
The city thronged to the sight of the enthroned Maha Ganapati
नागौर. शुभ ग्रह नक्षत्रों के साथ गणेश चतुर्थी पर बुधवार को गणपति की वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आराधना की गई। घरों में गणपति को विराजित करने के साथ हीशहर के विभिन्न क्षेत्रों के पंडालों में गणपति स्थापना के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। मंदिरों में भी विधि-विधान के साथ अर्चन किया गया। अलसुबह से शहर के सुप्रसिद्ध मंदिरों में सुबह से गणपति के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की कतारें लगी रही। भक्तों ने भगवान गणपति को प्रसाद आदि अर्पण कर मनवांछित कामना की। इस दौरान श्रद्धालुओं ने पूरे दिन का उपवास भी रखा। मंदिर में गणपति चालीसा के साथ ही 108 नामों के मंत्र व संकटनाशक स्तोत्र गूंजते रहे।
शहर में बुधवार का दिन गणपति के नाम रहा। शहर के पित्तीवाड़ा, मच्छियों का चौक एवं प्रतापसागर कॉलोनी में गणपति के प्रतिमा की स्थापना वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिपूर्व कराई गई। इस दौरान पंडाल में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। दिन भर गणपति के अर्चन का क्रम चलता रहा। मंदिरों में सुप्रसिद्ध गणेश बावड़ी मंदिर में शुभ मुहुर्त में गणपति का वैदिक ऋचाओं के साथ अर्चन किया गया। इस मौके पर पुजारी सुनील मिश्रा ने गणपति का विविध रंगीय पुष्पों के साथ भव्य शृंगार किया। भगवान गणेश का आार्शीवाद मुद्रा में शृंगार श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केन्द्र बना रहा। भगवान गणेश के दर्शन के लिए मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। सुबह सात बजे से ही मंदिर में भक्तों की लाइन लगी रही। मंदिर परिसर में ही कई श्रद्धालू गणपति के 1008 मंत्रों के नाम के साथ ही प्रणम्य शिरशा देवं गौरी पुत्रं विनायकं के साथ पाठ करते रहे। पूरा परिसर गणपति के रंग में रंगा नजर आया। श्रद्धालुओं में गणपति के दर्शन के लिए होड़ लगी नजर आई। मंदिर के संरक्षक अशोक मिश्रा बताते हैं कि यह स्वप्रगट गणपति के रूप में ख्यात हैं। अहिक्षत्रगण स्थित मंदिर में भी भगवान गणेश का फूलों के साथ विशेष शृंगार किया गया। नवीन परिधानों के साथ फूलों के रंग में सजे गणपति का विहंगम रूप नजर आया। सुबह आठ बजे से ही श्रद्धालू मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचने लगे थे।सुबह करीब 11 बजे तक किले में गणपति का दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की लाइन लगी नजर आई।
शहर की कॉलोनियों में गूंजे महागणपति के जयघोष
शहर के पित्तीवाड़ा में सुबह शुभ मुहूर्त में बैठे हुए की मुद्रा में गणपति की प्रतिमा विराजित कराई गई। इस दौरान पंडित वैदिक ऋचाओं के साथ गणपति का अर्चन करते रहे। प्राण-प्रतिष्ठा के बाद आसपास से पहुंचे श्रद्धालुओं से पूरा पंडाल भरा नजर आया इसी तरह मच्छियों का चौक में भी गणपति की प्रतिमा मंत्रोच्चार के साथ प्राण-प्रतिष्ठित कराई गई। पुजारी ने विधि-विधान से अर्चन कर श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण किया। गिनाणी तालाब स्थित नृसिंह की बगीची में भी गणेश जी की प्राण प्रतिष्ठा कराई गई। श्रद्धालुओं ने गणपति के दर्शन कर मनवांछित कामना की। चांदीवाड़ा में भी गणपति को मंंत्रों के साथ विराजित कराया गया। यह प्रतिमा मुंबई से मंगाई गई है। श्रद्धालुाओं ने गणपति का दर्शन कर प्रसाद आदि चढ़ाया। शाम को गणेश बावड़ी मंदिर के बाहर मेला भरा। इस इस दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ भी उमड़ी। देर रात्रि तक मंदिर में भक्तों की लाइन लगी रही।
Published on:
31 Aug 2022 10:53 pm
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