
पत्रिका अभियान : आवंटी मांगे न्याय : पूरी राशि भरने के बावजूद नहीं दिया मकानों का कब्जा
नागौर. प्रदेश में राजस्थान आवासन मंडल की ओर से अलग-अलग प्रयोजन के लिए आंवटित भूमि पर निर्माण कार्य नहीं करवाने पर मंडल की ओर से आवंटन निरस्त करने की कार्रवाई की जा सकती है। इस संबंध में आवासन आयुक्त की ओर से आदेश जारी किया गया है। मंडल की ओर से राज्य के विभिन्न शहरों में आवेदन करने वाले आवंटियों/संस्थाओं को आवासीय, वाणिज्यिक, संंस्थानिक प्रयोजनार्थ भूखंड, प्लिंथ स्तर के आवास, वाणिज्यिक भूखंड एवं संस्थानिक प्रयोजनार्थ भूमि का आवंटन किया गया है। आवंटन की शर्तों के अनुसार आवंटित भूमि पर दो साल में निर्माण करवाना होता है।
आवंटी 30 से पहले कर सकते हैं आवेदन
आवंटित भूमि/आवास का भौतिक कब्जा प्राप्त करने के दो साल बाद भी आवंटियों, संस्थाओं ने आवंटित भूखंड व भूमि पर अभी तक निर्माण नहीं करवाया है। इन सभी आवंटियों व संस्थाओं की ओर से निर्माण कार्य करवाने की अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन नहीं करने पर भूखंड/भूमि/ आवास का आवंटन निरस्त किया जा सकता है। आवंटी भूमि या भूखंड पर निर्माण कार्य की अवधि बढाने के लिए संबंधित उप आवासन आयुक्त/ खंड कार्यालय में 30 नवम्बर 2019 तक आवेदन कर सकते हैं। आवेदन नहीं करने पर मंडल की ओर से कार्रवाई करते हुए आवंटित भूखंड/ भूमि का आवंटन निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
सीलबंद नीलामी एक से दो चरण में ई ऑक्शन के जरिए आवास बेचने के बाद दिसम्बर के पहले सप्ताह से सीलबंद नीलामी की नई व्यवस्था होगी। प्रत्येक सप्ताह सोमवार सुबह 10 बजे नीलामी प्रारंभ होगी तथा बुधवार को शाम को 4 बजे तक सीलबंद नीलामी प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाएंगे। सोमवार व मंगलवार को सुबह 10 से शाम 6 तथा बुधवार को सुबह 10 से 4 बजे तक नीलामी प्रस्ताव लिए जाएंगे। आवेदनों को बुधवार शाम साढे 4 बजे बोलीदाताओं के समक्ष खोला जाएगा। बुधवार को अवकाश होने पर अग्रिम कार्य दिवस को 4 बजे तक सीलबंद निविदा प्राप्त कर साढ़े 4 बजे खोली जाएगी। गौरतलब है कि नागौर में दो चरणों में ई ऑक्शन से 95 मकानों की बिक्री से करीब 7 करोड़ की आय हुई है।
Published on:
22 Nov 2019 07:08 am
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