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 Blackberry…….स्वादिष्ट फल ही नहीं हर मर्ज की दवा भी है जामुन

जामुन में पाए जाते हैं वे जरूरी तत्व जो शरीर के लिए होते हैं आवश्यकस्मरण शक्ति बढ़ाने से लेकर मधुमेह तक ठीक करती है जामुन

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govind chouhan

Jul 01, 2017

Jamun

Jamun

होशंगाबाद.
इन दिनों बाजार में भरपूर मात्रा में आ रही काली-काली जामुन हर किसी को भा रही है। शायद ही कोई होगा जो इनसे परहेज करता हो। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जामुन सिर्फ स्वाद ही नहीं शरीर की विभिन्न बीमारियों के लिए भी बेहद फायदेमंद होती है। खासकर मधुमेह के रोगियों के लिए तो यह रामबाण औषधि का काम करती है। इसके पत्ते से लेकर गुठली तक बहुउपयोगी होती है। यह एक मौसमी फल है जो इन्हीं दिनों में बहुतायत आता है।


जामुन की प्रकृति -
जा
मुन अम्लीय प्रकृति का फल है। यह स्वाद में खट्टा-मीठा होता है. यह तासीर से गर्म, फीका और मलस्तम्भक होता है तथा श्वास, सूजन, थकान, अतिसार, कफ और ऊर्ध्वरस को नाश करता है। यह शीतल व वायु का नाश करने वाला होता है।


वैज्ञानिक दृष्टिकोण -
वैज्ञानिकों के अनुसार जामुन में लगभग वे सभी लवण पाए जाते हैं जिनकी हमारे शरीर को आवश्यकता होती है। इसमें लौह और फास्फोरस काफी मात्रा में होता है। जामुन में कोलीन तथा फोलिक एसिड भी होता है। जामुन के बीच में ग्लुकोसाइड, जम्बोलिन, फेनोलयुक्त पदार्थ, पीलापल लिए सुगन्धित तेल काफी मात्रा में उपलब्ध होता है। जामुन मधुमेह (डायबिटीज), पथरी, लीवर, तिल्ली और खून की गंदगी को दूर करता है। जामुन और उसके बीज पाचक और स्तम्भक होते हैं।


डायबिटीज के मरीजों के लिए वरदान है जामुन की गुठली


वैसे तो जामुन की गुठलियां आपके स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होती हैं । लेकिन जो लोग डायबिटिज के रोगी है उनकी बिमारी के लिए ये रामबाण दवा है। डायबिटीज में केवल जामुन ही नहीं, बल्कि इसकी गुठली का पाउडर भी बेहद फायदेमंद होता है। अगर डायबिटीज के रोगी हैं तो रोजाना सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ 1 चम्मच जामुन की गुठली के पाउडर का सेवन करें। तो काफी फायदा होता है साथ ही शुगर लेवल भी कंट्रोल में रहता है। मधुमेह के रोगियों को हर रोज 150 ग्राम जामुन खाना चाहिए

इस तरह बना सकते हैं पावडर -
सबसे पहले जामुन की गुठलियों को अच्छी तरह धो लें। फिर इन्हें सूखाने के लिए धूप में रख दें। जब यह सूख जाए तो इनका छिलका उतार लें। अब गुठली को पीसने से पहले छोटे-छोटे टुकड़े कर लें। फिर इसे पीसकर इसका पावडर तैयार कर लें और उसे किसी शीशी में भरकर रख लें। इसे रोजाना 1 चम्मच की मात्रा में सुबह खाली पेट गुनगुना पानी के साथ सेवन करें। कुछ ही दिनों में आपकी डायबिटीज कंट्रोल हो जाएगी।


हर मर्ज में आती है काम

- ब्लैकबेरी में आयरन होता है जो रक्त के लिए काफी जरुरी तत्व होता है ।

- अगर शरीर पर कोई फफोला, जलन, घाव हो जाते हैं तो इसकी गुठली पानी में पीसकर रोजाना दो बार लगाने से ये घाव ठीक हो जाते हैं

- पेट दर्द, दस्त होने पर इसके रस में सेंधा नमक मिलाकर पीएं फायदा होगा।

- बार-बार होने वाले दस्तों में जामुन के कोमल पत्तों को शहद के साथ सेवन करने से लाभ होता है।

- जामुन का शर्बत पीने से थकान दूर होकर ताजगी अनुभव होती है

- जामुन का सिरका सौंदयवर्धक होता है। एक कप पानी में एक चम्मच सिरका मिलाकर पीएं सौंदर्य में निखार आएगा।

- मुंह में यदि छाले हो गए हों तो जामुन के पत्तों पानी के साथ पीसकर गरारे अथवा कुल्ला करने से मुँह के छाले बहुत जल्दी ठीक हो जाते हैं।

- ऐसा माना जाता है कि बिच्छू के दंश पर जामुन के पत्तों का रस लगाने से बिच्छू का दंश ठीक हो जाता है।

- जामुन,के पेड़ की छाल का कुल्ला करने अथवा इसकी दातून से रोज दांतों को साफ करनो से दांत मजबूत होते हैं और मुंह के रोग भी ठीक हो जाते हैं।

- जामुन के पेड़ की छाल को आग में जलाकर उसकी राख को शहद के साथ खिलाने से वमन अथवा उल्टी में फायदा होता है।

- जामुन की गुठली घिसकर मुहांसों पर लगाने से कुछ ही दिनों में मुहांसे ठीक होने लगते हैं।

- जामुन की छाल को नारियल के तेल में पीसकर जले हुए स्थान पर दिन में 2-3 बार लगाने से लाभ मिलता है।

- जामुन की गुठली का चूर्ण सुबह-शाम पानी के साथ खाने से स्वप्नदोष की समस्या खत्म हो जाती है।

संबंधित खबरें


- जामुन को सिरके में भिगोकर सुबह और शाम रोजाना खाने से पित्ती शांत हो जाती है।

- जामुन के पेड़ की छाल का काढ़ा शहद के साथ पीने से दस्त और पेचिश दूर हो जाती है।

- कान में दर्द होने पर जामुन का तेल डालने से लाभ होता है।

- पकी हुई जामुन खाने से मूत्र की पथरी में लाभ होता है। इसकी गुठली को चूर्णकर दही के साथ खाना लाभदायक है। इसकी गुठली का चूर्ण 1-2 चम्मच ठण्डे पानी के साथ रोज खाने से धातुरोग में फायदा होता है।

- जामुन की गुठली और आ
म की गुठली को मिलाकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को हल्के गर्म पानी या छाछ के साथ पीने से बवासीर ठीक होती है तथा बवासीर में खून का गिरना बंद हो जाता है।

- जामुन के पत्ते का रस 10 से 20 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से रक्तप्रदर नष्ट होता है। इसके बीजों का चूर्ण मधुमेह में लाभकारी होता है।

- पके हुए बढिय़ा जामुन रोजाना खाली पेट खाने से जिगर की खराबी दूर होती है।

- रोजाना जामुन खाने से गुर्दे की पथरी धीरे-धीरे खत्म होती है।

- जामुन के पत्तों का रस निकालकर पीने से बार-बार प्यास लगने की समस्या से छुटकारा मिलता है।

- जामुन की नई कोपलें (पत्तियां) और 5 काली मिर्च, पानी के साथ पीसकर सुबह-शाम पीने से मधुमेह में लाभ होता है।

- पके हुए जामुन के रस में थोड़ा-सी मात्रा में काला नमक मिलाकर पीने से पेट का दर्द ठीक हो जाता है।

- जामुन की गुठलियों को पीसकर शहद में मिलाकर गोलियां बना लें। रोजाना इन गोलियों का सेवन करने से बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है।

- जामुन की गुठलियों को सुखाकर बारीक पीस लें। दो चुटकी चूर्ण सुबह-शाम शहद के साथ सेवन करें। गले की सूजन नष्ट हो जाती है।


सावधानियां-

1. जामुन के रस को दूध के साथ सेवन न करें।

2. जामुन को हमेशा खाना खाने के बाद ही खाना चाहिए।

3. जामुन खाने के तुरन्त बाद दूध नहीं खाना चाहिए।

4. जामुन को खाली पेट खाना नहीं माना गया है।

5. ज्यादा मात्रा में जामुन खाना भी स्वास्थ्य के लिहए हानिकारक हो सकता है।


हानिकारक प्रभाव -
जामुन का अधिक मात्रा में सेवन शरीर के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इससे गैस, बुखार, सीने का दर्द, कफ जनित रोग, वात विकारों के रोग उत्पन्न हो सकते हैं।