वीडियो : नागौर में सरपंचों ने पंचायतीराज मंत्री मीणा के खिलाफ खोला मोर्चा, तख्तापलट की चेतावनी
नागौर जिला मुख्यालय पर सरपंचों ने एक दिवसीय महापड़ाव डालकर भरी हुंकार- 20 जुलाई को ग्राम पंचायतों की बैठकों का बहिष्कार व तालाबंदी होगी, 25 को जयपुर में होगी प्रदेश सरपंच संघ की बैठक
In Nagaur, sarpanches opened a front against Minister Ramesh Meena
नागौर. नागौर जिला मुख्यालय पर पशु प्रदर्शनी स्थल पर सोमवार को पंचायतीराज मंत्री रमेश चंद मीणा को हटाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर नागौर सरपंच संघ की ओर से एक दिवसीय महापड़ाव आयोजित किया गया। सरपंचों के महापड़ाव में राजस्थान सरपंच संघ के प्रदेशाध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल सहित प्रदेश कार्यकारिणी के पदधिकारी एवं प्रदेशभर के लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक जिलों के जिलाध्यक्षों ने भाग लेकर पंचायतीराज मंत्री के खिलाफ एकजुटता का संदेश दिया।
इस दौरान सरपंच संघों के पदाधिकारियों ने मनरेगा में कच्चे कामों के साथ पक्के कामों की स्वीकृतियां जारी करने, पिछले 16 माह से अटके मनरेगा के भुगतान को जारी करने, जांच के नाम पर सरपंचों को परेशान नहीं करने की मांग उठाई। करीब चार घंटे तक पशु प्रदर्शनी स्थल पर पड़ाव डालने के बाद सरपंच रैली के रूप में कलक्ट्रेट पहुंचे तथा जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। सरपंच संघ के प्रदेशाध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल ने संबोधित करते हुए कहा कि पंचायतीराज मंत्री ने जो समझौता हुआ, उसे लागू नहीं करके गलत किया है। बिना भुगतान किए जांच करवाना भी अनुचित है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का सरपंच संघ नागौर नागौर के साथ है। मंत्री को हटाने की मांग के समर्थन में 20 जुलाई को प्रदेशभर की ग्राम पंचायतों की ग्राम सभाओं का बहिष्कार करके पंचायतों पर तालाबंदी की जाएगी। इसके बाद 25 जुलाई को प्रदेश के सभी सरपंच संघों की जयपुर में बैठक होगी, जिसमें आगामी रणनीति पर चर्चा करके निर्णय लिया जाएगा। मंत्री का इस्तीफा नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
नागौर सरपंच संघ के जिलाध्यक्ष अशोक गोलिया ने कहा कि समस्या सौ है, लेकिन समाधान एक है और वो है मंत्री को हटाएं। मंत्री को जांच करानी है तो सबसे पहले मेरी पंचायत की करवाएं, लेकिन उसके साथ सपोटरा की भी करवाओ। जिलाध्यक्ष गोलिया ने कहा कि ऐसे मंत्री रहे तो कहना पड़ेगा कि आगे से सरपंच का चुनाव नहीं लड़ेंगे। गांवों की सरकार को एक मंत्री चोर बता रहा है ऐसे मंत्री को जवाब देना जरूरी है। हम हर जांच को तैयार है लेकिन उसके साथ ही सपोटरा पंचायत समिति की भी जांच होनी चाहिए। भुगतान किए बिना ही कह रहे हैं कि घोटाला हो गया। हिम्मत है तो अबकी बार आकर मीटिंग लेकर दिखाए, जो आज नागौर में किया वो जयपुर में भी कर सकते हैं। पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने के लिए ऐसे मंत्री का हटना जरूरी है।
प्रदेश सरपंच संघ के संरक्षक भंवर लाल जानू ने कहा कि पंचायतों को 29 विषय दिए गए लेकिन धीरे धीरे सारे विषय निकाल दिए। पिछली बार हमने दिल्ली जाकर 1800 करोड़ रुपए रिलीज करवाए लेकिन राज्य सरकार जारी नहीं कर रही है। गत दिनों केंद्र सरकार ने मनरेगा राशि जारी की लेकिन राज्य सरकार उसे दबाकर बैठी है। सीमित निविदा 5 लाख तक व पूरे साल में 50 लाख तक के कार्य पूरे साल में करने की मंजूरी दी लेकिन उसे पोर्टल पर चढ़ाने की बाध्यता डाल दी। हमारी मांग है कि मंत्री रमेश मीणा सभी सरपंचों से माफी मांगें तथा पूर्व में किए गए समझौते को लागू किया जाए। लालाराम अणदा ने कहा कि हमें जांचों से घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि हमने पारदर्शिता से काम किया है। सरकार व सरपंच संघ के बीच पूर्व में हुए समझौते की शर्तों की आज तक पालना नहीं हुई। कोरोना काल में सरपंचों ने सबसे ज्यादा कार्य करते हुए ग्राम पंचायतों में लोगों को नया जीवन दान दिया।
चुरू जिलाध्यक्ष नवीन सीलु ने कहा कि घाव सैंकड़ों मंजूर है लेकिन स्वाभिमान को ठेस बर्दाश्त नहीं। अपने हितों की रक्षा के लिए हम ईंट से ईंट बजा देंगे। कुचामन ब्लॉक अध्यक्ष ने कहा कि मंत्री जी को लगता है कि इतना बड़ा घोटाला हुआ तो पहले उनको इस्तीफा देकर नागौर आना चाहिए। सरपंच एकजुट होकर मंत्री जी को हटाने के लिए कमर कस लें।
भाकरोद सरपंच सुरेंद्र भाकल ने कहा कि हमें एकजुट होकर संघर्ष करना है। आज सरपंचों की हालत पेन और ढक्कन वाली हो गई है। सीकर जिलाध्यक्ष हनुमान जाजड़ा ने कहा कि नागौर की धरा से पंचायत राज की स्थापना हुई उसी धरती से आन्दोलन का आगाज हुआ है। समझौते की पालना नहीं कर हमारे साथ धोखा किया है। मनरेगा में 12 महीने से मेट का भुगतान नहीं हो रहा है। सरपंचों की मांगें नहीं माने जाने तक सांसद विधायकों का स्वागत सम्मान नहीं करेंगे।
डाबड़ा सरपंच ममता कंवर ने कहा कि मंत्री महोदय द्वारा लगाए गए झूठे आरोपों का सामना करने की हिम्मत है। हमारे कार्यों की निरीक्षण रिपोर्ट सकारात्मक आने के बावजूद आरोप लगा रहे हैं। टीम को लताड़ लगाना शोभा नहीं देता। मनरेगा का भुगतान 15 महीने से नहीं हुआ तो घोटाला कैसे हुआ। मॉडल तालाब स्वीकृति से व अधिकारियों की निगरानी में होते हैं फिर घोटाले कैसे हो गए। मुख्यमंत्री जी से मांग करती हूं कि रमेश मीणा को निलंबित किया जाए व मीणा सब सरपंचों से माफी मांगें। मांगें नहीं मानने पर प्रदेश भर में पंचायतों को ताला लगाएंगे।
संरक्षक पूना राम ने कहा कि हमें घबराने की जरूरत नहीं है। अधिकारी हमारे छोटे व बड़े बाबू है। सरपंच की कोई पार्टी नहीं होती। हमारी मांगों पर गौर नहीं किया तो आगामी चुनाव में इनके दरिया बिछाने वाले नहीं मिलेंगे। सरपंच संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयराम जी पलसानिया के कहा कि सरपंचों को एक करने का बीड़ा उठाना जरूरी था क्योंकि बिना आंदोलन सरकार नहीं मानती। सरकार ने केवल दो ऑडिट करने की बात थी जबकि अब एनजीओ को ऑडिट का काम देकर सरपंचों को प्रताड़ित किया जा रहा है। कई राज्यों में सरपंच बीएसआर दर से कार्य किया जा सकता है तो बाकी राज्यों में क्यों नहीं हो सकता। यह आगाज हर जिले तक पहुंचना चाहिए।
ब्लॉक सरपंच संघ खींवसर अध्यक्ष जगदीश बिडियासर ने कहा कि सरपंच ही ऐसा व्यक्ति है जो आधी रात को गांव में काम आता है। गांवों की सरकार से राज्य की सरकार बनाते हैं। मंत्री पद से इस्तीफा देकर सरपंच बनकर दिखा दीजिए। सरपंच किसी पार्टी में नहीं होकर स्वतंत्र होता है मनरेगा मेट का भुगतान नहीं होने से गांव में कोई मेट तक बनना नहीं चाहते। मंत्री जी सबके सामने माफी मांगे। गांव में स्वागत करते हैं लेकिन मंत्रीजी अनर्गल व तथ्यहीन आरोप लगा रहे हैं। काम सही होने के बावजूद उसे गलत बताने वाले को धिक्कार है। तालाबों में काम व टांकों के निर्माण को गलत बता रहे हैंजबकि इनकी बहुत जरूरत है।
नागौर जिला सरपंच संघ संरक्षक भागीरथ यादव ने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू ने जब नागौर से पंचायत राज का आगाज किया उस समय गांवों के विकास का सपना था लेकिन उसी पार्टी की सरकार अब विकास की गति को अवरुद्ध कर रही है। सरपंचों ने कोरोना में जान जोखिम में डालकर लोगों का जीवन बचाया। दुर्भाग्य है कि सरकार ने गांवों के मुखिया को सम्मानित तक नहीं किया। करोली में काम नहीं करने के बावजूद एक ही फर्म को पूरी पंचायत समिति का टेंडर दिया जा रहा है। हम पर लांछन लगाया है उससे घबराने वाले नहीं है लेकिन बर्दाश्त भी नहीं करेंगे। कितनी भी जांचें करवा लें पगड़ी पर जो आरोप लगाया है , मूंडवा के कार्मिकों को निलंबित किया है, वह भारी पड़ेगा।बड़े शर्म की बात है कि सरपंचों की जांच के लिए मंत्री आए तो एक भी विधायक नहीं आए। प्रस्ताव लिया गया नागौर जिले के विधायक प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिलकर मंत्री का इस्तीफा नहीं मांगेंगे तो आगामी 2023में उनका साथ नहीं देंगे। सरकार द्वारा मनरेगा में टांका निर्माण को लेकर जारी आदेश वापस नहीं लेने पर 500 पंचायतों में मनरेगा में कच्चे कार्यों का बहिष्कार किया जाएगा। अबकी बार सरकार से जो भी बातचीत होगी वो खुले में होगी। इस बार धोखा नहीं होना चाहिए। बलाया सरपंच पुखराज काला ने कहा कि रमेश मीणा जैसे मंत्री सरकार के लिए दीमक समान है। प्रदेश महामंत्री शक्ति सिंह रावत ने कहा कि सरकार के तुग़लकी आदेश से मान सम्मान को ठेस पहुंचाई उसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस मंच पर मंत्री के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाते हैं।
सरपंच अमर चंद ने कहा कि नागौर में लगाया गया लांछन पूरे राजस्थान के सरपंचों पर लांछन है। झुंझुनू जिलाध्यक्ष संजय नेहरा ने कहा कि गहलोत जी आप मंत्री को हटाएं वरना हम राज बदल देंगे। सवाई माधोपुर जिलाध्यक्ष नेमीचंद मीना ने कहा कि सरपंचों की बेइज्जती बर्दाश्त नहीं होगी। सरपंच विकास की कड़ी है और उसमें सरकार बनाने वबिगाड़ने की क्षमता रखता है। यह लड़ाई आरपार की होनी चाहिए। झालाना जिलाध्यक्ष अर्जुन सिंह ने कहा कि यह लड़ाई बहुत लंबी है। राजस्थान के मंत्री के सूर्यास्त के समय है।
गंगानगर जिलाध्यक्ष मनीष कुलरिया ने कहा कि जुल्म को खुद मिटाना है। चितौड़गढ़ जिलाध्यक्ष गणेश साहू ने कहा कि सरपंचों के हितों के लिए सदैव साथ देंगे।
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