Nagaur.चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निदेशालय की ओर से स्वाइन फ्लू को लेकर प्रदेश के चिकित्सालयों में जहां रोगियों की सजगता से जांच करने के निर्देश मिले हैं, वहीं जेएलएन में इस निर्देश का कहीं कोई असर नजर नहीं आ रहा। अस्पताल में दोपहर में करीब सवा 12 बजे पड़ताल की गई तो वहां पर 99 प्रतिशत चिकित्सकों के चेंबर्स खाली मिले। इस दौरान वहां पर हैरान-परेशान दूरदराज क्षेत्रों से आए रोगी जरूर मिले। डॉक्टर्स के चेंबर्स की फोटोग्राफी करते देखकर पूछने लगे कि डॉक्टर कब आएंगे, आज नहीं मिलेंगे क्या, रोगियों के सवाल उनकी बेचारगी की व्यथा खुद-ब-खुद बता रहे थे। स्थिति यह थी कि मुख्य गेट से प्रवेश करने पर दायीं ओर स्थित बने चिकित्सकों के चेंबर में 90 प्रतिशत से ज्यादा से खाली मिले। अब गिने-चुने मिले चिकित्सकों में से कोई भी न तो एप्रिन में नजर आया, और न ही उनके रोगियों को लिखी जाने वाली दवाओं की सूचियां थी। एक चिकित्सक एप्रिन में मिले तो लेकिन उन्होंने भी जींस की पेंट पहन रखी थी। इस संबंध में अनाधिकारिक तौर पर एक रोगी के तौर पर कुछ डॉक्टर्स से बातचीत हुई तो उनका कहना था कि अपने अस्पताल के कलक्टर व निदेशक तो हम खुद हैं, हमारा कोई क्या कर लेगा। अब ऐसे हालात में कोई रोगी का इलाज कैसे हो सकता है, यह तो जिम्मेदार ही बता सकते हैं।