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प्रशासन ने माना अतिक्रमण, सर्वसम्मति से हटाने का निर्णय

महिला कॉलेज की जमीन पर अतिक्रमण का मामला : दिनभर चले घटनाक्रम के बाद शाम को कलक्टर ने बुलाई बैठक

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Administration decides to remove encroachment

Administration decides to remove encroachment

नागौर. माडीबाई मिर्धा कॉलेज परिसर की जमीन पर अतिक्रमण को लेकर मंगलवार को उपजे विवाद को बुधवार शाम को कलक्टर द्वारा बुलाई बैठक में दोनों पक्षों के लोगों की सहमति से सकारात्मक हल निकाले गए। दोनों पक्षों के सुझाव लेने के बाद यह निर्णय लिया गया कि कॉलेज परिसर में बने कमरे व मजार के ऊपर गत दिनों लगाए गए टीन शेड को प्रशासन द्वारा हटाया जाएगा। मजार का मूल स्वरूप रखा जाएगा तथा गत वर्षों में किए गए विस्तार को हटाया जाएगा। बैठक में एडवोकेट पीर मोहम्मद ने मजार के लिए करीब 10 बीघा जमीन आवंटित होने की बात कही, जिसे एडीएम छगनलाल गोयल ने सिरे से खारिज करते हुए बताया कि आवंटन न तो राजस्व रिकॉर्ड में है और न ही हुआ। 1968 में तत्कालीन एसडीएम ने फैसला दिया था, जिसकी मियाद 12 साल बाद ही समाप्त हो गई। इस बात पर कलक्टर गौतम ने कहा कि हालांकि आवंटन रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है, फिर भी इसकी पूरी जांच करवाई जाएगी।

प्रशासन ने माना अतिक्रमण
बैठक की शुरुआत करते हुए कलक्टर कुमारपाल गौतम ने कहा कि दिन में एसडीएम परसाराम टाक के निर्देशन में आरई रामधन विश्नोई व पटवारी अणदाराम की टीम ने महिला कॉलेज परिसर की जमीन का सीमाज्ञान किया, जिसमें मौके पर बना कमरा, मजार व अन्य अतिक्रमण पाए गए हैं, हालांकि मजार कॉलेज को आवंटित जमीन से पहले की है। ऐसे में सामाजिक सौहार्द का परिचय देते हुए दोनों पक्षों को सकारात्मक हल निकालना है। कलक्टर की बात का विधायक हबीबुर्रहमान ने भी समर्थन करते हुए ऐसा निर्णय लेने की अपील की, जो शहर एवं समाज में शांति एवं सौहार्द का परिचायक बने।

अतिक्रमण हटाकर करेंगे तारबंदी
दोनों पक्षों के सुझाव सुनने के बाद कलक्टर गौतम ने कहा कि मौके पर बना कमरा अतिक्रमण है, जिसे हटाया जाएगा। इसके साथ मजार के ऊपर अगस्त में टीन शेड का निर्माण कर विस्तार देने का प्रयास किया गया, जो गलत है। इस पर पार्षद शराफत खान ने खुद के स्तर पर टीन शेड हटवाने का आश्वासन बैठक में दिया। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अतिक्रमण हटाने के बाद कॉलेज एवं अंगोर की जमीन के चारों तरफ प्रारम्भिक तौर पर तारबंदी की जाएगी तथा बजट स्वीकृति मिलते ही चार दीवारी का निर्माण करवाया जाएगा, ताकि आगे विवाद की स्थिति नहीं बने। मजार तक जाने के लिए अस्थाई रूप से माली समाज की जमीन के पास से रास्ता दिया जाएगा, ताकि कॉलेज की जमीन में प्रवेश न हो।

इस पर भी हुई चर्चा
बैठक में उपस्थित सदस्यों ने कॉलेज हित में मजार को स्थानांतरित करने का सुझाव दिया, जिस पर मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि यह निर्णय वे नहीं कर सकते। इसके लिए शहर काजी व उलेमाओं से विचार-विमर्श करने के बाद ही निर्णय लिया जा सकता है। इस पर कलक्टर ने कहा कि एक बार समाज के लोग अपने स्तर पर चर्चा कर लें, उसके बाद प्रशासन उनके साथ वार्ता करेगा। यदि संभव हुआ तो सकारात्मक हल निकालने का प्रयास करेंगे।

इस पर भी हुई चर्चा
बैठक में उपस्थित सदस्यों ने कॉलेज हित में मजार को स्थानांतरित करने का सुझाव दिया, जिस पर मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि यह निर्णय वे नहीं कर सकते। इसके लिए शहर काजी व उलेमाओं से विचार-विमर्श करने के बाद ही निर्णय लिया जा सकता है। इस पर कलक्टर ने कहा कि एक बार समाज के लोग अपने स्तर पर चर्चा कर लें, उसके बाद प्रशासन उनके साथ वार्ता करेगा। यदि संभव हुआ तो सकारात्मक हल निकालने का प्रयास करेंगे।