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जिले में कृषि उद्योगों को लगे पंख, मूण्डवा में बनेगा मिनी फूड पार्क

locationनागौरPublished: Aug 09, 2021 09:55:28 am

Submitted by:

shyam choudhary

राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 के तहत जिले के 11 किसानों व उद्यमियों को 612.24 लाख की अनुदान राशि स्वीकृत- योजना के तहत अब तक 22 आवेदन, 11 स्वीकृत, 3 अस्वीकृत व 8 लम्बित

Wings for agricultural industries in the Nagaur district

Wings for agricultural industries in the Nagaur district

नागौर. जीरा, पान मैथी (कसूरी मैथी), ईसबगोल, मूंग व कपास सहित अन्य फसलों के उत्पादन एवं गुणवत्ता में प्रदेश ही नहीं देशभर में विशेष महत्व रखने वाले नागौर जिले में अब कृषि आधारित उद्योग भी तेजी से स्थापित हो रहे हैं। इन उद्योगों को पंख लगाने का काम किया है राज्य सरकार की राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 ने। इस नीति की खास बात यह है कि इसमें कृषकों एवं उनके संगठनों द्वारा प्रसंस्करण यूनिट लगाने या वेयर हाउस बनाने पर लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम एक करोड़ का अनुदान दिया जा रहा है, जबकि अन्य सभी प्रकार के उद्यमियों के लिए लागत का 25 प्रतिशत या अधिकतम 50 लाख रुपए का अनुदान दिया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ मूण्डवा में मिनी एग्रो फूड पार्क विकसित करने के लिए राज्य सरकार ने 100 बीघा जमीन मंडी समिति को आवंटित करने की स्वीकृति जिला प्रशासन को प्रदान कर दी है।
किसानों को कृषि प्रसंस्करण व कृषि व्यवसाय में आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू की गई इस अनूठी योजना का लाभ उठाने के लिए पिछले डेढ़ साल में जिले में 22 आवेदन जमा किए गए हैं, जिसमें से 11 आवेदनों पर स्वीकृति की मुहर लगाकर आवेदकों को 612.24 लाख का अनुदान स्वीकृत किया जा चुका है। गौरतलब है कि कृषि के औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक आपूर्ति शृंखला एवं आधारभूत संरचना तैयार करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने दो साल पहले राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 की घोषणा की थी। इसके तहत किसानों को कृषि एवं पशुपालन दोनों क्षेत्रों में अनुदान व ऋण के ब्याज सहित परिवहन, बिजली, भू-रूपातंरण, सौर ऊर्जा संयंत्र, नमूना जांच आदि में अनुदान दिया जा रहा है। ताकि किसानों के जीवन स्तर में सुधार एवं उनकी आय में वृद्धि की जा सके। यह योजना कृषि प्रधान नागौर जिले के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रही है।
प्रसंस्करण में ज्यादा रुचि
जिले में राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति के तहत कुल 22 आवेदन अब तक कृषि मंडी सचिव के समक्ष पेश किए गए हैं, जिसमें से प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग यूनिट) के 13 आवेदन हैं, इसमें 8 दाल मिल के, 4 कपास मिल के तथा एक मसाला फैक्ट्री के लिए है। वहीं 9 आवेदन वेयर हाउस बनाने को लेकर किए गए हैं। इसमें प्रसंस्करण के 5 तथा वेयरहाउस के 6 प्रकरणों को स्वीकृति देकर कुल 612.24 लाख रुपए का अनुदान स्वीकृत किया गया है।
नीति के मुख्य उद्देश्य

एग्रो फूड पार्क बनेगा वरदान
जिले की 80 प्रतिशत से अधिक आबादी कृषि कार्य पर निर्भर होने के चलते यहां एग्रो फूड पार्क की लम्बे समय से डिमांड की जा रही थी। किसानों व उद्यमियों की मांग पर जिला प्रशासन व मंडी प्रशासन के अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लेते हुए मूण्डवा में कृषि मंडी के पास खाली पड़ी सरकारी जमीन पर मिनी फूड पार्क बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है। मिनी फूड पार्क के लिए जमीन आवंटन करने के लिए जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने मूण्डवा की 100 बीघा जमीन का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भिजवाया, जिस पर सरकार ने गत दिनों स्वीकृति जारी कर दी है। अब मंडी प्रशासन द्वारा उक्त जमीन की राशि 61 लाख 18 हजार 700 रुपए जमा कराने पर मंडी को हस्तांतरित किया जाएगा, जो प्रक्रियाधीन है। गौरतलब है कि मूण्डवा में लम्बे से मैथी मंडी बनाने की मांग भी की जा रही है, इसके लिए भी प्रशासन के स्तर पर प्रयास चल रहे हैं।
तीन निरस्त, 8 लम्बित
राज्य सरकार की राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति का मुख्य उद्देश्य किसानों के जीवन स्तर में सुधार एवं उनकी आय में वृद्धि करना है। इसके तहत अब तक 22 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें 10 कृषक वर्ग से तथा 12 गैर कृषक वर्ग से किए गए हैं। इसमें 11 आवेदनों को स्वीकृति दी गई है, जबकि तीन आवेदन निरस्त किए गए हैं। इसी प्रकार 8 प्रकरण ऐसे हैं, जिन्हें राज्य स्तरीय चयन कमेटी के पास भेजा गया है।
– रघुनाथराम सिंवर, सचिव, कृषि उपज मंडी समिति, नागौर

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