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लाठियां खाई, गिरफ्तार किया तो जेल में भूख हड़ताल कर जताया विरोध

नागौर से गए कार सेवक भाटी की माता का हो गया था देहांत, कर्फ्यू के चलते नहीं पहुंच पाए अंतिम संस्कार में

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अयोध्या में कार सेवा में शामिल हुए नागौर के कार सेवक

अयोध्या में कार सेवा में शामिल हुए नागौर के कार सेवक

अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर नागौर में उत्साह चरम पर है। खासकर उन परिवारों में विशेष उत्साह है, जिनके परिवार के सदस्य सन 1990 व 1992 में कार सेवा करने के लिए अयोध्या गए थे। कार सेवा के दौरान जिन्होंने पुलिस की लाठियां खाई, जेल गए, कई दिन तक भूखे रहे, उन्हें आज इस बात का सुकून है कि अयोध्या में राम मंदिर बन गया।

दोनों कार सेवा में शामिल हुए नागौर निवासी रुद्रकुमार शर्मा ने पत्रिका से बात करते हुए बताया कि नागौर जिले से कई कार सेवकों ने पहली और दूसरी कार सेवा में भाग लिया। पहली कार सेवा अक्टूबर व नवम्बर 1990 में हुई, जबकि दूसरी कार सेवा 6 दिसम्बर 1992 में हुई। इसमें नागौर के पूर्व विधायक मोहनराम चौधरी, जो उस समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला कार्यवाह का दायित्व संभाल रहे थे, उन्होंने दोनों कार सेवाओं में भाग लिया। इसी प्रकार ओमप्रकाश मित्तल व खुद शर्मा भी दोनों कार सेवा में सहभागी रहे, जो उस समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नगर कार्यवाह थे।

पहली बार गए थे करीब 200 कार सेवक, मेड़ता से पकड़ी थी ट्रेन
शर्मा ने बताया कि प्रथम कार सेवा में नागौर से पूर्व सभापति बिरदीचंद सांखला, रामनिवास सांखला, भगवती प्रसाद वैष्णव, श्याम सोनी, रामसिंह राठौङ, ओमप्रकाश खटीक, गोपीकिशन, ताराचंद, पदमाराम पंवार, मोतीलाल सांखला, ललित अग्रवाल, राजाराम अग्रवाल, रामेश्वर परिहार, परसाराम चांगल, नरसिंह, देवकिशन भाटी व लीलाधर सोनी सहित अनेक कार सेवक शामिल रहे। पहली कार सेवा में नागौर जिले से करीब 200 कार सेवकों की सहभागिता रही, जिन्होंने एक साथ सामूहिक रूप से मेड़ता रोड से रेल में सवार होकर अयोध्या के लिए रवाना हुए थे। कार सेवक पहले दिन नागौर से मेड़ता पहुंचे और रात्रि में सभी ने मेड़ता रोड स्थित फलवृद्धि पाŸवनाथ मंदिर में रात्रि विश्राम किया।

यूपी में प्रवेश करते ही किया गिरफ्तार
अक्टूबर-नवम्बर 1990 को पहली कार सेवा में नागौर से निकले कार सेवकों के दल को राजस्थान के भरतपुर से निकलते ही उत्तर प्रदेश के पहले रेलवे स्टेशन अछनेरा पर गिरफ्तार कर लिया गया। जहां नागौर के कार सेवकों पर लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें माडपुरा के कार्यकर्ता पदमाराम के सिर पर चोट लगने से वे घायल हो गए। बाद में सभी कार सेवकों को गिरफ्तार कर आगरा सेंट्रल जेल भेज दिया। जेल में नागौर के कार सेवकों सहित लगभग 1500 विभिन्न स्थानों के कार सेवक थे। आगरा सेंट्रल जेल में इस दल का नेतृत्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी व हिंडौन निवासी अधिवक्ता ओमप्रकाश आर्य व रेवासा पीठाधीश्वर राघवाचार्य कर रहे थे। उन्होंने जेल में कार सेवकों का मार्गदर्शन किया। आगरा सेंट्रल जेल में जब तक बंद रहे, सभी कार्यकर्ताओं ने सामूहिक रूप से शाखा लगाकर प्रार्थना की।

नागौर आने के बाद मित्तल व सारस्वत को किया गिरफ्तार
रुद्रकुमार शर्मा ने पत्रिका को बताया कि 6 दिसम्बर 1992 की दूसरी कार सेवा के बाद राजस्थान सरकार सहित मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश की सरकारों को बर्खास्त कर दिया गया था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर प्रतिबंध भी लगा दिया गया। नागौर सहित कई नगरों में कफ्र्यू लगा रहा। संघ पर प्रतिबंध के बाद नागौर में कई दिनों बाद कार सेवा समिति के जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश मित्तल व भाजपा के तत्कालीन जिला अध्यक्ष बंशीलाल सारस्वत को गिरफ्तार किया गया, यहां मित्तल ने 6 दिन तक जेल में भूख हड़ताल की। दूसरी कार सेवा में नागौर जसाराम चौधरी, श्रीपाल सुराणा व अशोक मित्तल भी शामिल हुए। दूसरी कार सेवा में नागौर से उषा मित्तल व रामकन्या मणिहार दो महिलाएं भी शामिल हुईं।

अंतिम संस्कार में नहीं पहुंच पाए भाटी
दूसरी कार सेवा में संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता व राम जन्मभूमि समिति के जिला पदाधिकारी रामसुख भाटी (पहलवान साहब) अपनी माता जी का आशीर्वाद लेकर गए। 7 दिसम्बर 1992 को ही उनके माताजी अस्वस्थ हो गए, जैसे केवल कार सेवा के समाचार की प्रतीक्षा कर रहे थे। 8 दिसम्बर को उनका देहांत हो गया। उनके अंतिम संस्कार तक भाटी नागौर पहुंच नहीं पाए और बाद में कर्फ्यू की स्थिति में जयपुर से नागौर पहुंचे।

लम्बे समय तक चला अभियान
अनेक वर्षों तक चले विभिन्न अभियानों में नागौर जिले में वरिष्ठ कार्यकर्ता के रूप में अमरदास जोशी ने संगठन मंत्री के रूप में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया। उनके साथ ही नेमीचंद सिंघवी, देवकिशन राठी, ओमप्रकाश मित्तल, शंकरलाल पंवार सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारियों का मार्गदर्शन व सहयोग मिला। विभिन्न अभियान व जन जागृति के कार्यक्रमों में श्री गंगा माता यात्रा, संत यात्रा, राम ज्योति यात्रा, शिला पूजन कार्यक्रम व श्री राम जानकी रथ यात्रा सहित अनेक अभियान शामिल रहे। इन सभी कार्यक्रमों के लिए जिला कार्यालय के रूप में रामस्नेही रामद्वारा रामपोल का विशेष सहयोग रहा।