
teacher transfer
प्रदेश में पिछले करीब पांच साल से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नहीं हो पाए हैं, ऐसे में कई स्कूलों में पद खाली पड़े हैं। दूसरी ओर वर्षों से बाहरी जिलों में बैठे शिक्षकों की तबादले के इंतजार में आंखें पथरा गई हैं। प्रदेश की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों की मांग पर 18 अगस्त 2021 से शाला दर्पण पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन मांगे थे, जिसमें प्रदेश के 33 जिलों से कुल 80 हजार 781 शिक्षकों ने आवेदन कर तबादला करने की मांग की, लेकिन गहलोत सरकार ने आवेदन लेने के करीब दो साल तक सत्ता में रहने के बावजूद तबादले नहीं किए। अब शिक्षकों को नई सरकार से उम्मीद है।
बाड़मेर से सबसे अधिक आवेदन
प्रदेश सरकार की ओर से तृतीय श्रेणी शिक्षकों से दो साल पहले ऑनलाइन मांगे गए आवेदनों में सबसे अधिक आवेदन बाड़मेर जिले से किए गए। 15वीं विधानसभा के अंतिम सत्र में पूर्व विधायक कालीवरण सराफ की ओर से लगाए गए सवाल का जवाब देते हुए सरकार ने बताया कि तृतीय श्रेणी अध्यापकों के तबादलों के लिए विभाग ने 14 अगस्त 2021 को पत्र जारी कर ऑनलाइन शाला दर्पण पोर्टल के माध्यम से 18 से 25 अबस्त 2021 तक आवेदन चाहे गए थे। सरकार की ओर से उपलब्ध करवाई गई जानकारी के अनुसार सबसे अधिक 7671 आवेदन बाड़मेर जिले से आए। इसी प्रकार जोधपुर से 5346, नागौर से 3820, उदयपुर से 3778, भीलवाड़ा से 4363, बीकानेर से 3495 तथा अजमेर से 3223 शिक्षकों ने आवेदन किए।
सरकार की नीति रह गई प्रक्रियाधीन
शिक्षकों के तबादलों को लेकर विधायकों की ओर से विधानसभा में पूछे सवालों के जवाब में सरकार ने एक ही जवाब दिया कि तृतीय श्रेणी अध्यापकों के संबंध में स्थानांतरण नीति प्रक्रियाधीन होने के कारण ऑनलइान लिए गए आवेदनों के आधार पर तबादले नहीं किए गए। साथ ही तृतीय श्रेणी शिक्षकों की डीपीसी भी दो-तीन साल से नहीं हुई है, इसके चलते सरकारी क्षेत्र की स्कूलों में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के पद भी खाली पड़े हैं।
शिक्षकों की पीड़ा नहीं समझ रहा कोई
लम्बे समय से दूसरे जिलों में बैठे शिक्षकों की पीड़ा सरकार समझ नहीं रही है। खासकर महिला शिक्षकों की स्थिति ज्यादा गंभीर है। धौलपुर जिले के सैंपऊ ब्लॉक के जगरियापुरा विद्यालय में नियुक्त शारीरिक शिक्षिका दुर्गा देवी ने बताया कि उसका एक बच्चा बीमार है, जिसका उपचार अजमेर में चल रहा है, दूसरा दो साल का है और दोनों की जिम्मेदारी उस पर है, क्योंकि उसके पति भारतीय सेना में कार्यरत हैं। ऐसे कई शिक्षक हैं जो बड़ी परेशानियों से जूझ रहे हैं।
सरकार जल्द बनाए तबादला नीति
तबादलों को लेकर तृतीय श्रेणी शिक्षक के साथ पिछले पांच वर्षों से सौतला व्यवहार किया जा रहा है। 2018 के बाद तृतीय श्रेणी शिक्षकों को छोडकऱ अन्य सभी शिक्षक श्रेणी के तबादले किए गए। वर्ष 2021 में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले करने के लिए सरकार ने ऑनलाइन आवेदन भी लिए, लेकिन पांच वर्ष से अधिक समय के बाद भी न ही तबादला नीति बनी और न ही तबादले किए गए। इससे तृतीय श्रेणी शिक्षक मानसिक और सामाजिक रूप पीडि़त हो रहे हैं। प्रदेश सरकार को जल्द से जल्द तबादला नीति बनाकर तबादले करने चाहिए।
- सुरेन्द्र जाजड़ा, जिलाध्यक्ष, राजस्थान शिक्षक संघ युवा, नागौर
Published on:
09 Jan 2024 11:47 am
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