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जया किशोरी ने कहा संत नहीं, मैं एक साधारण लड़की हूं, जानिए अपने नाम पर क्या बोलीं कथावाचक

खुद को संत बताने से किया परहेज, अभिभावकों से बोलीं— बच्चों को इधर-उधर की कहानियां सुनाने की बजाय शास्त्र पढ़ाएं

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नागदा. कथा विदुषी व मोटिवेशनल स्पीकर जया किशोरी ने जनमानस से शास्त्रों से जुड़ने का आह्वान किया है। सर्किट हाउस पर प्रेसवार्ता में उन्होंने यह बात कही. जया किशोरी ने यह भी कहा कि मैं कोई संत नहीं, एक साधारण लड़की हूं, मेरी रुचि आध्यात्म में है और आध्यात्म में ही आगे बढ़ रही हूं। मैंने कथा को भी सरल भाषा में जनमानस के सामने प्रस्तुत करने की कोशिश की है। ताकि लोग हमारे शास्त्रों से जुड़ें। उन्होंने अपना नाम जया किशोरी रखने पर भी स्पष्टीकरण दिया.

मोटिवेशनल सेशन शुरू करने के बाद मैंने कई लेखकों की किताबे पढ़ी, शास्त्र पढ़ें और इन्हीं से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला, जो मैं जनमानस के समक्ष प्रस्तुत कर रही हूं। इसके लिए मेरे माता-पिता ने भी मुझे काफी प्रेरित किया। जयाकिशोरी का शास्त्राें पर जोर देने का तात्पर्य इसलिए है क्याेंकि उनका मानना है कि शास्त्रों में ही जीवन जीने के सही मायने छिपे हुए हैं, बस हमें शास्त्र पढ़कर इस खजाने को समेटने की जरुरत हैं। उन्होंने पालकों से भी आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को इधर-उधर की कहानियां सुनाने की बजाएं शास्त्र पढ़ाएं।

अधिकांश सोशल मीडिया चैनल भ्रामक
सोशल मीडिया से जुड़े एक सवाल पर जयाकिशोरी बोली कि उनके अधिकांश सोशल मीडिया चैनल अनवेरिफाइड हैं। उनसे जुड़ी जानकारियां वेरिफाइड चैनल से ही आती हैं। जयाकिशोरी ही नाम क्यों? इस सवाल पर उन्होंने कहा जब बेटा घर का कन्हैया हो सकता है तो बेटी राधा क्यों नहीं। सोशल मीडिया पर वायरल श्रीरामचरितमानस के दो शब्द छुद्र और शूद्र को उन्होंने शिक्षा का अधिकारी बताया। उन्होंने उदाहरण दिया ब्रह्मांड में 33 कोटि देवी-देवता हैं, इसका एक अर्थ करोड़ भी है।