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नौका पर सवार होकर आ रहीं माता रानी की अगवानी में जुटा अंचल

मूर्तिकार बना रहे प्रतिमाएं, बनने लगे पंडालअनेक शुभ संयोगों के साथ आ रही शारदेय नवरात्रि

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गाडरवारा। इस बार मातारानी की आराधना का महापर्व शारदेय नवरात्रि 10 अक्टूबर से शुरू हो रही है। इसके अलावा अबकी बार शारदीय नवरात्रि में कई सालों बाद शुभ संयोग बन रहे हैं। ग्रह नक्षत्रों के उक्त संयोग बहुत खास रहेंगे। नगर एवं क्षेत्र के पंडितों के अनुसार तिथि क्षय नहीं होने के चलते नवरात्रि पूरे नौ दिनों की रहेगी। इस बार मां दुर्गा बुधवार को नाव पर सवार होकर आ रही हैं। नौका वाहन पर माता के आने से सर्वसिद्धि प्राप्ति होती है। पूरे नौ दिनों की नवरात्रि होना देश में खुशहाली का संकेत है। यह लगातार दूसरा साल है जब शारदीय नवरात्रि 9 दिनों की है, अगले साल 2019 में भी ऐसा ही रहना बताया गया है।
बन रहे यह शुभ संयोग
पूरे नौ दिनों की शारदेय नवरात्रि में दो गुरुवार आएंगे यह अत्यंत शुभ संयोग बताए हैं। गुरुवार को दुर्गा पूजा का कई गुना शुभ फल मिलता है। ग्रहों की स्थिति में शुक्र का स्वगृही होना शुभ फल देगा। वहीं इस बार नवरात्रि में राजयोग, द्विपुष्कर योग, अमृत योग के साथ सर्वार्थसिद्धि और सिद्धियोग का संयोग भी बन रहा है। इन विशेष योगों में की गई पूजा पाठ और खरीदारी अत्यधिक शुभ और फलदायी रहेगी। इसलिए नवरात्रि में पूजा.पाठ के साथ मांगलिक कार्यों के लिए खरीदारी करना भी शुभ माना जाएगा। घट स्थापना का मुहूर्त सुबह 06 बजकर 18 मिनिट से 10 बजकर 11 मिनिट तक रहेगा।
नगर में हो रही तैयारियां
शारदेय नवरात्रि पर गांव गांव में प्रतिमाएं रखने के साथ शहर में लगभग दो दर्जन स्थानों पर प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं। जिसमें कुछ मंडलों के लोग नागपुर, जबलपुर, सोहागपुर आदि बाहर से प्रतिमाएं लाते हैं। वहीं अनेक जगह लोकल मूर्तिकारों द्वारा बनाई प्रतिमाएं भी रखी जाती हैं। नगर के अलावा गांवों में भी यहां से बनी प्रतिमाएं जाती हैं। इसके चलते स्थानीय स्तर पर लगभग 15 स्थानों पर मूर्तिकार प्रतिमाएं बना रहे हैं। जिनका अब अंतिम स्तर पर निर्माण जारी है। प्रतिमा को आकार देकर अब श्रंगार किया जाने लगा है। मूर्तिकारों ने बताया कि वे आर्डर पर प्रतिमाएं बनाते हैं लगभग सभी की बुकिंग हो चुकी है। मूर्तिकार दीपक मालवीय ने बताया हमारे यहां तीन फुट से लेकर छह फुट तक की मिट्टी की प्रतिमाएं बन रही हैं। इनके न्यौछावर मूल्य 3500 से 13,000 तक बताए गए। प्रतिमा निर्माण में मूर्तिकारों को कई दिन लगते हैं। इसमें सुतली, टाट पटटी, बांस, धान की पुंवार, लकड़ी के पटिए कील एवं श्रंगार सामग्री, कलर पेंट लगता है। राधा कुटी के पास कामथवार्ड में लोकेश मूर्तिकार ने बताया उनके पास तीन से छह हजार तक की प्रतिमा बनाई जा रही है। सभी मूर्तिकारों ने बताया कि प्रतिमा निर्माण बेहद श्रम एवं साधना का काम होता है। वर्तमान महंगाई को देखते हुए लागत बढऩे से उन्हे लागत निकालना भी दूभर हो रही है।
सजने लगे पंडाल
नगर में दुर्गाेेत्सव की धूम देखने लायक होती है। आकर्षक पंडाल बनाकर गरबा एवं अनेक धार्मिक आयोजन नवरात्रि में होते हैं। जिसके चलते इस बार भी जगह जगह मातारानी के पंडाल सजाए जाने लगे हैं। सभी को बेसब्री से शारदेय नवरात्रि का इंतजार है।