
राजस्थान पत्रिका से मुलाकात के दौरान रहमान (शोल पहने हुए)
मोहम्मद रजा उल्लाह. नागौर. इस्लाम का मतलब सलाम होता है, सलाम यानी शांति। इस्लाम का ताल्लुक शांति से है। जो लोग इस्लाम के नाम पर निर्दोष लोगों को मारे, वो मुसलमान नहीं हो सकता। यह बात शुक्रवार को जामिया अल अजहर विश्वविद्यालय मिस्र के प्रोफेसर शेख अब्दुल रहमान ने पत्रिका से खास मुलाकात में कही । आईएसआईएस की गतिविधि पर कहा कि आतंक का पर्याय बने ऐसे किसी भी संगठन को इंसानियत के आगे कबूल करना किसी भी देश के लिए कायरता/गलत कृत्य है। इसका विरोध पूरी दुनिया में हो रहा है, इससे किसी भी आतंकी संगठन को ज्यादा जगह नहीं मिल पाएगी। रहमान ने कहा कि मुस्लिम पुरुष और महिलाओं के बीच अधिकारों को लेकर कोई अलग खांचे नहीं हैं। इस्लाम ने शिक्षा को महिला व पुरुषों के बीच बांटा नहीं है। दोनों के अधिकार बराबर हैं। लड़कियों को पढ़ाना चाहिए। रहमान की अरबी भाषा में बातचीत के अनुवादक सैयद अजीमुद्दीन अजहरी थे। रहमान का कहना था कि भारत-मिस्र के ताल्लुकात काफी पुराने हैं। भारत एक अच्छा देश है। मैं इस देश में बार-बार आने की दुआ करता हूं। आधुनिक शिक्षा पर उन्होंने कहा कि इल्म शब्द का अर्थ केवल उर्दू या अरबी नहीं होता बल्कि सभी भाषाओं के लिए होता है। किसी भी भाषा की शिक्षा हासिल करने पर केवल इस बात का ध्यान रखना चाहिए की वह हमारे लिए कितनी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आज के समय में सूफी की बातों को जिंदगी में उतारना बेहद जरूरी है। ख्वाजा साहब की दरगाह का उदहारण देते हुए कहा कि वहां सभी धर्म के लोग आते हैं वो भी बिना भेदभाव के। देश में प्यार , मोहब्बत, भाईचारे के साथ रहें। भारत सरकार के स्वच्छ अभियान के बारे में कहा कि इस्लाम में स्वच्छता ईमान का हिस्सा है। नबी ने 14 सौ साल पहले ही स्वच्छता का संदेश दे दिया था। बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ पर भी जोर दिया था।

Updated on:
06 Jan 2018 09:32 pm
Published on:
06 Jan 2018 11:16 am
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