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नागौर

राज्य सरकार के मंत्री के गांव में डेढ़ साल पहले सरकार ने की थी आधुनिक बस स्टैण्ड बनाने की घोषणा, आज भी यात्रियों का सपना

एक करोड़ की लागत से बना बस स्टैण्ड निराश्रित पशुओं की शरण स्थली, चालक-परिचालकों की हठधर्मिता से बोझा ढो रहे यात्री, आदेशों के बाद भी स्टैण्ड पर नहीं पहुंच रही बसें

नागौरMay 16, 2025 / 12:30 pm

shyam choudhary

khinwsar bus atand
खींवसर (नागौर). राज्य सरकार की ओर से बजट में खींवसर रोडवेज बस स्टैण्ड को आधुनिक बनाने की घोषणा की गई थी। उस पर काम करना तो दूर बस स्टेण्डइनदिनों निराश्रित पशुओं की शरण स्थली बन गया है। धीरे-धीरे करीब एक दर्जन बसें बस स्टैण्ड आना बंद हो गई है। बसें सीधे राजमार्ग से गुजरने लगी है। अंधेरा होने के बाद बसों का संचालन बंद हो जाता है। रोडवेज बस चालकों एवं परिचालकों की हठ धर्मिता के कारण दर्जनों गांवों के लोगों को सिर पर बोझा ढोकर राजमार्ग पर आने के लिए एक किलोमीटर का सफर करना पड़ रहा है।
सरकार ने यहां रोडवेज बस स्टैण्ड बनाया, लेकिन प्रभावी मॉनेटरिंग के अभाव में बसें स्टैण्ड आने की बजाए सीधे गुजरने लगी है। यात्रियों को इस बस स्टेण्ड का लाभ नहीं मिल रहा है। बस स्टैण्ड पर जाने के सरकार के आदेश के बाद भी कई परिचालक राजमार्ग स्थित पदमसर चौराहे पर यात्रियों को उतार रहे हैं, लेकिन रोडवेज प्रबंधन कोई सख्त कदम नहीं उठा रहा।
केवल घोषणा में विकास

प्रदेश में भाजपा सरकार बनते ही खींवसर के बस स्टैण्ड को आधुनिक बनाने के लिए बजट में घोषणा की गई , लेकिन अभी तक विकास का कोई काम शुरू नहीं हुआ है। स्थिति यह है कि बस स्टेण्ड निराश्रित पशुओं की शरण स्थली बना हुआ है। एक करोड़ के बस स्टैण्ड पर मात्र एक कार्मिक तैनात है। रात होने के बाद यहां विरानगी छा जाती है।
मनमानी पर लगाम नहीं

सभी सुविधाओं से परिपूर्ण बस स्टैण्ड होने के बावजूद भी बसों का सम्पूर्ण संचालन नहीं होना सवालिया निशान खड़ा कर रहा है। खींवसर में बसों के ठहराव को लेकर रोडवेज के निदेशक ने भी सख्त निर्देश दे रखे हैं। उसके उपरान्त भी नागौर आगार प्रबंधक केवल नागौर आगार की बसों के ठहराव की जिम्मेदारी ले रहे है, जबकि विभिन्न आगारों की बसें खींवसर बस स्टैण्ड पर ठहराव करे इसके लिए रोडवेज चीफ का दायित्व बनता है। परिचालकों पर लगाम नहीं होना से यात्री परेशान है।
कार्मिक एवं मजदूर परेशान

सभी आगार की बसों का खींवसर बस स्टेण्ड पर ठहराव नहीं होने से मजदूर एवं रोजाना आवागमन करने वाले कर्मचारियों को परेशानी उठानी पड़ती है। यहां बड़ी तादाद में मजदूरों का आवागमन रहता है। न्यायालय के वकीलों, उपखण्ड कार्यालय, तहसील कार्यालय, पंचायत समिति कार्यालय, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय, सरकारी बैंकों सहित कई विभागों के कर्मचारी एवं अधिकारी प्रतिदिन जिला मुख्यालय से आवागमन करते है। ऐसे में उनका भी अब रोडवेज बसों में आवागमन करने को लेकर मोह भंग होने लगा है। रोडवेज के कुप्रबंधन से निजी बस संचालकों की चांदी है।
यात्री भारी परेशान

रोडवेज बस पकड़ने के लिए लोगों को सामान उठाकर पदमसर चौराहा तक जाना पड़ता है। वहां यात्रियों के ठहरने के लिए बस स्टेण्ड तक नहीं है। ऐसे में बुजुर्ग, महिला व बच्चों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा रहा है। बच्चों व बुर्जुग साथ होने पर ऑटो करना पड़ता है जिससे व्यर्थ किराया लगता है।
-पुसाराम आचार्य, ब्लॉक अध्यक्ष कांग्रेस

शिकायत मिली तो करेंगे कार्रवाई

रोडवेज बसें स्टेण्ड पर नहीं जाने के बारे में जानकारी नहीं है, अगर शिकायत मिली तो नागौर आगार की बसों के परिचालकों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। अन्य आगारों के प्रबंधकों को भी लिखेंगे, ताकि सभी बसों का बस स्टैण्ड से संचालन हो।
-मघसिंह राठौड़, प्रबंधक, नागौर आगार

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