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जन आस्था का केन्द्र है हर्रई माता मंदिर

जन आस्था का केन्द्र है हर्रई माता मंदिर

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Harray Mata Temple is the center of public faith

Harray Mata Temple is the center of public faith

जन आस्था का केन्द्र है हर्रई माता मंदिर

नरसिंहपुर/क रेली- नगर से पूर्व दिशा की ओर जाने पर लगभग डेढ़ किलीमीटर की दूरी पर स्थित मां हर्रई माता मंदिर है। यह मंदिर कब बना इस बारे में ठीक से किसी को पता नहीं है। कहा जाता है कि यह क्षेत्र पहले गौड़वाना क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। बताया जाता है हर्रई के राजा इस मंदिर में आया करते थे, वो ही इस मंंदिर की देखरेख करते थे। इसलिए इस मंदिर का नाम हर्रई माता मंदिर पड़ा। प्राचीन काल से ही यहां आने वाले किसी भी भक्त को खाली हाथ नहीं जाना पड़ा। मां से बेटा बनाकर जिसने जो मांगा वह मां ने दिया। नगर में ऐसे अनेक भक्त है जो वर्ष भर मंदिर में मां के चरणों में शीश झुकाने जाते है। नवरात्र के मौके पर विशेष रूप से नगर के सबसे बड़े आस्था के केन्द्र मां हर्रई माता मंदिर में हजारों की तादाद में भक्त आते है। भक्त सुबह जल ढारने मां के दरबार में पहुंचते है तो मां के दरबार में भक्त का मेला लग जाता है। वर्तमान समय में इस मंदिर की देखरेख आयुक्त सनातन मंदिर समिति ट्रस्ट कर रहे है।

जन आस्था का केन्द्र है हर्रई माता मंदिर

नरसिंहपुर/क रेली- नगर से पूर्व दिशा की ओर जाने पर लगभग डेढ़ किलीमीटर की दूरी पर स्थित मां हर्रई माता मंदिर है। यह मंदिर कब बना इस बारे में ठीक से किसी को पता नहीं है। कहा जाता है कि यह क्षेत्र पहले गौड़वाना क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। बताया जाता है हर्रई के राजा इस मंदिर में आया करते थे, वो ही इस मंंदिर की देखरेख करते थे। इसलिए इस मंदिर का नाम हर्रई माता मंदिर पड़ा। प्राचीन काल से ही यहां आने वाले किसी भी भक्त को खाली हाथ नहीं जाना पड़ा। मां से बेटा बनाकर जिसने जो मांगा वह मां ने दिया। नगर में ऐसे अनेक भक्त है जो वर्ष भर मंदिर में मां के चरणों में शीश झुकाने जाते है। नवरात्र के मौके पर विशेष रूप से नगर के सबसे बड़े आस्था के केन्द्र मां हर्रई माता मंदिर में हजारों की तादाद में भक्त आते है। भक्त सुबह जल ढारने मां के दरबार में पहुंचते है तो मां के दरबार में भक्त का मेला लग जाता है। वर्तमान समय में इस मंदिर की देखरेख आयुक्त सनातन मंदिर समिति ट्रस्ट कर रहे है।