
jila sahkari bank narsinghpur
नरसिंहपुर. कोरोना की मार के बावजूद रबी और खरीफ के सीजन में जिले में फसलों की बंपर पैदावार हुई है। इसके बावजूद सहकारी बैंक की समितियों द्वारा किसानों को दिए गए अल्पकालीन ३७१ करोड़ रुपए ऋण में से अभी भी करीब ८० करोड़ रुपए वसूल नहीं हो सका है। जिससे ऋण न चुकाने वाले करीब ७ हजार किसानों के डिफाल्टर हाने की नौबत आ गई है। गौरतलब है कि ऋण वसूली के लिए शासन दो बार समय अवधि बढ़ा चुका है।
१०४ समितियों ने बांटा ३७१.१८ करोड़ का ऋण
जिले में कुल १०४ सहकारी समितियां हैं जिनके माध्यम से 2020-21 में जिले के करीब ४० हजार किसानों को रबी और खरीफ फसल के लिए खाद, बीज आदि के लिए समितियों द्वारा 371.18 करोड़ रुपये अल्पकालीन फसल ऋण वितरित किया गया है। जिसमें से अभी तक करीब ३३ हजार किसानों ने २५० करोड़ रुपए का ऋण बैंकों को वापस कर दिया है जबकि करीब ७ हजार किसान अभी भी बकायादारों की श्रेणी में हैं। शासन ने इनसे ऋण की वसूली के लिए पहले खरीफ सीजन के लिए ३० मार्च निर्धारित की थी जिसे बढ़ाकर ३० जून किया गया। इसी तरह रबी की फसल के लिए पहले १५ जून निर्धारित की गई थी जिसे बढ़ाकर ३० जून किया गया है।
30 जून तक ऋण न चुकाने पर होंगे डिफाल्टर, लगेगा ७ प्रतिशत ब्याज
जिले की प्राथमिक साख सहकारी समितियों के माध्यम से अल्पकालीन फसल ऋण वाले किसानों को शासन की शून्य प्रतिशत ब्याज सहायता योजना का लाभ लेने के लिए आगामी 5 दिनों के अंदर ३० जून तक अपना ऋण चुकाना होगा। अन्यथा वे डिफाल्टर घोषित कर दिए जाएंगे। ३० जून तक अल्पकालीन फसल ऋण न चुकाने वाले किसानों को न केवल ब्याज लाभ से वंचित होना पड़ेगा बल्कि उन्हें 7 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान भी करना होगा। ऋण को समय पर चुकता करने वाले किसानों को ही शासन की शून्य प्रतिशत ब्याज योजना का लाभ मिलेगा। 30 जून के पूर्व अल्पकालीन फसल ऋण जमा करने वाले कृषकों को केन्द्र सरकार की 3 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि तथा राज्य सरकार की 4 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज सहायता राशि का लाभ मिल सकेगा। इसके अलावा प्रत्येक कृषक को उपलब्ध सामान्य ब्याज अनुदान राज्य सरकार व केन्द्र सरकार का भी लाभ होगा।
बैंक को वसूलना थे ६०० करोड़
दूसरी ओर जिला सहकारी बैंक को किसानों से करीब ६०० करोड़ वसूलना था जिसमें वर्तमान का 371.18 करोड़ रुपये अल्पकालीन फसल ऋण भी शामिल है। वर्ष 2020-21 में समितियों द्वारा बांटे गए 371.18 करोड़ ऋण में से यदि पूरी राशि ३० जून तक किसान जमा करते हैं तो भी बैंक को अपना पुराना बकाया करीब २२९ करोड़ रुपए वसूलना है। इस पुराने २२९ करोड़ के बकाया ऋण को लेकर किसान ब्याज चुकाने के साथ ही अर्थदंड भी भर रहे हैं।
वर्जन
वर्ष 2020-21 में समितियों ने 371.18 करोड़ रुपये अल्पकालीन फसल ऋण वितरित किया है। इसमें से करीब २९० करोड़ की वसूली हो चुकी है। करीब ७ हजार किसानों पर करीब ४० करोड़ बकाया है। यदि वे ३० जून तक इसे जमा नहीं करेंगे तो डिफाल्टर की श्रेणी में आ जाएंगे और ब्याज सहित ऋण राशि जमा करनी होगी।
आरसी पटले, महाप्रबंधक जिला सहकारी बैंक
Published on:
25 Jun 2021 10:37 pm
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