
Tension and disorganized routine increasing heart disease among youth
नागौर. वर्तमान में अव्यवस्थित दिनचर्या, तनाव, गलत खान-पान, पर्यावरण प्रदूषण एवं अन्य कारणों के चलते हृदय की समस्याएं तेजी से बढ़ी हैं। छोटी उम्र से लेकर बुजर्गों तक में हृदय से जुड़ी समस्याएं होना अब आम बात हो गई है। चिंता विषय यह है कि यह रोग अब 30 वर्ष के युवाओं में ही होने लगा है। पूरे विश्व में हृदय के प्रति जागरुकता पैदा करने और हृदय संबंधी समस्याओं से बचने के लिए विभिन्न उपायों पर प्रकाश डालने के मकसद से दुनियाभर में हर साल 29 सितम्बर को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा हृदय दिवस (World Heart Day) के रूप में मनाया जाता है।
भागदौड़ भरी जिंदगी में हृदय रोग (दिल की बीमारी) भारत में ज्यादातर लोगों की मौत का कारण बनता जा रहा है। एक अध्ययन के अनुसार 1000 लोगों में से 272 लोगों की मौत दिल की बीमारी से हो जाती है और यह आंकड़े वर्ष दर वर्ष बढ़ रहे हैं। विश्व की बात करें तो हर साल दुनिया में पौने दो करोड़ से ज्यादा लोग हृदय से संबंधित बीमारी से मर जाते हैं। नागौर में जिला मुख्यालय के जेएलएन अस्पताल में रोजाना तीन से चार मरीज दिल की बीमारी वाले आ रहे हैं, यानी महीने में ऐसे मरीजों की संख्या 100 से ज्यादा रहती है। इनमें अस्सी प्रतिशत मौतें रक्तचाप, कोलेस्ट्रोल, तनाव व ग्लूकोज को नियंत्रित करके, जीवनचर्या को नियमित शारीरिक अभ्यास व संयमित व संतुलित खान-पान के जरिए बेहतर करते हुए तथा शराब, सिगरेट व अन्य नशे से दूरी बनाकर बचाई जा सकती हैं।
ह्रदय रोग के मुख्य कारण
उच्च रक्तचाप, ध्रूमपान करना, डायबिटीज का होना, अधिक वजन होना एवं तनाव का होना, दिल की बीमारी की मुख्य वजह हैं।
ये हैं हृदय रोग के प्रमुख लक्षण
हृदय रोग के प्रमुख लक्षणों में छाती में दर्द, सीने में जकडऩ, सांसों की कमी, गर्दन, जबड़े, गले, पेट, पैर या बाजुओं में दर्द, अनियमित दिल की धडकऩ, पैरों या भुजाओं में सुन्नपन, चक्कर आना या बेहोशी तथा थकान आदि हैं।
गंभीर रवैया अपनाने की जरूरत
हृदय रोगों का तेजी से बढऩा और उससे होने वाली मौतों के आंकड़ों को देखते हुए हृदय के प्रति गंभीर रवैया अपनाने की जरूरत है। यदि समय रहते हृदय से जुड़ी समस्याओं पर काबू नहीं पाया गया तो आने वाले वर्षों में हर तीसरे इंसान की मौत का प्रमुख कारण हृदय रोग होगा। इसके लिए जरूरी है के हृदय के प्रति कुछ सावधानियां अपनाई जाए, और उनका सख्ती से पालन किया जाए।
हृदय को स्वस्थ रखने के उपाय
अव्यवस्थित दिनचर्या व तनाव मुख्य कारण
यह चिंता का विषय है कि विदेशों की तुलना में भारत में 10-12 साल पहले ही हमारे युवा हृदय रोग के रोगी बन रहे हैं। इसका प्रमुख कारण अव्यवस्थित दिनचर्या, तनाव, गलत खान-पान के साथ खेलों व व्यायाम से दूरी है। जेएलएन अस्पताल में प्रतिदिन तीन से चार मरीज हृदय रोग के आ रहे हैं, गंभीर मरीजों को कार्डियो केयर यूनिट (सीसीयू) में भर्ती कर उपचार किया जा रहा है।
- डॉ. सहदेव चौधरी, कंसलटेंट फिजिशियन एवं एनसीडी प्रभारी, जेएलएन अस्पताल, नागौर
Published on:
29 Sept 2020 11:02 am
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