नागौर. रामदेव पशु मेला मैदान को सुधारे जाने की कवायद शुरू कर दी गई है। मेला मैदान की सफाई व्यवस्था सुचारु कराए जाने के साथ ही दुकानों के लिए चयनित जगह का सीमांकन कर उनकी नाप करा ली गई है। इसी क्रम में पशु मेला मैदान में गुरुवार को दुकानों की नीलामी प्रक्रिया शुरू हुई। नीलामी में पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. महेश कुमार मीणा, उपनिदेशक डॉ. मोहनराम, संभागीय अतिरिक्त निदेशक प्रतिनिधि डॉ. महेश पाण्डला, डॉ. अनिल कुमार वैष्णव, नगरपरिषद के अधिशासी अभियंता हनुमान कापड़ी, पीडल्यूडी सहायक अभियंता डालाराम धुंधवाल, डॉ. मूलाराम जांगू आदि ने बोलीदाताओं को दुकानों की जानकारी दी। इस दौरान कुल 48 दुकानों की नीलामी हुई। इससे एक लाख 78 हजार 200 की राजस्व प्राप्ति हुई।
मेले में पहुंचने लगे नागौरी बैल
रामदेव पशु मेला का हालांकि विधिवत आगाज 30 जनवरी से होगा, लेकिन मेला शुरू होने के पहले ही नागौरी बैलों की आवक होने लगी है। मेला मैदान में गुरुवार को पशुपालक नागौरी बैलों को लेकर पहुंचे तो लंबे समय के बाद मेला मैदान फिर से गुलजार नजर आया। सन्नाटे में डूबे रहने वाले नागौरी बैलों के गले में बंधी गूंजती घंटियों से वातावरण बदला सा नजर आया। पशुपालकों ने गोवंश ठहरने वाले स्थानों पर खूंटे से बैलों को बांधा तो मैदान का रंग बदला सा रहा। गुरुवार को कुल पाच जोड़ी बैल पहुंचे थे।
एसडीए के निर्देशों की उड़ी धज्जियां
उपखण्ड अधिकारी के निर्देश दिए जाने के बाद भी पशु मेला मैदान की साफ-सफाई व्यवस्था बहुत नहीं हो पाई है। जोधपुर रोड के रास्ते से मेला मैदान में आने वाला रास्ता गंदगी के साथ ही कंटीली झाडिय़ों से भरा नजर आया। घोड़ों के ठहरने वाले स्थान गुरुवार को भी गंदगी के ढेरों से भरे रहे। मुख्य मेला मैदान में सफाई कर्मी नजर तो आए, लेकिन वह पहले ही साफ हो चुकी जगह पर झाडुुंओं को फेरने की खानापूर्ति करने में लगे रहे। जबकि गोवंश से लेकर मैदान के कई जगहों पर मसलन पानी की खेली सहित अन्य जगह पहले की तरह से गंदगी के चलते अव्यवस्थित नजर आई। यह स्थिति तब है, जबकि गत बुधवार को ही उपखण्ड अधिकारी गोविंद सिंह भींचर ने नगरपरिषद को अतिरिक्त सफाई कर्मी लगाकर सफाई की स्थिति बेहतर करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी स्थिति जस की तस रही।