
heartsurgery
नरसिंहपुर। जिले के करेली विकासखंड के ग्राम चिनकी में मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले राजेन्द्र यादव के बेटे वीरेन्द्र के हार्ट के ऑपरेशन से परिवार में खुशियां आ गई हैं। बच्चे को हंसता खेलता देखकर मजदूर परिवार खुश ह। पहले वीरेन्द्र चल भी नहीं पाता था। मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना से उसका उपचार किया गया और उसे नया जीवन मिल गया ।
राजेन्द्र यादव के घर पर पहले बच्चे वीरेन्द्र का जब जन्म हुआ था तो वह बहुत कमजोर था। उसके शरीर में हल्का सा नीलापन था। जिला अस्पताल में दिखाने पर उसे मेडिकल कॉलेज जबलपुर भेजा गया, जहां 10 दिन भर्ती रखकर बच्चे का पूरा परीक्षण किया गया तो पता चला कि बालक वीरेन्द्र के हार्ट में छेद है। मेडिकल कॉलेज और प्रायवेट अस्पताल के डॉक्टरों ने वीरेन्द्र के हार्ट के ऑपरेशन की सलाह दी। घर वाले ऑपरेशन कराने में आर्थिक रूप से सक्षम नहीं थे। बच्चे की तकलीफ देखकर माता पिता और दादा दादी बहुत चिंतित रहने लगे। डेढ़ वर्ष तक की आयु में बच्चा न तो सही ढंग से बैठ पा रहा था और ना ही चल पा रहा था।
इसी दौरान ग्राम चिनकी में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में डॉक्टरों ने वीरेन्द्र का परीक्षण कर परिवार वालों को बाल हृदय उपचार योजना के बारे में जानकारी दी और बताया कि इस योजना में ऑपरेशन निशुल्क हो जायेगा। वीरेन्द्र को शासकीय वाहन से जिला चिकित्सालय लाया गया और भोपाल के निजी हॉस्पिटल में ऑपरेशन के लिए एक लाख 50 हजार रूपये का प्रकरण तैयार कर भिजवाया गया। इस अस्पताल में भर्ती रहने के बावजूद वीरेन्द्र की गंभीर स्थिति को देखते हुए ऑपरेशन नहीं हो पाया और परिवार के साथ बच्चा वापस अपने गांव चिनकी आ गया। इस गंभीर स्थिति के बारे में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को अवगत कराया गया। उन्होंने वीरेन्द्र के उपचार के लिए पुन: स्टीमेट तैयार कराया और जो राशि निजी हॉस्पिटल में जमा कराई गई थी, उसे नागपुर के एक निजी हॉस्पिटल में ट्रांसफर किया गया। इसके बाद वीरेन्द्र के हार्ट का ऑपरेशन कृष्णा हॉस्पिटल नागपुर में सफलतापूर्वक हो गया। ऑपरेशन के 8 दिन बाद वीरेन्द्र को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इसके बाद तीन माह तक वीरेन्द्र की निशुल्क जांच कर उपचार किया गया। अब वीरेन्द्र स्वस्थ है और चलने फिरने एवं खेलने लगा है।
Published on:
15 Jun 2018 07:44 pm
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