
Anganbari
नावां शहर. महिला एवं बाल विकास विभाग ने आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को पढाने के लिए सरकारी स्कूलों की तर्ज पर शुरुआत तो कर दी है, लेकिन स्कूलों के नियम लागू नहीं होने से बच्चों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। स्कूलों में सरकार ने शीतकालीन अवकाश दे दिए है, फिर भी आंगनबाड़ी बच्चों को केन्द्र में आना पड़ रहा है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व आशा सहयोगिनी के लिए शीतकालीन अवकाश की व्यवस्था रखी है, लेकिन केन्द्र के बच्चों को इससे वंचित रखा गया है। इसके चलते सर्दी की छुट्टियों में आंगनबाड़ी केन्द्र जाने वाले 3 से 6 वर्ष के बच्चों को मजबूरन सर्दी में ठिठुरते हुए केन्द्र जाना पड़ रहा है।
समेकित बाल विकास सेवाएं विभाग की ओर से जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्र स्वीकृत है। सभी केन्द्रों पर 3 से 6 वर्ष के दो लाख से भी अधिक बच्चें आंगनबाड़ी केन्द्रों पर स्कूल की तर्ज पर प्रारम्भिक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इन केन्द्रों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ओर से स्वास्थ्य एवं स्वच्छता संबंधी ज्ञान, प्रभावी संवाद के माध्यम से आत्मविश्वास बढाने, रंगों की पहचान, वर्गीकरण, संख्या ज्ञान, लिखने व पढने सहित बौद्धिक विकास को बढ़ाने का ज्ञान दिया जा रहा है। स्कूलों में शिक्षा विभाग की ओर से 24 दिसम्बर से 7 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश घोषित किया गया है। बावजूद इसके शिक्षा विभाग की नकल कर रहे महिला विकास विभाग की ओर से अभी तक आंगनबाड़ी केन्द्रों में अवकाश की घोषणा नहीं की गई है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहयोगिनी को मिल रहा शीतकालीन अवकाश-
दो महीने पहले पांच सूत्री मांगों को लेकर धरने पर बैठने के बाद आंगनबाड़ी केन्द्रों पर कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी को विभाग की ओर से शीतकालीन अवकाश की मंजूरी हुई थी। इसके लिए कार्यकर्ता या आशा को एक महिने पहले विभाग कार्यालय में प्रार्थना पत्र देना होगा। लेकिन एक साथ कार्यकर्ता व आशा दोनों शीतकालीन अवकाश नहीं ले सकती है। प्रार्थना पत्र देने के पश्चात कार्यकर्ता व आशा को दस दिन का शीतकालीन अवकाश मिलेगा।
ठण्ड में ठिठुरते नजर आते बच्चे
इन दिनों क्षेत्र में हाड़ कंपा देने वाली सर्दी अपना प्रकोप दिखा रही है। ऐसी सर्दी में बच्चे तो दूर अधिकारी वर्ग व कर्मचारियों को भी समय पर कार्यालय नहीं पहुंच पाते हैं। ऐसी सर्दी में बच्चों को शीतकालीन अवकाश नहीं देने से बच्चों को कड़ाके की ठण्ड में परेशानी उठानी पड़ती है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में अवकाश नहीं होने व सर्दी में जाने से कई बच्चों को मौसमी बीमारियों का शिकार होना पड़ रहा है।
इनका कहना-
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद विभाग की ओर से आंगनबाड़ी केन्द्र को 300 दिन खोलने के साथ साथ बच्चों को पोषाहार देने का प्रावधान है। इस कारण विभाग आंगनबाड़ी केन्द्र में शीतकालीन अवकाश घोषित नहीं किया जा सकता है। सर्दी से बचने के लिए केन्द्र के समय में परिवर्तन जरूर कर दिया जाता है।
शक्तिसिंह, महिला एवं बाल विकास अधिकारी, कुचामन।
Published on:
05 Jan 2018 07:24 pm
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