मूण्डवा. नागौर जिले के मूण्डवा शहर का मकर संक्रांति पर आयोजित होने वाला पतंगोत्सव काफी प्रसिद्ध है। शहर में मकर सक्रान्ति से करीब एक माह पहले ही पतंगों की दुकानें सजने लगती हैं और पतंगबाजों का उत्साह बढऩे लगता है। कस्बे में युवकों की टोलियां सुबह से ही छतों पर पहुंच जाती है। जमकर संगीत का आंनद लेने के साथ पतंगबाजी की जाती है। युवकों ने पतंगबाजी को लेकर इको साउंड के लिए पहले से ही बुकिंग करवा दी थी, जो आज गली-मोहल्लों में खूब बज रहे हैं। एक-दूसरे को लाउड स्पीकर पर ललकारते हुए पतंग लड़ाने की होड़मच रही है। इस उत्सव में बालक, युवा एवं वृद्ध भी पीछे नहीं हैं। पिछले कुछ सालों से युवतियां भी पतंगबाजी करने लगी हैं। सुबह कोहरा छाने के बावजूद पतंग उड़ाने के शौकिन छतों पर चढ़ गए और पतंग उड़ाने लगे। शहरवासियों ने बताया कि यह क्रम शाम ढलने तक जारी रहेगा। इस बार दुकानदारों ने भी ग्राहकों को रिझाने के लिए कई प्रकार की पतंगे सजाई है।
आज होंगे हवा में मुकाबले
क्षेत्र में मकर संक्रांति के अवसर पर आज आकाश में पतंगबाजी के मुकाबले हो रहे हैं। युवकों ने पतगें खरीदकर उनके काण बांधने का काम रविवार व सोमवार को ही कर लिया। मनपसंद पतंगों की छंटनी का दौर दिनभर दुकानों पर जारी रहा। काम के सिलसिले में बाहर रहने वाले युवा भी इस त्योहार पर अवश्य जरूर आते हैं।
गोशालाओं को किया जा रहा दान
मकर संक्रांति पर गोशालाओं के लिए दान एकत्र करने के लिए समाज के प्रबुद्ध वर्ग की टोली निकलती है। घर-घर, दुकान -दुकान पहुंचकर गोशालाओं के लिए दान लेते हैं। मूण्डवा की वीर तेजा गोशाला के लिए दान मांग के लिए पिछले कुछ सालों से शोभायात्रा भी निकाली जाती है। इसमें झांकी सजाने के साथ ही इस बार खास तौर पर पंजाबी बैंड बुलाया गया है, जो आकर्षण का केंद्र है। शोभायात्रा शहर के प्रमुख मार्गों से होकर गुजरती है। शहर की अन्य गोशालाओं के लिए भी टीम पशु आहार, गुड़, अनाज, नगदी सहित अन्य वस्तुएं एकत्र करते हैं।