
Pratap Sagar talab Nagaur
नागौर. प्रताप सागर तालाब में हो रही गंदे पानी की आवक को लेकर नगर परिषद की अनदेखी लोगों पर भारी पड़ रही है। नगर परिषद आयुक्त बार-बार शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं कर मामले की अनदेखी कर रहे थे। करीब 13 महीने पहले आयुक्त श्रवण चौधरी ने नाली का गंदा पानी तालाब में नहीं छोडऩे के निर्देश दिए थे, लेकिन निर्देशों की पालना आज तक नहीं हुई। रविवार शाम को उपखंड अधिकारी परसाराम टाक आयुक्त की ‘अनदेखी’ का जायजा लेने प्रताप सागर तालाब पहुंचे।
समिति पदाधिकारियों से मिले
उपखंड अधिकारी परसाराम टाक ने गंदे पानी की आवक का मौका देखा व जबरेश्वर महादेव सेवा समिति के मंत्री ओमप्रकाश सैन, प्रेमचंद लुणावत समेत अन्य पदाधिकारियों से चर्चा की। टाक ने कहा कि प्रताप सागर में गंदे पानी की आवक रोकने के लिए एक योजना तैयार कर घरों का गंदा पानी सीवरेज की मुख्य लाइन में डलवाने की व्यवस्था करवाएंगे। टाक ने कहा कि जबरेश्वर व बड़लेश्वर महादेव मंदिर व प्रताप सागर तालाब के सौन्दर्यकरण की योजना बनाई जाएगी।
नहीं हुई आदेश की पालना
प्रताप सागर के पास स्थित घरों से गंदे पानी की नाली का निर्माण गत अगस्त 2016 में करवाया गया। आसपास रहने वाले जागरूक लोगों ने कहा कि नाली तालाब में मत छोडऩा लेकिन मजदूरों ने नाली का रुख तालाब में कर दिया। जिससे घरों की सारी गंदगी प्रताप सागर तालाब में जा रही है। गौरतलब है कि पत्रिका लगातार प्रताप सागर तालाब की पाल व अंगोर में अतिक्रमण व गंदे पानी का मुद्दा उठाकर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कर रहा है।
अधिकारियों की लापरवाही
एक तरफ नगर परिषद शहर के तालाबों को गंदगी से मुक्त करने व गंदे पानी की आवक रोकने पर करोड़ों रुपए खर्च कर सौन्दर्यकरण कर रही है वहीं अधिकारियों की लापरवाही व लोगों की उदासीनता से प्रताप सागर कॉलोनी से गंदे पानी की नालियां तालाब में छोड़ी जा रही है। खास बात यह है कि नगर परिषद के अधिकारी खुद इस बात से अनभिज्ञ हंै कि यह नाली नगर परिषद ने बनाई है या किसी दूसरे विभाग ने।
Published on:
02 Oct 2017 11:49 am
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