नागौर. कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में चली मुफ्त की बिजली योजना अब पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना पर भारी पड़ती नजर आने लगी है। बताते हैं कि यही वजह रही कि डिस्कॉम के तमाम प्रयासों के बाद भी पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के प्रति जनता की दिलचस्पी नहीं बढ़ी है। यही वजह रही कि बीते वर्ष यानि की वर्ष 2024 के दिसंबर माह तक करीब साढ़े चार हजार सोलर पैनल घरों में लगवाने थे, लेकिन नहीं लग पाए। काफी जद्दोजहद के बाद सोलर पैनल लोगों ने अपने घरों में लगवाए तो, लेकिन यह संख्या साढ़े चार सौ तक भी पहुंच पाई। यह स्थिति तब है,जबकि सरकार खुद 40 प्रतिशत तक सब्सिडी दे रही है। इस संबंध में हाल में ही हुई बैठक में जिला कलक्टर ने भी डिस्कॉम के अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर योजनागत लक्ष्य प्राप्ति करने के निर्देश दिए हैं।
पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली येाजना डिस्कॉम क कोशिशों के बाद भी जनता की पसंद नहीं बन पा रही है। विभाग को नागौर, मूण्डवा, खींवसर, जायल, रिया, डेगाना एवं भैरूंदा में कुल 4896 सोलर पैनल किसी भी सूरत में लगवाने थे। यह लक्ष्य से बीते दिसंबर माह तक पूरा करना था।लक्ष्य के विपरीत महज 374 सोलर पैनल ही लग पाए। इस संबंध में करीब एक सप्ताह पूर्व हुई बैठक में भी जिला कलक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने समीक्षा के दौरान असंतोष जताते हुए लक्ष्य पूर्ण करने के निर्देश दिए थे। अब लक्ष्य को बढ़ाकर 6529 कर दिया गया है। डिस्कॉम के अधिकारियों का कहना है कि जब लक्ष्य कम था तो भी पूरा नहीं हो पाया। अब तो लक्ष्य और बढ़ा दिया गया है। अब ऐसे में इसे पूरा करना अब टेढ़ी खीर लगने लगा है।
इन जगहों पर लगे इतने सोलर पैनल
डिस्कॉम के अनुसार डिवीजनों में नागौर में 237, मूण्डवा-11, खींवसर-6, मेड़ता-86, रिया-1, डेगाना-5, भैरूंदा-1 एवं जायल में 27 सोलर पैनल अब तक लग पाए हैं।
इन जगहों पर लगाने हैं इतने सोलर पैनल
ब्लॉक लक्ष्य
नागौर 1384
मूण्डवा 435
खींवसर 496
मेड़ता 1650
रियां 330
डेगाना 845
भैरूंदा 345
जायल 1045
एक किलोवाटर का पैनल लगवाने पर लागत 50 हजार
पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत एक से तीन किलोवाट तक का सोलर पैनल छतों पर सहजता से लगवाया जा सकता है। इसमें एक किलोवाट पर लागत लगभग 50-60 की आती है। कुल लागत में से केवल 20 रुपए उपभोक्ता के लगेंगे, शेष 30 हजार यानि की लागत का 40 प्रतिशत की राशि सब्सिडी में देय होगी। एक किलोवाट के सोलर पैनल से रोजाना पांच से छह यूनिट की बिजली बनेगी। एक माह में यह आंकड़ा 150-180 यूनिट तक पहुंच सकता है। जबकि घरों में औसत यूनिट का उपयोग 90-120 यूनिट होता है। इससे उपभोक्ता को प्रति माह 60 यूनिट बिजली बचेगी। इससे ज्यादा भी उपभोग हुआ तो बिजली का बिल कम ही आएगा।
लोगों तक पहुंचा रहे इसकी जानकारी
डिस्कॉम के अनुसार डिवीजनवार विभागीय कर्मचारियों एवं अभियंताओं के मार्फत पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के फायदों के साथ ही इसके लागत आदि की पूरी जानकारी ग्रामीणों को दी जा रही है। इस संबंध में कई जगहों पर ग्रामीण जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक आदि कर के भी उनको इसे लगवाने से होने वाले मुनाफ के बारे में समझाया जा रहा है।
इसका भी योजना पर पड़ रहा प्रतिकूल असर
विभागीय जानकारों के अनुसार पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना पर मुफ्त की बिजली योजना ज्यादा भारी पड़ रही है। बताते हैं कि प्रति माह शहरी क्षेत्र में 100 यूनिट एवं ग्रामीण क्षेत्रों में दो हजार यूनिट नि:शुल्क बिजली का उपभोग हो रहा है। ऐसे में आवश्यक बिजली तो मिल ही रही है फ्री में तो इस योजना में पैसे लगाने का क्या लाभ। सूत्रों के अनुसार जगहों पर ग्रामीणों को समझाया गया तो उन्होंने टका सा जवाब दे दिया कि हमको तो फ्री में पहले ही बिजली मिल रही है, फिर इस सोलर पैनल का क्या करेंगे।
इनका कहना है…
पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत सोलर पैनल लगवाने के लिए जनता को विभाग की ओर से जागरुक करने के साथ समझाने का काम किया जा रहा है। इसके लिए अभियंताओं को भी विशेष निर्देश दिए गए हैं। उम्मीद है कि निर्धारित लक्ष्य प्राप्त कर लिया जाएगा।
अशोक चौधरी, अधीक्षण अभियंता, अजमेर विद्युत वितरण निगम-नागौर