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Video : सैकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा : प्रदेश के एक दर्जन जिलों में चलता था नकल गिरोह रैकेट

https://www.patrika.com/nagaur-news/ सैकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के नकल गिरोह के प्रमुख प्रेमसुख से पुलिस पूछताछ में खुले कई राज, पुलिस ने आरपीएससी के निलम्बित यूडीसी प्रकाश को भी किया गिरफ्तार

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Arrested accused

Second grade teacher examination: rackets running in a dozen districts

नागौर. वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के नकल गिरोह में मुख्य भूमिका निभाने वाला जायल के रोटू गांव निवासी प्रेमसुख विश्नोई उर्फ अशोक उर्फ फौजी कोचिंग सेंटर के नाम पर युवाओं को झांसे में लेकर सलेक्शन कराने की गारंटी स्टाम्प पर लिखकर देता था। नागौर वृत्ताधिकारी सुभाष मिश्रा ने बताया कि प्रदेश के करीब एक दर्जन जिलों में उसने अपने तार फैला रखे थे। प्रत्येक जिले में अपने आदमी छोड़े हुए थे, जो बेरोजगार युवाओं को बरगलाते थे और झांसे में आने पर रुपए लेकर स्टाम्प पर लिखकर देते थे। बेरोजगार युवाओं को नकल गिरोह पर इसलिए विश्वास हो जाता था क्योंकि उनके गिरोह में आरपीएससी का निलम्बित यूडीसी प्रकाश पारचा भी मिला हुआ था।


गौरतलब है कि नागौर पुलिस ने रविवार को अजमेर रेंज आईजी बीजू जॉर्ज जोसफ के निर्देशन में कार्रवाई करते हुए नागौर के डेह रोड से मैराथन कोचिंग सेंटर संचालक प्रेमसुख को गिरफ्तार कर 10 जनों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पुलिस ने सोमवार को निलम्बित यूडीसी प्रकाश पारचा को भी गिरफ्तार कर लिया। मामे की जांच सदर थानाधिकारी राकेश वर्मा कर रहे हैं।

ये हैं अन्य आरोपी
अन्य आरोपियों में नागौर के गडरिया निवासी लिखमाराम, जायल के रोटू निवासी रामकिशोर विश्नोई व रामनिवास विश्नोई गंगानगर निवासी बग्गासिंह, झुंझुनूं के बाडेट निवासी रामेश्वरलाल, अलवर के नांगलबानी निवासी दीनदयाल व हनुमानगढ़ के मोहन मगरिया निवासी टेकचंद के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है।

दो बार निलम्बित, फिर भी नहीं सुधरा
अजमेर के बांदिया का रहने वाला प्रकाश पारचा वर्ष १९८० में आरपीएससी में एलडीसी के पद पर भर्ती हुआ था। कुछ वर्ष नौकरी करने के बाद उसे लालच जागा और परीक्षा के पेपर लीक करवाने लगा। वर्ष 1997 में नकल कराने की गतिविधियों में शामिल होने पर प्रकाश को निलम्बित कर दिया गया। इसके बाद वह बहाल हुआ, लेकिन अपनी आदत से मजबूर होने के कारण दुबारा नकल गिरोह के सम्पर्क में आया और कुछ समय बाद वर्ष २०१४ में उसे दुबारा निलम्बित किया गया। दो बार निलम्बित होने के बावजूद वह नहीं सुधरा और लोगों को नकल कराने का दावा करता रहा। पुलिस के अनुसार आरोपी आगामी 31 अक्टूबर को सेवानिवृत्त होना था। लेकिन इससे पहले ही धरा गया। प्रकाश ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसके साथी डिप्टी सेक्रेट्री के पद तक पहुंच चुके हैं, लेकिन वह खुद बार-बार ऐसे मामलों में फंसने के कारण पदोन्नत नहीं हो पाया।