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मूंग की एमएसपी तो बढ़ाई, अब खरीद की मात्रा बढ़ाएं तो बने बात

जिले में इस बार मूंग की बुआई रिकॉर्ड स्तर पर, अच्छी बारिश होने से पैदावार भी बम्पर होने की उम्मीद- एमएसपी पर खरीद की मात्रा नहीं बढ़ाई तो किसानों को नहीं मिल पाएगा फायदा

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MSP of moong increased, now increase the quantity of purchase

MSP of moong increased, now increase the quantity of purchase

नागौर. केन्द्र सरकार ने इस बार सबसे ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मूंग बढ़ाई है। सामान्यतया एमएसपी में 4 से 6 प्रतिशत वृद्धि होती है, लेकिन खरीफ सीजन की प्रमुख दलहन फसल मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2022-23 के 7,755 रुपए प्रति क्विंटल से 10.35 प्रतिशत बढ़ाकर 2023-24 में 8,558 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है। हालांकि राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस बढ़ोतरी के पीछे मुख्य वजह विधानसभा चुनाव है, क्योंकि मूंग के मुख्य उत्पादक राज्य राजस्थान व मध्यप्रदेश है। कारण चाहे कुछ भी हो, सरकार की इस घोषणा का लाभ किसानों को तभी मिलेगा, जब किसानों से एमएसपी पर मूंग की खरीद की जाएगी। यदि हर बार की तरह विभिन्न रोड़े अटकाकर किसानों को पंजीकरण ही नहीं करने दिया तो सरकार की यह घोषणा केवल कागजी साबित हो जाएगी।

गौरतलब है कि नागौर जिले में प्रदेश का सबसे अधिक मूंग उत्पादन किया जाता है। पिछले पांच साल का औसत उत्पादन भी 4 लाख, 16 हजार, 629 मीट्रिक टन है, लेकिन सरकार पिछले तीन साल से उपज का 12 प्रतिशत भी खरीद नहीं कर रही है। किसानों का कहना है कि सरकार को प्रति किसान 25 क्विंटल की जगह 40 क्विंटल की खरीद एमएसपी पर करनी चाहिए, जबकि पिछले तीन साल के आंकड़ें देखें तो साफ जाहिर हो रहा है कि सरकार 25 प्रतिशत का आधा भी नहीं कर रही है।

नागौर में आधी से ज्यादा बुआई मूंग की
कृषि विभाग के अनुसार जिले में इस बार खरीफ बुआई का लक्ष्य 12 लाख, 26 हजार हैक्टेयर का रखा गया था, जिसकी तुलना में 99.16 प्रतिशत यानी 12 लाख, 15 हजार, 682 हैक्टेयर बुआई हो गई। इसमें खास बात यह है कि कुल बुआई में मूंग की बुआई 6 लाख, 15 हजार, 690 हैक्टेयर की गई है, यानी आधी से ज्यादा बुआई तो केवल मूंग की है। शेष में बाजरा, मोठ, ग्वार, कपास, ज्वार सहित अन्य खरीफ फसलें हैं।

क्या कहते हैं किसान
इस बार मौसम व बारिश अच्छी होने से फसल उत्पादन में इजाफा होने की उम्मीद है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि एमएसपी खरीद की मात्रा को बढ़ाए, ताकि किसानों को एमएसपी में वृद्धि का वास्तविक लाभ मिल सके। अन्यथा एमएसपी में बढ़ोतरी केवल दिखावा साबित होगा।
- छोटूराम रोज, युवा कृषक, खजवाना

राजस्थान में नागौर वो जिला है, जो सबसे ज्यादा मूंग का उत्पादन करता है, ऐसे में यहां के किसानों को लाभ तभी मिलेगा, जब उन्हें मूंग के भाव एमएसपी के बराबर या उससे अधिक मिलेंगे। आज मूंग की खेती काफी महंगी साबित हो रही है, ऐसे में जब किसानों को साढ़े आठ हजार प्रति क्विंटल से अधिक भाव नहीं मिलेंगे, तब तक लाभ नहीं होगा। सरकार को 25 क्विंटल की जगह 40 क्विंटल मूंग की खरीद एमएसपी पर करनी चाहिए।
- दिनेश कुमार फरड़ौदा, पूर्व सरपंच, मुंदियाड़