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नागौर में अल्पसंख्यक बालक-बालिकाओं के लिए बनेंगे दो छात्रावास

केन्द्र सरकार ने दी मंजूरी, 480 लाख रुपए होंगे खर्च, बालकों के लिए बासनी में तो बालिकाओं के लिए बालवा रोड पर होगा निर्माण

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minority hostel

Two hostel to be built for minority students in Nagaur

नागौर. नागौर में पढऩे वाले अल्पसंख्यकों के बालक-बालिकाओं को केन्द्र सरकार ने बड़ी सौगात दी है। खासकर उन बालक-बालिकाओं को जिनको घर से दूर रहकर पढऩे के लिए आवास की समस्या से सामना करना पड़ रहा है। भारत सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) के अंतर्गत नागौर शहर और बासनी बेलिमा कस्बे में दो छात्रावास बनाने की स्वीकृति प्रदान की है, जो आगामी करीब एक साल में बनकर तैयार हो जाएंगे।

केन्द्र सरकार ने बासनी कस्बे में अल्पसंख्यक बालक छात्रावास तथा नागौर में अल्पसंख्यक बालिका छात्रावास की स्वीकृति वित्तीय वर्ष 2019-20 में गत 30 सितम्बर को ही जारी की है। सरकार ने एक छात्रावास का बजट 240 लाख रुपए रखा है, जिसमें से 144 लाख रुपए केन्द्र सरकार देगी तथा 96 लाख रुपए राज्य सरकार देगी।

दो-दो बीघा जमीन आवंटित
नागौर के बालवा रोड पर एवं बासनी में बनने वाले छात्रावासों के लिए दो - दो बीघा जमीन आवंटित की जा चुकी है। छात्रावास की क्षमता 50 बेडेड रखी है। उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी 15 फरवरी तक टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। सरकार ने निर्माण कार्य के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग को एजेंसी बनाया है।

प्रदेश में बनेंगे पांच छात्रावास
केन्द्र सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने राजस्थान के लिए कुल 5 छात्रावास बनाने की स्वीकृति प्रदान की है, जिसमें सवाईमाधोपुर, बूंदी तथा गंगानगर में एक-एक छात्रावास तथा नागौर में दो छात्रावास बनेंगे। बालकों का छात्रावास बासनी कस्बे में बनाने का निर्णय वहां की जनसंख्या एवं शिक्षा के वातावरण को देखते हुए लिया गया है। जबकि जिला मुख्यालय पर अल्पसंख्यक वर्ग की बालिकाओं के लिए पृथक से छात्रावास नहीं होने के चलते बालवा रोड पर बनाने का निर्णय लिया गया है।