जिले में राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति के तहत कुल 22 आवेदन अब तक कृषि मंडी सचिव के समक्ष पेश किए गए हैं, जिसमें से प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग यूनिट) के 13 आवेदन हैं, इसमें 8 दाल मिल के, 4 कपास मिल के तथा एक मसाला फैक्ट्री के लिए है। वहीं 9 आवेदन वेयर हाउस बनाने को लेकर किए गए हैं। इसमें प्रसंस्करण के 5 तथा वेयरहाउस के 6 प्रकरणों को स्वीकृति देकर कुल 612.24 लाख रुपए का अनुदान स्वीकृत किया गया है।
जिले की 80 प्रतिशत से अधिक आबादी कृषि कार्य पर निर्भर होने के चलते यहां एग्रो फूड पार्क की लम्बे समय से डिमांड की जा रही थी। किसानों व उद्यमियों की मांग पर जिला प्रशासन व मंडी प्रशासन के अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लेते हुए मूण्डवा में कृषि मंडी के पास खाली पड़ी सरकारी जमीन पर मिनी फूड पार्क बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है। मिनी फूड पार्क के लिए जमीन आवंटन करने के लिए जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने मूण्डवा की 100 बीघा जमीन का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भिजवाया, जिस पर सरकार ने गत दिनों स्वीकृति जारी कर दी है। अब मंडी प्रशासन द्वारा उक्त जमीन की राशि 61 लाख 18 हजार 700 रुपए जमा कराने पर मंडी को हस्तांतरित किया जाएगा, जो प्रक्रियाधीन है। गौरतलब है कि मूण्डवा में लम्बे से मैथी मंडी बनाने की मांग भी की जा रही है, इसके लिए भी प्रशासन के स्तर पर प्रयास चल रहे हैं।
राज्य सरकार की राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति का मुख्य उद्देश्य किसानों के जीवन स्तर में सुधार एवं उनकी आय में वृद्धि करना है। इसके तहत अब तक 22 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें 10 कृषक वर्ग से तथा 12 गैर कृषक वर्ग से किए गए हैं। इसमें 11 आवेदनों को स्वीकृति दी गई है, जबकि तीन आवेदन निरस्त किए गए हैं। इसी प्रकार 8 प्रकरण ऐसे हैं, जिन्हें राज्य स्तरीय चयन कमेटी के पास भेजा गया है।
– रघुनाथराम सिंवर, सचिव, कृषि उपज मंडी समिति, नागौर