
Women and child development department
नागौर. नागौर जिले में जिस विभाग पर गर्भवती व धात्री महिलाओं तथा बालकों के विकास की जिम्मेदारी है, वह अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। स्थिति यह है कि अधिकारियों के आधे से ज्यादा पद रिक्त चल रहे हैं, ऐसे में बच्चों का सर्वांगीण विकास करने एवं विद्यालय जीवन के लिए पूर्ण रूप से बच्चे को तैयार करने की बातें बेमानी साबित हो रही हैं। साथ ही न तो सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं की सुचारू रूप से क्रियान्विति हो रही है और न ही पात्र व्यक्ति को लाभ मिल पा रहा है।
जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग में बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) के कुल 13 पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से मात्र पद भरे हुए हैं, शेष 10 पद रिक्त हैं। एक प्रकार से देखा जाए तो महिला एवं बाल विकास विभाग में सीडीपीओ सबसे महत्वपूर्ण पद है, लेकिन जिले में 10 पद रिक्त होने से विभाग का काम बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। इसी प्रकार सहायक बाल विकास परियोजना अधिकारी के 8 के 8 पद रिक्त हैं।
विभाग में कार्यरत एवं रिक्त पद
पद का नाम - स्वीकृत - कार्यरत - रिक्त पद
सीडीपीओ - 13 - 3 - 10
सहायक सीडीपीओ - 8 - 0 - 8
लेखा संवर्ग - 14 - 9 - 7
सहायक प्रशासनिक अधिकारी - 6 - 4 - 2
वरिष्ठ सहायक - 8 - 8 - 0
महिला पर्यवेक्षक - 102 - 63 - 39
वाहन चालक - 5 - 3 - 2
सहायक कर्मचारी - 14 - 6 - 8
आशा के 131 पद रिक्त
जिले में 2715 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हैं तो 149 मिनी केन्द्रों को आंगनबाड़ी पाठशाला का रूप दिया गया है, इनमें कार्यकर्ता, मिनी कार्यकर्ता, सहायिका एवं आशा सहयोगनी के 303 पद रिक्त हैं, इसमें सबसे अधिक 131 पद आशा सहयोगनी के रिक्त हैं।
अब पद भरने की उम्मीद है
आरएएस भर्ती 2018 का परिणाम जारी होने के बाद अब जिले को नए सीडीपीओ मिलने की उम्मीद है। इसके लिए हमने विभाग के उच्चाधिकारियों को लिखित में अवगत भी कराया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका व आशा सहयोगनी के पद भरने की प्रक्रिया चल रही है। अक्टूबर 2020 की विज्ञप्ति के तहत अधिकतर पद भरने का प्रयास है, शेष रिक्त रहने वाले पदों के लिए अगस्त 2021 में दुबारा विज्ञप्ति निकालेंगे।
- सिकरामाराम, उप निदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग, नागौर
Published on:
22 Jul 2021 04:41 pm
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