
(फोटो सोर्स: पत्रिका)
MP News:एमपी के नर्मदापुरम में तवा, बारना और बरगी बांध से एक साथ पानी छोड़ने पर नर्मदा उफान पर आ जाती है। इससे बाढ़ का खतरा बन जाता है। इस समस्या से निपटने के लिए तवा बांध प्रबंधन ने बाढ़ नियंत्रण प्रोग्राम बनाया है। इसके तहत तीनों बांध से पानी छोड़ने के लिए एक साथ गेट नहीं खोले जाएंगे। तीनों बांध गेट खोलने के समय में अंतर रखेंगे। इससे नर्मदा का जल स्तर अचानक नहीं बढ़ेगा। बाढ़ से बचाव के इंतजाम करने के लिए समय भी मिल जाएगा।
जानकारी के मुताबिक बाढ़ नियंत्रण के लिए सेठानी घाट पर नर्मदा के जल स्तर को आधार बनाकर फ्लड कंट्रोल प्लान को लागू किया गया है। तेज बारिश होने की स्थिति पर तीनों बांधों से गेट खोले जाते हैं। तवा बांध से छोड़ा गया पानी लगभग 8 घंटे, बरगी बांध से 35 और बारना बांध से छोड़ा गया पानी 10 से 12 घंटे में नर्मदापुरम के सेठानी घाट पर पहुंचता है। इससे नर्मदा उफान पर आने से जिले में बाढ़ की स्थिति बन जाती है।
नए प्रोग्राम के तहत बांधों के बीच समन्वय बनाया गया है। गेट खेलने के पहले सभी जल स्तर की जानकारी एक दूसरे से सांझा कर गेट खोलने के समय के बीच में अंतर बनाएंगे। इससे जिस बांध के पानी सेठानी घाट चल रहा है, उसे आगे निकलने में समय मिल जाएगा। इससे नर्मदा का जल स्तर अचानक नहीं बढ़ेगा।
तवा बांध के गेटों को ऑपरेट करने के लिए बीते वर्ष अत्याधुनिक स्काड़ा सिस्टम लगाया है, लेकिन यह अभी ट्रायल एंड रन पर है। इसलिए गेटों का ऑपरेशन मैनुअल ही किया जाएगा।
तवा बांध ने पुलिस और प्रशासन के साथ समन्वय बनाने वायरलैस स्टेशन बनाया है। यहां से बांध के गेट खोलने की जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम को भेजी जाएगी। इसमें कितने गेट खोले हैं। इसकी संख्या बताई जाएगी।
तवा, बारना, बरगी का बाढ़ नियंत्रण प्रोग्राम बना लिया है। इसके तहत तीनों बांध गेट खोलने के पहले एक दूसरे को जानकारी देंगे। इससे में यह देख जाएगा। एक साथ पानी नर्मदा के सेठानी घाट पर नहीं पहुंचे।- अंकित सराफ, कार्यपालन यंत्री तवा जल सांसाधन विभाग नर्मदापुरम
Published on:
24 Jun 2025 05:45 pm
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