएंगे, यह तो अभी तक तय नहीं हुआ है, लेकिन पटाखे बेचने में दुकानदारों को क्या सावधानी रखनी है, इसको लेकर गाइडलाइन जारी कर दी गई है। गृह विभाग की ओर से पूर्व में जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार इस बार भी ग्रीन पटाखे बेचने व चलाने की अनुमति जारी की गई है। इसके बावजूद अस्थाई लाइसेंसधारियों ने दुकानों में ग्रीन पटाखों के साथ सिंथेटिक पटाखे सजा लिए हैं। खास बात यह है कि बिक्री भी ग्रीन की बजाए ज्यादा प्रदूषण फैलाने व आवाज करने वाले पटाखों की हो रही है।

गौरतलब है कि जिला कलक्टर ने गत 29 सितम्बर को दीपावली पर पटाखों की बिक्री करने के लिए अस्थाई लाइसेंस लेने के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे, जिसमें स्पष्ट लिखा था कि दीपावली पर ग्रीन पटाखे बेचने की अनुमति दी जाएगी। साथ ही यह भी कहा कि एक पटाखे की दुकान से दूसरे पटाखे की दुकान के बीच 15 मीटर की दूरी होना आवश्यक है, लेकिन जैसे ही दुकानदारों को लाइसेंस मिले हैं, ज्यादातर ने नियमों की अवहेलना करते हुए ग्रीन पटाखों के साथ सिंथेटिक पटाखे बेचना शुरू कर दिया है। साथ ही दुकानें भी पास-पास लगा ली हैं, वो भी सडक़ों पर, जो कि नियम विरुद्ध है।

नियम कई हैं, पर पालना नहीं होती

सूत्रों के अनुसार दुकानदारों को पटाखे बेचने के लिए लाइसेंस कुछ शर्तों के साथ दिए गए हैं। पहली शर्त यह है कि कोई भी दुकानदार किसी भी छोटे बच्चे को पटाखे नहीं बेच सकेंगे। पटाखे वयस्कों की मौजूदगी में ही दिए जाएंगे। पटाखे की दुकान के आसपास कोई धूम्रपान सामग्री, लैंप और मोमबत्ती जैसी चीजें नहीं रखेंगे। ऐसी चीजें जो आग लगा सकती हैं या उसे फैला सकती हैं, उसे दुकान से रखना होगा। इसके साथ दो पटाखों की दुकानों के बीच 15 मीटर की दूरी आवश्यक होगी। दुकान के ऊपर या नीचे कोई परिवार न रहता हो। इन सबके साथ दुकान में आग बुझाने के यंत्र, बालू मिट्टी भी रखना अनिवार्य है, ताकि आपात स्थिति में आग को रोका जा सके। इस गाइडलाइन का उल्लंघन पाए जाने पर लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द भी किया जा सकता है।

सिंथेटिक पटाखों की बिक्री प्रतिबंधित

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने सिंथेटिक पटाखों की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दी है। इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है। ऐसे में हर साल दीपावली पर जिला प्रशासन की ओर से दुकानदारों को केवल ग्रीन पटाखे बेचने व लोगों को पटाखे चलाने की अनुमति दी जाती है। ये आम पटाखों की तुलना में कम प्रदूषण फैलाते हैं और सेहत के लिए भी कम हानिकारक होते हैं।

कार्रवाई करेंगे

शहर में पटाखे बेचने के लिए करीब 75 अस्थाई लाइसेंस जारी किए गए हैं। यदि कोई लाइसेंसधारी नियमों की अवहेलना कर रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

- गोविन्दसिंह भींचर, एसडीएम, नागौर