दरअसल, कॉलोनी स्थित एक स्कूल में प्राथमिक कक्षा में पढने वाले बच्चे ने क्लास टीचर को बताया कि कुछ लोग बच्चों को बोरियों में डालकर ले गए हैं। अपहरण की आशंका के चलते क्लास टीचर ने स्कूल प्रिंसीपल को जानकारी दी। इसके बाद कोतवाली पुलिस को सूचना दी गई।
बच्चे से पूछताछ में उसने फिर से वही बात दोहराई जिससे बच्चों के अपहरण का शक गहरा गया। तीन घंटे चला सर्च अभियान मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. विकास पाठक ने सभी थानों को मैसेज भेजकर नाकाबंदी करवाई। एसपी पाठक ने खुद मौके पर पहुंचकर जानकारी ली है। एसपी ने बच्चे व उसके परिजनों के अलावा स्कूल स्टॉफ से भी पूछताछ की।
बच्चे ने स्कूल टीचर को बताया था कि सफेद रंग के कपड़े पहने कुछ लोग बच्चों को बोरी में डालकर ले गए हैं। इसके बाद एसपी के निर्देश पर पुलिस ने आसपास के स्थानों पर लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले। जिले भर में नाकाबंदी के दौरान भी वाहनों की तलाशी में बच्चे नहीं मिले।
पुलिस ने डेह रोड स्थित अन्य स्कूलों में भी जाकर भी पता किया कि उनकी स्कूल से कोई बच्चा लापता तो नहीं है। घर-घर जाकर की पूछताछ पुलिस ने कॉलोनी व आसपास के इलाकों में घर-घर जाकर लोगों से भी पूछताछ की लेकिन कहीं से भी बच्चों के गायब होने की जानकारी नहीं मिली।
बच्चों के अपहरण की सूचना मिलने पर बड़ी संख्या में लोग घटनास्थल पर एकत्र हो गए। डेह रोड की तरफ स्थित स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों के अभिभावकों ने भी स्कूलों में फोन कर बच्चों के स्कूल में होने की पुष्टि होनेे के बाद राहत की सांस ली।
एसपी पाठक, पुलिस उपाधीक्षक सुभाष चन्द्र, एडिशनल सरजीत सिंह मीणा, कोतवाल नंदकिशोर वर्मा, सिगमा, तेजस्विनी टीम समेत अन्य पुलिसकर्मी करीब दो घंटे तक छानबीन करते रहे। कहीं से भी बच्चों के गायब होने की पुष्टि नहीं होने पर पुलिस ने राहत की सांस ली व इसे महज अफवाह बताया।