
खींवसर. ग्राम खरनाल में तेजाजी महाराज बनने वाले मंदिर का प्रस्तावित मॉडल।
सवाईसिंह हमीराणा
खींवसर (नागौर). जन जन के अराध्य देव एवं लोकदेवता वीर तेजाजी की जन्मस्थली नागौर के खरनाल स्थित तेजाणा देश में पर्यावरण एवं जल संरक्षण की अनूठी मिसाल बनेगा। करीब चार सौ करोड़ से अधिक की लागत से प्रस्तावित यह मंदिर गुजरात के प्रसिद्ध अक्षरधाम की तर्ज पर बनाया जाएगा। मंदिर का शिलान्यास आगामी १० जून को होगा। इस मौके पर जेजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं किसान नेता अजयसिंह चौटाला मंदिर की नींव रखेंगे। इस अवसर पर देशभर से श्रद्धालु शामिल होंगे।
चांदी के दरवाजे व सौलर लाइटों से जगमगाएगा
मंदिर मेें चांदी के दरवाजे बनेंगे। तेजाजी की जन्मस्थली पर स्थित प्राचीन मंदिर के पास पड़ी खाली भूमि पर प्रस्तावित नया मंदिर आधुनिक सौलर लाइटों से जगमगाएगा। खास बात यह है कि मंदिर में पूरी बिजली सौर ऊर्जा से मिलेगी। समुचे परिसर का जल संचय करने की भी विशेष योजना बनाई गई है। इसके जरिये मीठे पानी को बचाकर उसका पीने के लिए उपयोग किया जाएगा। हरियाली से अच्छादित करने के लिए मंदिर के चारों ओर सैकड़ों देशी-विदेशी छाया, फल, फूलदार पेड़-पौधे लगाए जाएंगे।
होगी पांच सितारा सुविधाएं
लोकदेवता वीर तेजाजी के प्रस्तावित मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए विशेष भवन बनेंगे जिनमें अतिविशिष्ठ लोगों के लिए फाइव स्टार सुविधाएं भी उपलब्ध होगी। प्रस्तावित मॉडल में इन सभी सुविधाओं का ध्यान रखा गया है।
तेजाजी की पत्नी के नाम बनेगा हॉल
प्रस्तावित मंदिर में लोक देवता तेजाजी की पत्नी पेमल के नाम से संग्रहालय एवं मीटिंग हॉल बनेगा। जिसमें बड़ी संख्या में लोग बैठ सकेंगे। इसी के पास लीलण ब्लॉक में भी पांच सितारा कमरे बनेंगे। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रणजीत धौलिया ने बताया कि यह मंदिर देश में तेजाजी का सबसे बड़ा मंदिर है और प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बनेगा।
राजमार्ग से दिखेगा नजारा
नागौर-जोधपुर राजमार्ग से ही जातरूओं की नजर सीधी इस भव्य मंदिर पर पड़ेगी। तेजाजी महाराज के मंदिर में जोधपुर के प्रसिद्ध छीतर के पत्थर का उपयोग किया जाएगा। प्रवेश द्वार पर लगने वाली पत्थरों की पेडिय़ां विशेष आकर्षण का केन्द्र रहेगी।
पढ़ने को मिलेगी देवताओं की गौरव गाथा
मंदिर परिसर में बड़ी लाईब्रेरी बनेगी जिसमें प्रत्येक लोकदेवता का इतिहास पढऩे को मिलेगा। चित्रों की प्रदर्शनी के जरिए वर्तमान पीढ़ी लोकदेवताओं के इतिहास एवं प्राचीन परम्पराओं से रूबरू हो सकेगी।
अनेक स्थानों का लगेगा पत्थर
मंदिर के निर्माण में जैसलमेर का पीला पत्थर, संगमरमर पत्थर सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों से प्रसिद्ध पत्थर काम में लिया जाएगा। देश के नामीगिरामी कारीगरों की टीम मंदिर का निर्माण कार्य करेगी। पत्थरों पर कलाकृतियां उकरने का कार्य कुशल कारीगरों को सौंपा जाएगा।
Published on:
09 May 2022 05:03 pm
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