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इस नदी में फैल रहा उद्योगों से निकला दूषित पानी

प्रदूषण विभाग को की मामले की शिकायत

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नागदा

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Lalit Saxena

Oct 06, 2018

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नागदा. चंबल नदी में स्थानीय उद्योग गुल ब्रांडसेन व लैंक्सेस द्वारा दूषित पानी छोड़े जाने का मामला प्रकाश में आया है। मामले की शिकायत सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश दुबे ने उज्जैन प्रदूषण विभाग की टीम को की गई है। अफसरों द्वारा शनिवार को दूषित पानी मिल रहे स्थान से सैंपल लेकर जांच किए जाने का तर्क दिया जा रहा है। दरअसल चंबल नदी में उक्त उद्योगों द्वारा नाले के माध्यम से दूषित पानी मिलाया जा रहा है। जिससे नदी का पानी काला हो रहा है। परेशानी यह है, कि उक्त दूषित पानी शहर में पेयजल सप्लाय किए जाने वाले फिल्टर प्लांट के समीप तक पहुंच रहा है। दूषित जल मिलाए जाने का सिलसिल बीते कई दिनों से जारी है। दूसरी ओर उज्जैन प्रदूषण विभाग ने बीते दिनों दावा किया था, कि उक्त दूषित पानी घाटा बिल्लौद के उद्योगों द्वारा छोड़ा जा रहा है। पानी नदी में लगातार मिलाए जाने से चंबल करीब 5 किमी के दायरे में प्रदूषित हो चुकी है।
क्या है मामला
दरअसल गुल ब्रांडसेन व लैंक्सेस उद्योग द्वारा नाले के माध्यम से चंबल नदी में दूषित पानी मिलाया जा रहा है। मामले को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश दुबे व नदी पर प्रतिदिन तैराकी करने पहुंचने वाले एक दल ने स्थानीय प्रदूषण विभाग को की। जिसके बाद मामले से प्रदूषण विभाग उज्जैन को अवगत कराने के बाद शहर के उप क्षेत्रीय कार्यालय की टीम ने सैंपल भरा है। विभाग के जिला अधिकारी पी.के.त्रिवेदी ने स्वीकार किया था, कि चंबल के अपस्ट्रीम में पानी का रंग कही काला तो कहीं पीला भी मिला है। नागदा की विभागीय टीम ने भी सैंपल भरा है। फिलहाल अब तक की जांच में यह सामने आया है कि घाटा बिल्लौद से यह पानी छोड़ा गया है।
आज शहर पहुंचेगा दल
मामले को लेकर जिला प्रदूषण अधिकारी पीके त्रिवेदी का कहना है कि, शनिवार को उज्जैन से एक दल भेजा जाएगा। दल द्वारा नदी में दूषित जल मिल रहे स्थान से पानी का सैंपल लिया जाएगा। जिसके बाद उक्त सैंपल को जांच के लिए लैब भेजा जाएगा। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि दूषित पानी किस उद्योग द्वारा मिलाया जा रहा है। बता दें, कि नायन पुलिया के समीप सबसे अधिक दूषित जल मिल रहा है। उक्त स्थान पर ही नगर पालिका नागदा, गे्रसिम उद्योग व खाचरौद का फिल्टर प्लांट मौजूद है। यही से शहर में पेयजल प्रदाय किया जाता है। यदि दूषित पानी मिलने का सिलसिला इस प्रकार जारी रहा तो, शहरवासी बीमारियों की चपेट में आएंगे।
मामले को लेकर शनिवार को उज्जैन से टीम भेजी जाएगी। टीम द्वारा सैंपल लिया जाएगा, जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।
पीके त्रिवेदी, जिला प्रदूषण अधिकारी