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शराबियों की ये है सैरगाह, यहां बिकती है सबसे सस्ती शराब

Fake Liquor Factories In Rajasthan: अवैध शराब का सबसे ज्यादा खेल नागौर जिले के परबतसर में हो रहा है। यहां के उचेरिया और बिदियाद में स्प्रिट से सर्वाधिक देसी शराब बनाई जा रही है। वैसे तो अवैध शराब की फैक्ट्री व कारोबार पकड़नेे में नागौर प्रदेशभर में टॉप फाइव में रहा है।

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नागौर

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Kirti Verma

May 17, 2023

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नागौर/पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क.Illegal Liquor Selling In Rajasthan: अवैध शराब का सबसे ज्यादा खेल नागौर जिले के परबतसर में हो रहा है। यहां के उचेरिया और बिदियाद में स्प्रिट से सर्वाधिक देसी शराब बनाई जा रही है। वैसे तो अवैध शराब की फैक्ट्री व कारोबार पकड़नेे में नागौर प्रदेशभर में टॉप फाइव में रहा है। हाल ही खत्म वित्तीय वर्ष में प्रदेशभर में कुल 36 नकली शराब की फैक्ट्री पकड़ी गईं, उनमें अकेले नागौर की 24थीं।

सूत्रों के अनुसार एक अप्रेल 2022 से 31 मार्च तक पकड़ी गई नकली शराब की फैक्ट्री 22 थीं। इस तरह दो दर्जन नकली शराब के कारखाने पकड़े गए, जहां स्प्रिट से शराब बनकर अंग्रेजी शराब के तरह-तरह मशहूर ब्राण्ड में पैक की जाती थी। सस्ती और मशहूर ब्राण्ड की यह नकली अंग्रेजी शराब बिक भी खूब रही थी। आबकारी विभाग की सख्ती के बावजूद जिले के कुछ इलाकों में अवैध शराब बनाने और बेचने का धंधा अभी थमा नहीं है। परबतसर ही नहीं कुचामन, डेगाना समेत कुछ इलाकों में ये बदस्तूर जारी है।

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बताया जाता है कि अवैध शराब में भी देसी शराब और उसके लिए स्प्रिट की आवक रोकना टेढ़ी खीर बना हुआ है। हरियाणा के अलावा उत्तर प्रदेश व पंजाब से आती स्प्रिट यहां के अवैध शराब के कारोबारियों तक आसानी से पहुंच रही है। यही नहीं खत्म हुए साल में करीब छह सौ मामले दर्ज भी हुए जहां अवैध शराब बनते अथवा बिकते पकड़ी गई।

मुखबिरों को प्रोत्साहन की मांग
सूत्र बताते हैं कि अवैध शराब के कारोबारियों को पकड़नेे में मुखबिरों की काफी मदद मिलती है। बावजूद इसके देसी शराब/स्प्रिट पकड़वाने वाले मुखबिरों को कोई प्रोत्साहन राशि नहीं दी जा रही। बताया जाता है कि हाल ही में हुई बैठक में इसकी मांग उठाई गई, जिसके संबंध में उच्च अधिकारियों ने प्रस्ताव बनाकर भेजने को कहा।

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समय-समय पर अवैध शराब पकड़ी जा रही है। नकली शराब के कारखाने पकड़ने में तो नागौर पूरे प्रदेश में अव्वल रहा है। परबतसर में ज्यादा बनती है और स्प्रिट अवैध शराब बनाने के काम आती है, इसकी सप्लाई पर रोक जरूरी है। मुखबिर प्रोत्साहन देने की मांग बैठक में उठाई है।
मनोज बिस्सा, जिला आबकारी अधिकारी, नागौर