
For organizing two day NSS workshop at BR Mirdha College
नागौर. विपरित परिस्थितियों में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) आशा की एक किरण है। इससे जुड़े सैकड़ों युवा संकीर्ण मानसिकता त्यागकर राष्ट्र निर्माण में लगे हैं। आज के समय में एनएसएस युवाओं के लिए एक ऐसा प्लेटफार्म है, जहां पर युवाओं को सकारात्मक सोच व समाज सेवा के लिए प्रेरित कर उन्हें जीवन के सही मायने बताए जा रहे हैं। ये बात बांगड़ महाविद्यालय, डीडवाना में व्याख्याता डॉ. गजादान चारण ने कही। वे मंगलवार को बीआर मिर्धा कॉलेज में शुरू हुई अजमेर संभाग स्तरीय एनएसएस कार्यक्रम अधिकारियों की दो दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण, रक्तदान या फिर राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता का प्रश्न हो, इन सभी गतिविधियों में एनएसएस से जुड़े युवा अग्रणी भूमिका निभाते हैं। कार्यशाला के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता डूंगर महाविद्यालय, बीकानेर के प्रोफेसर श्याम सुन्दर ज्याणी ने एनएसएस के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला । उन्होंने कहा कि एनएसएस एक नियोजित प्रयास है, जिससे जुड़े हुए स्वयं सेवक धीरे-धीरे मूर्ति का आकार लेते हैं। एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी स्वर्णकार की तरह है। जिस प्रकार स्वर्णकार आभूषण को सुन्दर रूप देने के लिए उस पर असंख्य चोटें मारता है वैसे ही एनएसएस के माध्यम से व्यक्तित्व का निर्माण होता है। दूसरे सत्र में सेवानिवृत्त कर्नल बीआर छरंग ने स्वयं सेवकों को निरंतर अध्ययन, कठिन परिश्रम एवं गुणवत्तायुक्त शिक्षा के माध्यम से जीवन को संवारने की सीख दी।
विचार-विमर्श से एनएसएस में कुछ नयापन लाएं
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए मिर्धा कॉलेज की प्राचार्य सुनीता गुप्ता ने कहा कि एनएसएस अधिकारियों को पारस्परिक विचार-विमर्श कर कुछ नयापन लाना चाहिए। सेठ किशनलाल कांकरिया स्कूल के व्याख्याता शिव शंकर व्यास ने एनएसएस कार्यक्रम अधिकारियों को कड़ी मेहनत एवं अनुकरणी आचरण की सीख दी। उद्घाटन सत्र में शिक्षक मेहराज नगवाडिय़ा ने स्थानीय ईकाई एवं स्वयंसेवकों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। डॉ. रामकरण डूकिया ने संस्कारित जीवन जीने की सीख दी। छात्रसंघ अध्यक्ष सुरेन्द्र दौतड़ ने मिर्धा कॉलेज एनएसएस इकाई की कार्यप्रणाली की सराहना की। उप प्राचार्य रामूराम राइका ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर शिक्षक मोहम्मद सद्दीक, पूर्व पार्षद असगर अली, रामेश्वर सांगवा, जसवंतसिंह, डॉ. रणजीत पूनिया, डॉ. हरसुख छरंग, प्रो.सुरेन्द्र कागट, डॉ. अनुपम, रामनिवास, अनिल धोलिया, उम्मेदराम जाजड़ा, निर्मला मांझू, प्रो. दर्शनसिंह, दौलतराम सारण, छात्रसंघ सचिव पूनाराम मेघवाल आदि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन एनएसएस प्रभारी डॉ. शंकरलाल जाखड़ ने किया।
Published on:
25 Oct 2017 10:39 am
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