
Nagaur. Forest workers performing in the office premises of the Conservator of Forests
नागौर. संयुक्त वन कर्मचारी संघर्ष समिति की ओर से प्रदेशव्यापी आह्वान पर पंद्रह सूत्रीय मांगों को लेकर जिला मुख्यालय स्थित कार्यालय परिसर में प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के पश्चात उपवन संरक्षक ज्ञानाराम मकवाना को प्रधान वन संरक्षक के नाम संबोधित पंद्रह सूत्रीय ज्ञापन पत्र सौंपा गया। इस दौरान सरकार को भी यह चेतावनी दी गई कि मांगों की पूर्ति नहीं होने पर गुरुवार से प्रदेश के सभी राष्ट्रीय उद्यानों के गेट बंद करने के साथ ही अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। धरना स्थल पर जिलाध्यक्ष बनारसी ने कहा कि सरकार को पूर्व में भी पंद्रह सूत्रीय मांगपत्र लेकर कई बार ज्ञापन दिए गए। इस दौरान उन लोगों को सरकार की ओर से आश्वासन भी मिले। इसके बाद भी अब तक उनके मांगों की पूर्ति नहीं की गई है। अब सरकार नहीं सुधरी तो फिर वनकर्मियों की ओर से अनिश्चितकालीन आंदोलन प्रदेश भर में किया जाएगा। यह बेहद विडंबनापूर्ण स्थिति है कि आज भी वह अल्पतम वेतन राशि पर काम कर रहे हैं। इससे ज्यादा वेतन तो ग्राम सेवक व पटवारी के होते हैं। गुरुवार केा जोधपुर स्थित बायालोजिकल पार्क में प्रदर्शन के लिए नागौर से वनकर्मी जाएंगे। इस दौरान घनश्याम,, राकेश बिश्नोई, मनोहर सिंह, हेमेन्द्र फिड़ौदा, अर्जुन कड़वा, महीराम एवं नाथूराम आदि मौज्ूाद थे।
आंदोलन को किया समर्थन
नागौर. अखिल राजस्थान राज्य संयुक्त कर्मचारी महासंघ के जिला शाखा की ओर से पशु प्रदर्शनी स्थल पर चल आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं उपवन संरक्षक कार्यालय में वन कर्मियों के प्रदर्शन का समर्थन किया है। जिलाध्यक्ष रामनिवास चौधरी, जिला महामंत्री बुधाराम भाटी व पशुपालन संघ के अध्यख रामसिंह भाटी पशु प्रदर्शनी स्थल पर पहुंचे। यहां पर सरकार के खिलाफ चल रहे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं आदि को राज्य कर्मी का दर्जा दिए जाने की मांग के प्रति पूर्ण समर्थन जताया। इसके बाद यह उपवन संरक्षक कार्यालय परिसर पहुंचे। यहां पर भी वन कर्मियों की की ओर से की जा रही पंद्रह सूत्रीय मांगों के प्रति समर्थन व्यक्त किया।
Published on:
09 Feb 2023 01:55 pm
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