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नागौर : फोरलेन मार्ग का नाला बना नशे और अनैतिक गतिविधियों का हॉटस्पॉट

नशेड़ियों का सुरक्षित ठिकाना ,पनप रही नशे और अपराध की जड़ें, नाले में बैठकर लगाते हैं स्मैक के कस, नाले में अनैतिक काम होने के भी मिले सबूत

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नाले में नशा करते पकड़े जाने पर भागते युवक

नाले में नशा करते पकड़े जाने पर भागते युवक


नागौर. नागौर शहर में कानून-व्यवस्था और सामाजिक सुरक्षा पर सवाल खड़े कर देने वाला मामला सामने आया है। मानासर आरओबी से मूण्डवा तिराहा होते हुए विजय वल्लभ चौक तक बनी फोरलेन सड़क के दोनों तरफ गहरे और चौड़े नाले बने हुए हैं। ये नाले नशेड़ियों का ठिकाना बन गए हैं। ये नाले खुले और सुनसान होने के कारण बेधड़क स्मैक समेत अन्य नशों के सेवन की गतिविधियां हो रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि नशेड़ी दिन-दिनभर इन नालों में जुटते हैं और इसे नशे का अड्डा बना रखा है।

हैरानी की बात यह है कि यहां न पुलिस की निगरानी है और न ही संबंधित विभागों ने कार्रवाई की है। नाले के आसपास की अनदेखी और सुरक्षा की कमी ने इसे नशे और अनैतिक गतिविधियों के लिए उपयुक्त स्थान बना दिया है। नागरिकों का कहना है कि पुलिस प्रशासन की ओर से अगर जल्द कार्रवाई नहीं की तो शहर में गंभीर अपराध और सामाजिक असुरक्षा के मामले बढ़ सकते हैं।

युवक नाले में उतरकर दिनभर करते हैं नशा

पत्रिका स्टिंग के दौरान सामने आया कि नशेड़ी युवक सड़क किनारे बने नालों में उतरकर घंटों बैठते हैं और स्मैक, गांजा, शराब सहित अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं। बाहर से देखने पर यह स्थान सामान्य नाले जैसा प्रतीत होता है, लेकिन भीतर उतरते ही नशे करने का पूरा ‘सेटअप’ नजर आता है। नशेड़ियों को न किसी का डर है और न ही पकड़े जाने की चिंता, क्योंकि यहां उन्हें रोकने-टोकने वाला कोई नहीं।

अनैतिक गतिविधियों के भी मिले सबूत

स्टिंग के दौरान स्थिति और भी चौंकाने वाली सामने आई। नालों के भीतर न केवल नशेड़ी मिले, बल्कि वहां अनैतिक गतिविधियों के स्पष्ट संकेत भी पाए गए। मौके से कंडोम, पेड, प्लास्टिक कवर और अन्य आपत्तिजनक सामग्री मिली। इससे यह स्पष्ट होता है कि इन नालों को कुछ लोगों ने अनैतिक कार्यों का अड्डा बना लिया है। यह स्थिति कानून-व्यवस्था पर बड़ा सवाल है।

स्टेडियम के पास हालात ज्यादा गंभीर

शहर के खेल स्टेडियम के सामने बने नाले में इस तरह की गतिविधियां होना और भी गंभीर मामला है। इस क्षेत्र में रोजाना बच्चों, युवाओं, युवतियों, महिलाओं और बुजुर्गों का आना-जाना लगा रहता है। सुबह-शाम लोग यहां टहलने आते हैं, बच्चे खेलते हैं और परिवार के लोग समय बिताते हैं। ऐसे में खुलेआम नशा और अनैतिक गतिविधियों का होना बच्चों और युवाओं पर गलत प्रभाव डाल रहा है।

शहर में बढ़ रही नशेड़ियों की संख्या

स्टेडियम के कर्मचारियों व स्थानीय लोगों का कहना है कि नागौर शहर में नशेड़ियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। पहले यह गतिविधियां सूनसान इलाकों या रेलवे ट्रैक के आसपास देखने को मिलती थीं, अब मुख्य सड़कों और सार्वजनिक स्थानों के पास भी नशेड़ीबेधड़क दिखाई दे रहे हैं।

प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर सवाल

बड़ा सवाल यह है कि इतनी गंभीर गतिविधियों के बावजूद प्रशासन और पुलिस की नजर इन पर क्यों नहीं पड़ रही। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार शिकायत के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। यदि समय रहते इन नालों की निगरानी, सफाई और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए, तो स्थिति बिगड़ सकती है। जरूरत है कि पुलिस, नगर परिषद और प्रशासन संयुक्त रूप से कार्रवाई करे, नालों को सुरक्षित किया जाए और नशे के इस बढ़ते जाल पर सख्ती से लगाम लगाई जाए।