19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

यहां का विकास… दो किलोमीटर पटरी पर चलकर पहुंचते है स्कूल व अस्तपताल

इस गांव की ओर किसी भी जनप्रतिनिधि व अधिकारियों का ध्यान नहीं

2 min read
Google source verification
patrika

यहां का विकास... दो किलोमीटर पटरी पर चलकर पहुंचते है स्कूल व अस्तपताल

निर्भयसिंह राठौर/सुमराखेड़ा. तहसील मुख्यालय से 11 किमी की दूरी पर स्थित गांव हत्याखेड़ी एक ऐसा गांव है जहां बारिश के समय आम रास्ते का संपर्क टूट जाता है, जिससे इस गांव के विद्यार्थियों सहित ग्रामीणों को रेलवे लाइन पर करीब दो किमी तक पैदल चलकर सुमराखेड़ा पहुंचते है। ऐसे में अगर कोई हादसा हो जाए तो? इस गांव में आठवीं तक स्कूल है, इसके बाद बच्चों को उच्च शिक्षा लेने के लिए तराना और कायथा पढऩे जाना पड़ता है। ऐसे में यह विद्यार्थी अपनी जान जोखिम में डालकर शिक्षा का पाठ पढऩे जाते है। यह एक दिन की बात नहीं है पूरी बारिश ही यही स्थिति रहती है।

हत्याखेड़ी में अगर बारिश के दिनों में कोई रात के समय बीमार हो जाता है तो उसे चिकित्सा सुविधा के लिए सुमराखेड़ा जाना पड़ता है। अगर फोन लगाकर 100 व 108 भी बुलाई जाए तो वह भी एक किमी दूर खड़ी रहती है। यह समस्या आज की नहीं है। इस समस्या को लेकर जिम्मेदार भी मौन है। दरअसल इस गांव हत्याखेड़ी में आजादी के बाद से अभी तक सड़क का निर्माण नहीं हुआ है। विडंबना यह है कि इस गांव की ओर किसी भी जनप्रतिनिधि एवं अफसरों का ध्यान नहीं है। ग्रामीणों को पूरी बारिश जान हथेली लेकर रेलवे लाइन से गुजरकर सुमराखेड़ा जाना पड़ रहा है।

सड़क पर पसरा रहता है कीचड़
इस गांव के लोगों के लिए बारिश मुसीबत बनकर आती है। यहां के बाशिंदे बारिश में ना तो घर से निकल पाते है और ना ही बाइक से कहा जा पाते है। इस गांव के पास उज्जैन-भोपाल रेलवे लाइन होकर गुजर रही है। बारिश के दिनों में यह रेलवे मार्ग ही इस गांव के लोगों के लि गांव पहुंचने का रास्ता है।

पानी से होकर गुजर रहे छात्र
इस गांव के विद्यार्थी शहर में अध्ययन करने के लिए पानी में होकर गुजरना पड़ता है। यहां से निकलने के दौरान विद्यार्थी जूते मौजे हाथ में लेकर सड़क तक पहुंचते है। बीती रात की बात करे तो दो बाइक सवार इस जमा पानी में गिरकी घायल हो गए है। ऐसा वाक्या यहां रोजाना देखने को मिलता है।

ग्रामीणों का कहना
स्कूली बच्चे को आ रही ज्यादा परेशानी
सभी अधिकारियों को अवगत करवाने के बाद भी किसी ने भी ग्राम हत्याखेड़ी की सुध नहीं है। रात के समय आए दिन वाहन चालक बारिश के पानी में गिरकर घायल हो रहे हैं। इतना ही नहीं सबसे अधिक परेशानी स्कूली बच्चों को आ रही है। रात में जहरीले जानवरों का भी डर सताता है।
शांतिलाल पटेल, ग्राम हत्या खेड़ी
अफसरों की लापरवाही के चलते निर्माण कार्य नहीं हो रहा है। ग्रामवासियों को रेलवे लाइन का सहारा लेना पड़ रहा है। आए दिन यहां दुर्घटना होती है।
अंंतरसिंह आंजना, ग्राम वूसली पटेल