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गिरदावरी एप में आ रही परेशानी, विभाग ने बताए समाधान

जिला कलक्टर डॉ. अमित यादव ने कहा - डीआईएलआरएमपी अंतर्गत जब से राजस्व रिकार्ड ऑनलाइन हुआ है, उसके बाद जो नए खसरे बने हैं, उन खसरों की गिरदावरी किसान एप से फिलहाल नहीं हो पा रही है। यह प्रकरण नोडल अधिकारी भू-प्रबंध विभाग के ध्यान में लाया गया है

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नागौर. राजस्थान सरकार की ओर से तैयार करवाए गए किसान गिरदावरी एप में आ रही परेशानियों को लेकर जिला प्रशासन ने परीक्षण कराने के बाद समाधान बताएं हैं। अपनी मांगों को लेकर पटवारियों की ओर से कार्य बहिष्कार करने के कारण सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने किसानों से खुद ही ऑनलाइन गिरदावरी करने के लिए आह्वान किया था। इसके बाद काश्तकारों ने जैसे ही किसान गिरदावरी एप के माध्यम से गिरदावरी करनी शुरू की, कई प्रकार की परेशानियां आने लगी। इसको लेकर राजस्थान पत्रिका ने समाचार प्रकाशित कर किसानों की समस्या को जिला प्रशासन के समक्ष रखा, जिसके बाद जिला कलक्टर ने इसे गंभीरता से लेते हुए विभागीय कर्मचारियों से चर्चा के बाद समाधान बताए हैं।

क्या-क्या आ रहे परेशानी, क्या हैं समाधान
कलक्ट्रेट के भू-अभिलेख निरीक्षक (डीआईएलआरएमपी) कपिल देव शर्मा ने बताया है कि किसान गिरदावरी ऐप से गिरदावरी करते समय इन बातों का विशेष ध्यान रखा जाए -

- एक खाते में एक से अधिक खातेदार होने की स्थति में किसी भी एक खातेदार की ओर से पूरे खसरे की गिरदावरी करें। अन्यथा किसी एक खातेदार की ओर से अपने हिस्से की गिरदावरी करने के बाद उस खसरे की शेष रही गिरदावरी दूसरे शेष रहे खातेदारों की ओर से सम्भव नहीं होगी। लैंड रिकार्ड रूल्स के अनुसार भी गिरदावरी सम्पूर्ण खसरे वार होती है, जिसके आधार पर किसान गिरदावरी एप में भी अब यही लागू किया गया है। किसी एक काश्तकार की ओर से गिरदावरी किए जाने पर गिरदावरी नकल में खातेदारों के नाम, उनका हिस्सा आदि सभी विवरण जमाबंदी अनुसार सभी काश्तकारों के अलग-अलग आएगा एवं गिरदावरी से संबंधित परिलाभ भी सभी को मिलेंगे।
- एक खसरे में एक से अधिक फसल हैं, तो एक से अधिक फसल की गिरदावरी सबमिट करें। क्योंकि एक बार एक खसरे की गिरदावरी सबमिट हो जाने के बाद उसी खसरे में दूसरी फसल की अलग से गिरदावरी किया जाना सम्भव नहीं होगा। एप में अधिकतम तीन फसल की गिरदावरी एक साथ करने का विकल्प है।

- कुछ काश्तकार एप लॉगिन के बाद जनआधार से जुड़े खसरे ऑप्शन पर क्लिक कर गिरदावरी करने का प्रयास कर रहे हैं। यह ऑप्शन तभी काम करेगा जब पटवारी की ओर से काश्तकार के खसरे जनाधार से सीडिंग कर दिए गए हों। जनआधार से सीडिंग कार्य नहीं किया जाए, तब तक एप पर दूसरी साइड पर खसरे से गिरदावरी करें, ऑप्शन पर क्लिक करके गिरदावरी की जानी है।
- कुछ काश्तकारों के एप लॉगिन नहीं हो रहा है या खसरे के अंदर खड़े हैं, फिर भी लोकेशन सही नहीं बता रहा है। ऐसी स्थिति में एक बार एप को अनइन्टॉल करें एवं वापस प्ले स्टोर से इन्टॉल करें तथा अपने मोबाइल का जीपीएस भी ऑन रखें या किसी दूसरे मोबाइल से भी ट्राई करें।
- कुछ काश्तकारों के यह भी संशय है कि गिरदावरी करते समय फसल के साथ खुद की सेल्फी फोटो अपलोड किया जाना है क्या, तो फोटो केवल फसल का लेना है, ताकि यह प्रूफ हो जाए कि अमुख खसरे में अमुख फसल है और गलत फसल की गिरदावरी काश्तकार की ओर से नहीं की गई है।

नए खसरों की नहीं होगी गिरदावरी
जिला कलक्टर डॉ. अमित यादव ने बताया है कि डीआईएलआरएमपी अंतर्गत जब से राजस्व रिकार्ड ऑनलाइन हुआ है, उसके बाद जो नए खसरे बने हैं, उन खसरों की गिरदावरी किसान एप से फिलहाल नहीं हो पा रही है। यह प्रकरण नोडल अधिकारी भू-प्रबंध विभाग के ध्यान में लाया गया है, जल्द ही इस प्रकरण का समाधान हो जाने के बाद इन खसरों की भी गिरदावरी सम्भव होगी। इन खसरों के अलावा पुराने खसरों की गिरदावरी हो रही है। जिन काश्तकार ने अब तक गिरदावरी नहीं की है वे काश्तकार इन बिन्दुओं को ध्यान में रखकर एप से गिरदावरी करें। ताकि पटवारी पर निर्भरता कम हो एवं अपनी फसल की वास्तविक गिरदावरी स्वयं कर सके। गिरदावरी के संबंध में ध्यान रखने वाले इन बिंदुओं के बाद भी किसी काश्तकार के किसान गिरदावरी एप से गिरदावरी करने में कोई समस्या हो तो उस समस्या के समाधान के लिए ग्राम के संबन्धित पटवारी के सम्पर्क कर गिरदावरी कार्य मे सहयोग ले सकते हैं। पटवारी अपनी तहसील या जिला कार्यालय से सम्पर्क में रहते हुए काश्तकारों को गिरदावरी एप के बारे में जानकारी बताएंगे।