
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलवाद की जड़े कमजोर पड़ती जा रही हैं। इस बीच छत्तीसगढ़ सरकार ने फैसला किया है कि नारायणपुर को नारियलपुरम के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां एक साथ नारियल के 20 हजार पौधे लगाए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के किसी भी जिले में नारियल के लिए किया गया यह पहला प्रयास है। नारायणपुर को नारियल हब बनाने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
केरल की तर्ज पर नारायणपुर को संवारने की पहल कोण्डागांव में नारियल बोर्ड ने की है। नारियल बस्तर में बहुतायत में बिकता है। लेकिन अधिकांश नारियल केरल और आंध्रप्रदेश से यहां आता है। (CG News) वन मंत्री केदार कश्यप ने नारायणपुर को नारियल हब बनाने के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं।
कलेक्टर विपिन मांझी ने बताया कि गांव-गांव में नारियल ( Narayanpur District ) के पौधे बांटे जा रहे हैं। जिले के एजुकेशन हब गरंजी, बंधवा तालाब, पुलिस लाइन, महाविद्यालय परिसर, आईटीआई सहित ग्रामीण इलाकों में इसका पौध रोपण किया जाएगा। जलवायु नारियल के लिए उपयुक्त
उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक तोषण चंद्राकर बताते हैं कि नारायणपुर की जलवायु नारियल के पेड़ के लिए अनुकूल है।
केरल के कोच्चि स्थित नारियल विकास बोर्ड नारियल उत्पादन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अधीन कोंडागांव जिले को भी रखा गया है, जो आसपास के राज्यों ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना तक के क्षेत्र को नारियल की पूर्ति करता है।
Published on:
27 Jul 2024 01:31 pm
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