नागौर . इसे ‘ऊपर वाले’ का कहर कहें या फिर कुछ ओर। एक साल पहले बीमारी ने पति को छीन लिया। फिर दो मासूम बेटों के भरोसे जिंदगी की गाड़ी को खींच रही थी, लेकिन शायद ‘ऊपर वाले’ को यह भी मंजूर नहीं था। ‘ऊपर वाले’ ने एक हादसे में बीते दो दिन में दोनों मासूम बेटों को भी छीन लिया। अब घर में कोई कमाने वाला नहीं रहा। दु:खों का यह पहाड़ टूटा ददवाड़ा क्षेत्र के औलादन भुणास की ढाणी निवासी आशा कंवर पर। घर में अब बची तो सिर्फ बुजुर्ग सास और आशा कंवर। दोनों मासूम बेटों की दर्दनाक मौत के बाद आशा बेसुध हो गई।
जानकारी के अनुसार पति राम सिंह की मौत के बाद अपने बेटे 15 वर्षीय ओम सिंह व 14 वर्षीय बेटे लाल सिंह को आशा कंवर पाल रही थी। दोनों भाई रविवार को छापला गांव में अपने मामा की शादी में शामिल होकर बाइक से अपने गांव औलादन लौट रहे थे। तभी दधवाड़ा के निकट सामने से आ रही केसिंग से ओवरलोड भरी पिकअप ने उन्हें कुचल दिया। इससे बाइक सवार लाल सिंह की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। जबकि ओमसिंह को गंभीर घायल हाल में जोधपुर रैफर किया गया। इधर, लाल सिंह की चिता ठंडी भी नहीं हुई कि सोमवार को ओम सिंह ने भी जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। इस खबर ने गांव सहित आस-पास के क्षेत्र में लोगों की आंख नम कर दी। ओमसिंह का शव मंगलवार को उसके गांव पहुंचा।
विधवा आशा कंवर पर टूटा दु:खों का पहाड़
पति की मौत का गम अभी कम भी नहीं हुआ था कि दो पुत्रों की सडक़ दुर्घटना में असमय हुई मौत से विधवा आशा कंवर पर दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा। दुर्घटना ने आशा कंवर का जीने के सहारा छीन लिया। इस हृदय विदारक घटना से दोनों गांव ननिहाल छापला और औलादन में मानों मातम छा गया। दोनों बेटों की मौत के बाद आशा कंवर बेसुद हो गई। एक साल पहले कम उम्र में पति रामङ्क्षसह की मौत हुई थी। अब काल ने उसके दोनों पुत्रों को छीन लिया। आशा को बुढ़ापे में सहारा देने वाला परिवार में कोई नहीं रहा।
पशु पालन कर गुजारा कर रहे थे
ग्रामीणों के अनुसार आशा कंवर अपने दोनों बेटों के साथ मिलकर पशु पालन कर परिवार का गुजर -बसर कर रहे थे। दोनों मासूमों के भरोसे जिंदगी जी रही थी। लेकिन अब आखिरी सहारा भी छिन गया।