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PM आवास योजना का नहीं मिल रहा लाभ, पेड़ पर रहने को मजबूर परिवार

नरसिंहपुर के करेली ब्लॉक के मोहद गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत खुद के घर की राह देखते-देखते एक गरीब युवक ने मजबूर होकर पेड़ को ही अपना घर बना लिया है।

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PM आवास योजना का नहीं मिल रहा लाभ, पेड़ पर रहने को मजबूर परिवार

नरसिंहपुर/ एक तरफ तो सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाखों लोगों को आवास देने का दावा कर रही है, लेकिन इसी बीच मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसने इन सरकारी दावों पर सोचने को मजबूर कर दिया है। दरअसल, जिले के करेली ब्लॉक के मोहद गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत खुद के घर की राह देखते-देखते एक गरीब युवक ने मजबूर होकर पेड़ को ही अपना घर बना लिया है।

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इसलिये पेड़ पर रह रहा है छोटे खान

ये बात सुनने में भले ही अजीब लग रही होगी, कि कोई कैसे सर्दी, गर्मी, बारिश के समय में खुद को एक पेड़ पर सुरक्षित रख सकता है, लेकिन ये हकीकत है। दरअसल, मोहद गांव में रहने वाले छोटे खान नामक युवक पेड़ पर रहकर अपना जीवन बसर कर रहा है। छोटे ने बताया कि, पहले वो अपने खेत के मकान में रहा करता था, लेकिन इसी मकान में उसके साथ उसके बेटी दामाद और परिवार के अन्य सदस्य भी रहते हैं, जिसके बाद घर में रहने योग्य जगह नहीं बची, जिसके चलते अब वो पेड़ पर ही रह रहा है।


कई चक्कर लगाए, पर जिम्मेदारों ने नहींली सुध

छोटे खान के अनुसार, उसकी ओर से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनवाने के लिए ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत के भी कई चक्कर काटे और कई आवेदन भी दिये, लेकिन अब तक किसी भी जिम्मेदार ने उसकी फरियाद नहीं सुनी। छोटे की आर्थिक स्थिति भी ऐसी नहीं कि, वो किसी किराये का घर लेकर उसमें रह सके। इसलिये मजबूरन उसने पेड़ पर रहकर ही अपना जीवन बसर करने का फैसला लिया।


सालभर से पेड़ पर ही रह रहा है छोटे खान

प्रधानमंत्री आवास योजना की राह देखते देखते छोटे खान खेत के ही एक पेड़ पर रह रहा है। लगभग 1 साल से भी ज्यादा का समय बीत चुका है, यानी साल की तीनों सीजन सर्दी, गर्मी या बरसात वो इस पेड़ पर रहकर ही देख चुका है। हालांकि, पेड़ से उसका घर नजदीक ही है, इसलिये खाने-पीने या अन्य जरूरतों के लिये उसे ज्यादा परेशान नहीं होना पड़ता। लेकिन, रहने के लिए छत और सोने के लिए जमीन की जरूरत किसे नहीं होती।

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आर्थिक स्थिति है कमजोर

छोटे खान की आर्थिक स्थिति भी काफी कमजोर है। छोटी सी जमीन पर खेती और मजदूरी करके परिवार जैसे तैसे अपना गुजारा करता है। ऐसे में अन्य मकान के लिये किराया दे पाना या खुद के लिये खेत पर ही अन्य मकान बना पाना उनके लिये संभव नहीं है। बहरहाल, नियमों के तहत अपना नंबर आाने के इंतजार में बैठे छोटे खान फिलहाल, तो बेहद जरूरतमंद होने के बावजूद प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत खुद का घर पाने से वंचित ही है।


प्रतीक्षा सूची में है नाम, लेकिन इसलिये नही बन पा रहे आवास

इस संबंध में करेली के सीईओ प्रबल अरजरिया ने बताया कि, छोटे खान नामक युवक का नाम प्धानमंत्री आवास योजना की प्रतीक्षा सूची में डला हुआ है, लेकिन प्रदेश सरकार के की ओर से इस सूची पर रोक लगाई गई है, जिसके चलते यहां आवास नहीं बन पा रहे हैं और छोटे ही नहीं बल्कि उसके जैसे कई जरूरतमंद अपने आशियाने की आस में किसी न किसी तरह अपना जावन यापन करने को मजबूर हैं।

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