प्रदेश में नागौर ग्राम पंचायतवार वन्य जीवों की गिनती करने वाला पहला जिला
डेढ़ हजार से ज्यादा गांवों में वन्यजीव गणना विभाग का नवाचार, सैंकड़ों की संख्या में लगाए वालंटियर
नागौर. गोगेलाव कंजर्वेशन क्षेत्र में हाई-वे से सटी सीमा जहां बनेगी चारदीवारी।
शरद शुक्ला-नागौर. वन क्षेत्र के बाद अब जिले की ग्राम पंचायतों में वन्यजीवों की गणना होगी। विभागीय अधिकारियों के अनुसार यह प्रयोग पहली बार किया जाएगा। इस गणना के बाद वन्यजीवों की वास्तविक संख्या रिकार्ड के रूप में सामने आ सकेगी। इस संबंध में योजना बनाकर प्रधान मुख्य वन संरक्षक को भेजी गई थी, सहमति मिलने पर काम शुरू कर दिया है।
जिले भर के साढ़े चार सौ से ज्यादा ग्राम पंचायतों में वन विभाग की ओर से पंचायतवार वन्यजीवों की गणना शुरू की गई है। विभाग ने गणना में जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं इससे जुड़े गांवों को शामिल किया है। पहली बार डेढ़ हजार से ज्यादा गांवों के जंगली क्षेत्र में रहने वाले पशु गणना में शामिल किए गए हैं। गणना के इतिहास में यह ऐतिहासिक प्रयोग वन्यजीवों की वास्तविक संख्या को सामने लाने के लिए विभाग ने प्रायोगित तौर पर शुरू किया है। अधिकारियों ने बताया कि प्रयोग सफल रहने पर निश्चित रूप से गणना का नया स्वरूप विभागीय कार्यशैली में शामिल किया जाएगा।
इसलिए लिया फैसला
अधिकारियों ने बताया कि विभाग के वन क्षेत्रों में वाटर प्वांट्स पर वन्यजीवों गिनती लगभग हो जाती है। इसके साथ ही कई वन्य जीव अक्सर रिहायशी क्षेत्रों से सटे जंगली क्षेत्रों में रहना शुरू कर देते हैं। इससे वह गणना में नहीं आ पाते हैं। इस कारण विभाग ने इनकी वास्तविक संख्या का पता लगाने के लिए पहली बार इस तरह का नवाचार किया है। इसमें भी वन्यजीवों की श्रेणी में शामिल सभी की गिनती की जाएगी।
ग्रामीणों की ली मदद
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार ग्राम पंचायत एवं इससे जुड़े गांवों की संख्या डेढ़ हजार से ज्यादा होने के कारण स्थानीय स्तर पर ग्रामीणों की मदद ली गई है। विभाग ने उनसे संपर्क कर वन्यजीवों की महत्ता समझाने के साथ ही इसका हिस्सा बनने के लिए ग्रामीणों से सहयोग मांगा है। ग्रामीणों ने भी विभाग को गणना कार्य में स्वेच्छा से शामिल होने की मंजूरी दी। इसके बाद ग्रामीणों को गणना कार्य में बतौर वालंटियर शामिल किया गया। उन्हें गणना की आधारभूत संरचना एवं तरीका समझाने के बाद काम शुरू किया गया।ग्रामीणों की ली मदद
इनका कहना है…
&वन्यजीवों की गणना पहली बार विभाग ग्रामवार करा रहा है। इसके लिए काफी संख्या में ग्रामीण वालंटियर्स को लगाया है। इससे वन जीवों में ज्ञात एवं अज्ञात जीवों की वास्तविक संख्या सामने आ सकेगी।
मोहित गुप्ता, उपवन सरंक्षक वन विभाग, नागौर