
नागौर. नवाचार के रूप में जिले भर में लागू की गई नंदिनी योजना में 608 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों को दूध उपलब्ध करवाया जा रहा है। गौरतलब है कि जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम कीपहल पर गत अगस्त 2017 में जिले के सभी आंगनबाड़ी केद्रों पर 0 ये 6 वर्ष तक के बच्चों के पोषाहार में दूध को सम्मिलित किया गया था। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से जिले भर में संचालित करीब 2722 आंगनबाड़ी केन्द्रों में से 608 केन्द्रों पर भामाशाहों के सहयोग से बच्चों को दूध पिलाया जा रहा है। नंदिनी योजना में नागौर ग्रामीण 195 केन्द्रों के साथ पहले स्थान पर है जबकि परबतसर 3 केन्द्रों के साथ अंतिम पायदान पर है।
भामाशाह ले सकते हैं गोद
जिले के समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आने वाले बच्चों व बालिकाओं को दूध पिलाने के लिए भामाशाहों का सहयोग लिया जाता है। 16 अगस्त 2017 में 322 भामाशाहों के सहयोग से शुरू केन्द्रों की संख्या अब 608 तक पहुंच चुकी हैं, जहां बच्चों को दूध दिया जा रहा है। कलक्टर ने एक केन्द्र को गोद लेकर उसमें दूध पर आने वाला खर्च वहन कर रहे हैं। इसके अलावा विभिन्न विभागों के अन्य अधिकारियों से भी एक-एक आंगनबाड़ी केन्द्र गोद लेने का आह्वान कलक्टर गौतम ने किया था। गौरतलब है कि नागौर प्रदेश में पहला ऐसा जिला है जहां आंगनबाड़ी केन्द्रों पर नंदिनी योजना के अंतर्गत दूध पिलाया जा रहा है।
क्रियान्वयन में आ रही दिक्कत
आंगनबाड़ी केन्द्रों को आधुनिक व आदर्श बनाने के लिए सामुदायिक सहभागिता बढाते हुए नंदघर योजना के तहत भामाशाहों,गैर सरकारी संगठनों व कॉर्पोरेट घरानों की ओर से सहायता दी जा रही है। इसके तहत प्रथम वर्ष में 40 हजार व इसके बाद के चार वर्ष तक दस-दस हजार रुपए प्रति वर्ष खर्च की जानी है। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर रिक्त पदों के चलते नंदिनी योजना के क्रियान्वयन में परेशानी भी कम नहीं है। जिले में स्वीकृत 2722 केन्द्रों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के 63, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के 6 तथा आंगनबाड़ी सहायिका के 63 पद रिक्त हैं।
जिले भर में नंदिनी योजना एक नजर में
परियोजना केन्द्र
मेड़ता सिटी 40
कुचामनसिटी 132
नागौर ग्रामीण 195
डीडवाना ग्रामीण 20
परबतसर 03
डीडवाना शहरी 42
मूण्डवा 25
मकराना ग्रामीण 05
मकराना शहरी 39
रियां बड़ी 35
डेगाना 72
Published on:
25 Mar 2018 06:57 pm
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