
Narmadapuram
mp news: एमपी की राजधानी भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से जिले को खासी की उम्मीदें हैं। यहां उद्योगपतियों के लिए निवेश के अच्छे अवसर हैं। कृषि प्रधान जिले में मोहासा औद्योगिक क्षेत्र में बनाया गया मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी पार्क जिले में नई ऊर्जा का संचार कर रहा है। दिसंबर 2024 में हुई रीजनल इंड्रस्ट्री कॉन्क्लेव में ऊर्जा पार्क में 18 हजार करोड़ के निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। इसमें कारखानों को भूमि आवंटन की कार्रवाई भी शुरू हो गई है।
जानकारी के मुताबिक मुख्यालय से लगे 1678 एकड़ के पूर्ण विकसित औद्योगिक क्षेत्र में 884 एकड़ का रिन्यूएबल एनर्जी पार्क बनाया है। यहां उद्योगपतियों के बढ़ते रूझान को देखते हुए ऊर्जा पार्क की भूमि को 227 से 884 एकड़ तक कर दिया गया है। इसमें निवेश करने वाले उद्योगपतियों को केंद्र सरकार के वित्तीय अनुदान को सीधा लाभ देने की व्यवस्था की गई है। कारखाना लगाने के लिए न्यूनतम दरों में भूमि भी आवंटित की जा रही है।
जिले में गेहूं, धान, दलहनी फसलों को भरपूर उत्पादन से मोहासा में फूड प्रोसेसिंग कारखानों को आसानी से अनाज मिलता है। इस कारण पंजाब, दिल्ली के फूड प्रोसेसिंग वाली कुछ कंपनियों ने निर्माण भी शुरू किया है। नर्मदा तवा सहित सहायक नदियों के किनारों से रेत, मुरम जैसे खनिज होने से खनिज आधारित उद्योगों को माल एकत्र करने में परेशानी नहीं होगी।
वहीं नर्मदापुरम के मोहासा और कीरतपुर औद्योगिक क्षेत्र स्टेट, नेशनल हाईवे के साथ फोरलेन से जुड़ा है। इसलिए कारखानों को कच्चे, पक्के माल आवागमन में परेशानी नहीं होगी। इसके अलावा भोपाल से करीब होने से हवाई मार्ग के जरिए चंद घंटों में देश के किसी भी कौने से पहुंचा जा सकता है।
कारखाना लगाने के लिए व्यवस्थाएं ठीक हैं, लेकिन अनुदान में भेदभाव किया जा रहा है। वर्तमान में सरकार 10 करोड़ से ऊपर के प्लांट को 60.1% सब्सिडी दे रहा है और 9 करोड़ की लागत पर 40% और महिलाओं को 48 % का अनुदान दे रही है। यह समान होना चाहिए। उत्पादन के हिसाब से उद्योग लगाने की अनुमति मिले।- अजय मालवीय, राइस मिल संचालक इटारसी
जिले में फूड प्रोसेसिंग की अपार संभानाएं बन रही हैं। सरकार की नीतियों के कारण उद्योगपति को कच्चा माल खरीदने में अभी की स्थिति में परेशानी नहीं हो रही है। विकसित हो रहे औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आवंटन की प्रक्रिया सरल होने के कारण उत्पादन के क्षेत्र में जिले की तस्वीर बदलने लगी है। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।- गोविंद राठी, संचालक दाल मिल पिपरिया
स्थापित होने वाले कारखानों में श्रमिक समस्या नहीं है। कारखानों को श्रमिक आसानी से मिल जाते हैं। इस कारण बड़ी कंपनियां भी यहां निवेश करने में पीछे नहीं हैं। वर्तमान में जिले में लगभग 30 से अधिक दाल, 5 राइस मिलें पिपरिया में संचालित की जा रही हैं। कीरतपुर में छोटे-बड़े 70 से अधिक कारखानों ने उत्पादन शुरू कर दिया है।
Updated on:
24 Feb 2025 01:50 pm
Published on:
24 Feb 2025 01:46 pm
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