पंचायत समितियों ने तय सीमा से अधिक काम करवा दिए । इससे कच्चे-पक्के निर्माण कार्य की अनुपात बिगड़ गया। ऐसे में सरकार ने निर्माण सामग्री का भुगतान रोकने के साथ अब नए पक्के निर्माण कार्यों की स्वीकृतियों से भी हाथ खींच लिए हैं।
इससे प्रदेशभर में उधारी चढकऱ 46 अरब 68 करोड़ 95 लाख तक पहुुंच गई है। भुगतान नहीं होने से सामग्री सप्लाई करने वालों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। इससे ग्राम पंचायतों में मनरेगा में नए निर्माण कार्य प्रभावित हैं। सरपंच निर्माण कार्यों को लेकर एजेंसियों पर दबाव बना रहे हैं , लेकिन एजेंसियां लम्बी उधारी के कारण नए कार्य करने से पीछे हट रही है। निर्माण एजेंसियों का कहना है कि अब उन्हें सामग्री आपूर्ति करने वालों ने किनारा कर लिया है। निमार्ण कार्य एजेंसियों में प्रतिस्पद्र्धा के कारण पहले ही कई जगह सस्ती दरों में निर्माण कार्य दिए अब भुगतान नहीं होने से एजेंसियों की हालत बिगड़ रही है।
प्रदेश की स्थिति प्रदेशभर में सामग्री के पिछले दो साल से करीब 46 अरब 68 करोड़ 95 लाख रुपए बकाया हैं। जिले का नाम 2023-24 राशि 2024-25 राशि अजमेर 8014.47 8864.85
अलवर 1842.52 1940.45 बांसवाड़ा 9783.74 12712.85 बारां 3475.16 4086.24 बाड़मेर 24693.29 39405.85 भरतपुर 989.07 1700.90 भीलवाड़ा 12994.11 17226.56 बीकानेर 16505.08 27358.56 बून्दी 1507.99 1664.08 चितौडगढ़़ 1684.42 2301.47
चूरू 4926.09 10547.43 दौसा 1001.08 1331.21 धौलपुर 3400.62 1323.92 डूंगरपुर 14600.62 18307.63 हनुमानगढ़ 1484.95 2399.36 जयपुर 1899.92 1853.49 जैसलमेर 11991.56 14155.96 जालौर 4665.30 3852.21 झालावाड़ 11095.55 8184.43
झुंझुनूं 750.62 989.68 जोधपुर 4620.57 7654.98 करौली 3875.82 1903.84 कोटा 273.55 622.84 नागौर 13773.33 28405.79 पाली 1775.40 4027.24 प्रतापगढ़ 10691.26 10122.34 राजसमंद 2166.36 2375.98 सवाई माधोपुर 1216.67 1253.79
सीकर 2401.43 3576.95 सिरोही 1023.50 1121.69 श्रीगंगानगर 3066.21 3127.39 टोंक 1974.64 2814.17 उदयपुर 13220.78 22295.56 कुल 197385.84 269509.84 कईयों के तकनीकी खराबी ने अटकाया वैसे तो सरकार ने दो वर्षों से सामग्री का भुगतान नहीं किया है। कई जिलों में चार साल से तकनीकी खराबी के कारण भुगतान बकाया है। जिन कार्यों पर मेट, कारीगर की आईडी एक्टिव नहीं है उनका भुगतान अटका पड़ा है। गांवों में राजनीति के चलते मेट कारीगर सरपंचों के विपक्षी पार्टी के हैं वहां मेट कारीगरों ने अपनी आईडी डिलीट कर दी। ऐसे में भुगतान अटका पड़ा है।
नहीं दिया सरकार ने बजट सरकार ने पक्के निर्माण कार्यों में सामग्री का भुगतान नहीं किया है। बजट आने पर ही कार्यकारी एजेन्सियों को भुगतान किया जा सकेगा। -अनिल कुमार भुंकर, विकास अधिकारी, खींवसर
निर्माण सामग्री का पैसा अटका मनरेगा निर्माण कार्यों में सामग्री का पिछले दो वर्षों से भुगतान नहीं करने से निर्माण कार्य एजेन्सियों की हालत चिंताजनक है। सरकार को शीघ्र भुगतान करना चाहिए। सरपंचों का कार्यकाल समाप्त होने को है।
-राजेन्द्रसिंह सोनिगरा, सरपंच पांचलासिद्धा