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हमारा जेएलएन अस्पताल प्रदेश में तीसरे स्थान पर

तीन लाख से करना होगा संतोष, आपसी सहयोग से काम करते तो आते नम्बर वन

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prasuta died in jln nagaur

Nagaur JLN Hospital

नागौर. जिला मुख्यालय का जेएलएन राजकीय अस्पताल 'कायाकल्प पुरस्कार योजना' में प्रदेश में तीसरे स्थान पर रहा है। करीब सवा माह पूर्व स्टेट कमेटी द्वारा किए गए निरीक्षण के बाद जारी परिणाम में नागौर को प्रदेश के 27 जिला अस्पतालों में तीसरा स्थान मिलना एक ओर जहां काफी सुखद है, वहीं दूसरी ओर दो अन्य जिलों से पिछडऩे का अफसोस भी है। अफसोस इसलिए कि तीसरे स्थान पर रहने पर जेएलएन अस्पताल को पुरस्कार के तौर पर तीन लाख रुपए दिए जाएंगे, जबकि यदि हम प्रथम आते तो ५० लाख रुपए का पुरस्कार मिलता। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जिन जिलों से हम पीछे रहे हैं उनके अंकों में और हमारे अंकों में बहुत कम अंतर है।

गौरतलब है कि सरकार की ओर से सरकारी अस्पतालों की दशा सुधारने के लिए शुरू की गई 'कायाकल्प पुरस्कार योजना' के तहत गत 24 व 25 नवम्बर को स्टेट कमेटी जिला मुख्यालय के जेएलएन राजकीय अस्पताल में सफाई, चिकित्सा सुविधाएं, बायो मेडिकल निष्पादन, संक्रमण नियंत्रण आदि व्यवस्थाओं को जांचने के लिए दो सदस्यीय टीम नागौर आई थी। टीम ने अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था एवं मैनेजमेंट का निरीक्षण किया। इसके साथ अस्पताल के आसपास की सफाई, नालियों की सफाई, अस्पताल भवन का रख-रखाव, अपशिष्ट पदार्थों की समुचित निकासी, बॉयोमेडिकल वेस्ट का प्रबंधन, संक्रमण नियंत्रण की व्यवस्था, प्रसूति कक्ष स्वास्थ्य के कितने अनुकूल हैं आदि बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए निरीक्षण किया। इसके साथ अस्पताल के डॉक्टर एवं चिकित्साकर्मियों का रोगियों व जनता के प्रति व्यवहार एवं आपसी सहयोग को भी नोटिस किया था।

छवि सुधरी है
नागौर के जेएलएन अस्पताल को प्रदेश में तीसरा स्थान मिलने से हमारे अस्पताल की छवि में सुधार हुआ है। निरीक्षण कमेटी के सदस्यों का कहना है कि योजना के तहत अस्पताल को तीन लाख मिलेंगे, लेकिन नागौर में नेशनल क्वालिटी इंश्योरेंस में काम कराने का प्रयास भी किया जाएगा।


सब अपना-अपना काम करें
नागौर के जेएलएन अस्पताल में सब कुछ ठीक था, इसके बावजूद दो जिलों से पिछडऩे का मुख्य स्टाफ में कॉपरेशन (आपस में साथ मिलकर काम करना) नहीं होना रहा। जेएलएन अस्पताल के स्टाफ एवं डॉक्टर को चाहिए कि वे अपना-अपना काम खुद कर ले तो बाकी व्यवस्थाएं अपने आप सुधर जाएंगी।
- डॉ. रामबाबू जायसवाल, नोडल अधिकारी, स्टेट कमेटी, कायाकल्प पुरस्कार योजना

इस बार प्रयास करेंगे
कायाकल्प पुरस्कार योजना में पहला पुरस्कार लेने के लिए हमने पूरे प्रयास किए थे। इसके बावजूद हम तीसरा स्थान ही प्राप्त कर पाए। अगली बार हमारी कोशिश रहेगी कि हम प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त करें।
- डॉ. अपूर्व कौशिक, पीएमओ, जेएलएन अस्पताल, नागौर