
Thousands of children are deprived in nagaur
देवेन्द्र प्रताप सिंह/नागौर. जिले में शिक्षा से वंचित बालक-बालिकाओं की जानकारी जुटाने के लिए किया जा रहा हाउस होल्ड सर्वे खुद विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते मजाक बन गया है। ना सिर्फ जिलास्तर बल्कि प्रारम्भिक शिक्षा परिषद के उपायुक्त द्वारा भी इस सर्वे को लेकर कौताई बरती गई है। करीब सात साल पहले प्रदेश में शिक्षा से वंचित बालक-बालिकाओं को शिक्षा से जोडऩे के लिए सर्वे किया गया था। इसके बाद वर्ष 2017-18 में दो चरणों में हाउस होल्ड सर्वे किया जाना है। इसके लिए प्रारम्भिक शिक्षा परिषद के उपायुक्त ने लम्बी-चौड़ी गाइड लाइन तक जारी की है। लेकिन इस गाइड लाइन में मजे की बात यह है कि प्रथम चरण का सर्वे तो गाइड लाइन जारी होने से एक महीना 22 दिन पहले ही पूरा करवा दिया। गाइड लाइन में बताया गया है कि प्रथम चरण का सर्वे मई-जून 2017 में किया जाना है, जबकि गाइड लाइन 22 अगस्त को जारी की गई है।
शाला दर्शन पर मात्र 388 बच्चें ही शिक्षा से वंचित बताए
हाउस होल्ड सर्वे के अन्तर्गत घर-घर जाकर विद्यालय नहीं जाने वाले 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को चिह्नित कर शिक्षा से जोड़ा जाना है। सर्वे की जिला स्तर पर मॉनिटरिंग के लिए शिक्षा परिषद के उपायुक्त ने एसएसए के डीपीसी व एडीपीसी को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सर्वे के लिए शहरी क्षेत्र में नोडल अधिकारी द्वारा प्रत्येक वार्ड के लिए प्रारम्भिक शिक्षा या माध्यमिक शिक्षा के किन्ही दो शिक्षकों को उस वार्ड में भेजकर निर्धारित प्रपत्र में जानकारी एकत्रित करने के लिए निर्देशित किया जाना है। जबकि ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी (पीईईओ) को एक गांव का जिम्मा दिया गया है। जिसमें पीईईओ प्रारम्भिक या माध्यमिक शिक्षा के किन्ही दो शिक्षकों से गांव में घर-घर जाकर शिक्षा से वंचित बच्चों का सर्वे करवाना है। आलम यह हैं कि प्रथम चरण पूरा होकर द्वितीय चरण शुरू हो गया, अभी तक जिले में शाला दर्शन पर मात्र 388 बच्चें ही शिक्षा से वंचित बताए जा रहे हैं। जबकि हकीकत में शिक्षा से वंचित बच्चों का आंकड़ा हजारों में होगा।
50 बच्चों को जोड़ पाए शिक्षा से
जिले में प्रथम चरण में चिह्नित किए गए शिक्षा से वंचित 388 बच्चों में से अभी तक विभाग द्वारा 50 बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जाना बताया जा रहा है। यानि शिक्षा से जोडऩे के लिए अभी प्रथम चरण के ही 338 बच्चे शेष हैं, जबकि अभी द्वितीय चरण में बच्चों को चिह्नित किया जाना है। ऐसे में अब विभाग प्रथम चरण के शेष 338 बच्चों को शिक्षा से जोड़ेगा या फिर दूसरे चरण का सर्वे करेगा। इधर, सर्वे को लेकर कुछ लोग खाना पूर्ति का आरोप लगा रहे हैं। जिले में हजारों की संख्या में बच्चे शिक्षा से वंचित हैं। विभागीय आंकड़े सिर्फ 388 बच्चों को शिक्षा से वंचित होना बता रहे हैं। हकीकत यह है कि सैकड़ों की तादात मे ऐसे बच्चें होटलों पर काम करते नजर आते हैं।
बीईईओ को निर्देशत दिए हैं
विभागीय आदेशानुसार हाउस होल्ड सर्वे के लिए बीईईओ को निर्देशत दिए हैं। 10 अक्टूबर 2017 तक नोडल व पीईईओ द्वारा शाला दर्शन पोर्टल पर 388 बच्चों को शिक्षा से वंचित पाया जाना बताया है।
गोपाल प्रसाद मीणा, एडीपीसी, एसएसए, नागौर
Published on:
14 Oct 2017 11:29 am
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