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बढ़ गया नगर परिषद का दायरा, अब बजट भी बढ़े, कैसे होगा विकास…VIDEO

नागौर नगर परिषद में सरकार ने आसपास के गांव शामिल कर दिए, लेकिन बजट के अभाव में शहर का वर्तमान हिस्सा भी विकास की बाट जोह रहा है, ऐसे में जिन गांवों को शामिल किया है, वहां विकास की क्या कार्ययोजना रहेगी, इसको लेकर विशेष खबर दी जाएगी।नागौर. परिसीमन के बाद नगरपरिषद का एरिया बढ़ा […]

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नागौर नगर परिषद में सरकार ने आसपास के गांव शामिल कर दिए, लेकिन बजट के अभाव में शहर का वर्तमान हिस्सा भी विकास की बाट जोह रहा है, ऐसे में जिन गांवों को शामिल किया है, वहां विकास की क्या कार्ययोजना रहेगी, इसको लेकर विशेष खबर दी जाएगी।
नागौर. परिसीमन के बाद नगरपरिषद का एरिया बढ़ा है। सीमावर्ती गांवों के इसमें शामिल होने के बाद नागौर नगरपरिषद का विस्तार चेनार से लेकर ताऊसर के अतूसर तक हो गया है। ऐसे वार्डों की संख्या भले पूर्ववत यानि की 60 ही रखी गई है, लेकिन अब विकास को लेकर चिंताएं बढ़ गई है। शहरी एरिया में सडक़ों से लेकर अन्य सुविधाओं तक को लेकर लोग परेशान हो रहे थे, अब जबकि इसमें आसपास के गांव सम्मिलित हुए तो बढ़े हुए एरिया में भी विकास कार्यों को परिषद कैसे अंजाम देगा सरीखे प्रश्न लोगों को अभी से परेशान करने लगे हैं। हालांकि नगरपरिषद का का मानना है कि सभी वार्डों के क्षेत्रों का विश्लेषणात्मक अध्ययन कर विकास की कार्य योजना बनाई जाएगी।
नगरपरिषद एरिया का परिसीमन कर दिया गया है, हालांकि सरकारी स्तर पर आपत्तियां मांगी है जरूर गई है, लेकिन माना जा रहा है। आपत्तियों के निस्तारण के बाद भी एरिया की स्थिति में कोई विशेष परिवर्तन नहीं आना है। अब ऐसे में बढ़े हुए एरिया को लेकर विकास से जुड़ी चिंताएं परेशान करने लगी है। विशेषकर शहरवासियों का मानना है कि यहां तो पहले ही शहर का संपूर्ण विकास समुचित तरीके से नहीं हो पा रहा था। अब ऐसे में बढ़े हुए एरिया का विकास नगरपरिषद कैसे कर पाएगा। वार्डों के प्रतिनिधि भी इसको लेकर असमंजस की स्थिति में हैं। पार्षदों का भी मानना है कि शहरी एरिया में ही लोग सडक़ एवं सफाई की समस्या को लेकर हर दिन संघर्ष करते हैं तो फिर गांवों तक विस्तार होने के बाद विकास केवल कागजों पर ही होगा, या धरातल पर।
नगरपरिषद में गांवों के यह एरिया हुए शामिल
गुजर्रखेड़ा, मानासर, चुगबास एवं राजूपुरा का पूरा ब्लॉक शामिल है। ताऊसर में ब्लॉक 289, 290, 291 व 292 का आंशिक भाग। ढूंढीवास की ब्लॉक 294। अतूसर राजस्व ग्राम का ब्लॉक संख्या 297, 298, 299 एवं रतनसागर का ब्लॉक संख्या 296। इसी तरह तरह चेनार का लगभग पूरा एरिया शामिल किया गया है।

कृषि भूमि बढ़ी, राजस्व भी बढ़ेगा
पूर्व सहायक नगर नियोजक रहे मामराज का मानना है कि शहर के साथ ग्रामीण एरिया के शामिल होने के पर पूरे क्षेत्र की स्थिति को शामिल करते हुए एक मैप बनाना चाहिए। इसमें सर्वाधिक आवश्यकता वाले इलाकों को रेखांकित करते हुए क्रमबद्ध तरीके से विकासपरक योजनाएं बननी चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि नगरपरिषद की ओर से इन क्षेत्रों की भौतिक स्थिति का भौतिक आंकलन करे। क्षेत्रों की जनसंख्या, क्षेत्र की स्थिति, वर्तमान में सुविधाओं की स्थिति अवलोकन करते हुए योजनाएं बनी तो फिर निश्चित रूप से विकास कार्यों में कोई मुश्किल नहीं आएगी। इसके साथ ही इन क्षेत्रों के शामिल होने से न केवल परिषद के राजस्व में इजाफा होगा, बल्कि लंबे-चौड़े एरिया की भूमि भी अब पूरी तरह से नगरपरिषद में शामिल हो चुकी है। इसका राजस्व पर बेहद ही सकारात्मक असर पड़ेगा। इसके साथ ही नगपरिषद की ओर से प्राथमिक स्तर पर खुद के राजस्व प्राप्त करने की दिशा में बेहतर कदम उठाना चाहिए, और राज्य सरकार से भी बजट की मांग होनी चाहिए।
अच्छा विकास करेंगे
नगरपरिषद की सभापति मीतू बोथरा का कहना है कि सीमावर्ती क्षेत्रों को बहुत पहले ही नगरीय सीमा में शामिल करने के आदेश हो चुके थे। अब इसका विस्तार हुआ है। सीमावर्ती क्षेत्रों के ग्रामीण एरिया के नगरपरिषद में शामिल होने से विकास कार्यों का विस्तार होगा। वार्ड तो पहले भी 60 थे, अभी वही हैं। अब परिसीमन के भोगोलिक स्थिति में थोड़ा सा बदलाव जरूर हुआ है, लेकिन पूरे क्षेत्र की स्थिति का आंकलन कर विकास के लिए बेहतर योजनाएं बनाई जाएंगी। इसके साथ ही आवश्यकतानुसार राज्य सरकार से भी बजट की मांग की जा सकती है।
इनका कहना है…
परिसीमन के बाद नगरपरिषद के एरिया का विस्तार हुआ हुआ है। पूरे क्षेत्र की स्थिति का आंकलन करने के साथ ही सभी जगहों पर विकास के कार्य कराए जाने का प्रयास रहेगा। सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को प्राथमिकता से कराए जाने की कोशिश रहेगी।
रामरतन चौधरी, आयुक्त नगरपरिषद नागौर